Chapter 2: दादा-दादी
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दादा-दादी - Chapter Summary
# दादा-दादी
## अवलोकन
इस अध्याय में बालक “दादा-दादी” शीर्षक की छोटी कविता के माध्यम से हिंदी की दो संयुक्त व्यंजन ध्वनियों (‘द्द्’ व ‘द्दी’) का परिचय प्राप्त करते हैं। इसके पश्चात् विभिन्न खेल-गतिविधियों से ध्वनियों की पहचान, शब्द निर्माण और सुनने-समझने की क्षमता विकसित की जाती है।
## मुख्य विषय वस्तु
### 1. कविता पाठ
- **श्रीप्रसाद की कविता**: बालक “एक हमारी दादाजी हैं, एक हमारी दादी…” पंक्तियों का उच्चारण व समझ
- **भाषिक सौंदर्य**: सरल शब्दावली व मधुर लय से हिंदी कविता का आनन्द
### 2. ध्वन्यात्मक अभ्यास
- संयुक्त व्यंजन ‘द्द्’ एवं ‘द्दी’ के स्थान पर ‘न्न्’ एवं ‘न्नी’ बोलकर अभ्यास
- व्यंजन–स्वर मिलाकर नए शब्द बनाने की क्रिया (जैसे “अप्पू अप्प् अप्पम” में ‘अ’ की जगह ‘न्’, ‘द’ इत्यादि देकर)
- छपे चित्र देखकर उसमें प्रयुक्त ध्वनियों की गिनती व पहचान
### 3. शब्द निर्माण गतिविधियाँ
- ‘अपना’ व ‘अनथा’ जैसे शब्दों में प्रथम स्वर ‘अ’ खोजकर सही चिह्नित करना
- नए–नए ध्वनियों से शब्द बनाकर सुनाना और समूह में अभ्यास
- “दादा-दादी” व “नाना-नानी” कहानियाँ/कविताएँ परिवार के सदस्यों को सुनाने का प्रोत्साहन
### 4. सुनने और समझने की क्रियाएँ
- कविताएँ और शब्द बच्चे स्वयं या साथी से सुनकर पुनः अभिव्यक्त करें
- कक्षा में सब बच्चे अपनी भाषा में गीत/कविता प्रस्तुत करें ताकि सुनने–समझने का आत्मविश्वास बढ़े
## शिक्षण उद्देश्य
- संयुक्त व्यंजन ध्वनियों (‘द्द्’, ‘द्दी’, ‘न्न्’, ‘न्नी’ इत्यादि) का परिचय व सही उच्चारण
- शब्दों में आने वाले स्वर-ध्वनियों की पहचान व गिनती
- ध्वनि-आधारित शब्द निर्माण एवं नया शब्दकोश तैयार करना
- कविता पाठ के माध्यम से भाषा की लय और भावाभिव्यक्ति को समझना
- सुनकर समझने और पाठ को प्रेक्षण करके अभिव्यंजन कौशल का विकास
## नए शब्दों / परिभाषाएँ
- **संयुक्त व्यंजन (Compound Consonant)**
दो या अधिक व्यंजनों के संयुक्त रूप से बनी ध्वनि, जैसे ‘द्द्’, ‘द्दी’।
- **ध्वनि / फ़ोनीम (Phoneme)**
भाषा की सबसे छोटी इकाई, जो शब्दों में स्वर या व्यंजन का स्वरूप दर्शाती है।
- **शब्द निर्माण (Word Formation)**
व्यंजन-स्वर मिलाकर नए शब्द बनाने की प्रक्रिया।
- **कविता पाठ (Poem Recitation)**
कविता का सही लय, उच्चारण और भाव के साथ उच्चारण।
## अवलोकन
इस अध्याय में बालक “दादा-दादी” शीर्षक की छोटी कविता के माध्यम से हिंदी की दो संयुक्त व्यंजन ध्वनियों (‘द्द्’ व ‘द्दी’) का परिचय प्राप्त करते हैं। इसके पश्चात् विभिन्न खेल-गतिविधियों से ध्वनियों की पहचान, शब्द निर्माण और सुनने-समझने की क्षमता विकसित की जाती है।
## मुख्य विषय वस्तु
### 1. कविता पाठ
- **श्रीप्रसाद की कविता**: बालक “एक हमारी दादाजी हैं, एक हमारी दादी…” पंक्तियों का उच्चारण व समझ
- **भाषिक सौंदर्य**: सरल शब्दावली व मधुर लय से हिंदी कविता का आनन्द
### 2. ध्वन्यात्मक अभ्यास
- संयुक्त व्यंजन ‘द्द्’ एवं ‘द्दी’ के स्थान पर ‘न्न्’ एवं ‘न्नी’ बोलकर अभ्यास
- व्यंजन–स्वर मिलाकर नए शब्द बनाने की क्रिया (जैसे “अप्पू अप्प् अप्पम” में ‘अ’ की जगह ‘न्’, ‘द’ इत्यादि देकर)
- छपे चित्र देखकर उसमें प्रयुक्त ध्वनियों की गिनती व पहचान
### 3. शब्द निर्माण गतिविधियाँ
- ‘अपना’ व ‘अनथा’ जैसे शब्दों में प्रथम स्वर ‘अ’ खोजकर सही चिह्नित करना
- नए–नए ध्वनियों से शब्द बनाकर सुनाना और समूह में अभ्यास
- “दादा-दादी” व “नाना-नानी” कहानियाँ/कविताएँ परिवार के सदस्यों को सुनाने का प्रोत्साहन
### 4. सुनने और समझने की क्रियाएँ
- कविताएँ और शब्द बच्चे स्वयं या साथी से सुनकर पुनः अभिव्यक्त करें
- कक्षा में सब बच्चे अपनी भाषा में गीत/कविता प्रस्तुत करें ताकि सुनने–समझने का आत्मविश्वास बढ़े
## शिक्षण उद्देश्य
- संयुक्त व्यंजन ध्वनियों (‘द्द्’, ‘द्दी’, ‘न्न्’, ‘न्नी’ इत्यादि) का परिचय व सही उच्चारण
- शब्दों में आने वाले स्वर-ध्वनियों की पहचान व गिनती
- ध्वनि-आधारित शब्द निर्माण एवं नया शब्दकोश तैयार करना
- कविता पाठ के माध्यम से भाषा की लय और भावाभिव्यक्ति को समझना
- सुनकर समझने और पाठ को प्रेक्षण करके अभिव्यंजन कौशल का विकास
## नए शब्दों / परिभाषाएँ
- **संयुक्त व्यंजन (Compound Consonant)**
दो या अधिक व्यंजनों के संयुक्त रूप से बनी ध्वनि, जैसे ‘द्द्’, ‘द्दी’।
- **ध्वनि / फ़ोनीम (Phoneme)**
भाषा की सबसे छोटी इकाई, जो शब्दों में स्वर या व्यंजन का स्वरूप दर्शाती है।
- **शब्द निर्माण (Word Formation)**
व्यंजन-स्वर मिलाकर नए शब्द बनाने की प्रक्रिया।
- **कविता पाठ (Poem Recitation)**
कविता का सही लय, उच्चारण और भाव के साथ उच्चारण।
दादा-दादी
अवलोकन
इस अध्याय में बालक “दादा-दादी” शीर्षक की छोटी कविता के माध्यम से हिंदी की दो संयुक्त व्यंजन ध्वनियों (‘द्द्’ व ‘द्दी’) का परिचय प्राप्त करते हैं। इसके पश्चात् विभिन्न खेल-गतिविधियों से ध्वनियों की पहचान, शब्द निर्माण और सुनने-समझने की क्षमता विकसित की जाती है।
मुख्य विषय वस्तु
1. कविता पाठ
- श्रीप्रसाद की कविता: बालक “एक हमारी दादाजी हैं, एक हमारी दादी…” पंक्तियों का उच्चारण व समझ
- भाषिक सौंदर्य: सरल शब्दावली व मधुर लय से हिंदी कविता का आनन्द
2. ध्वन्यात्मक अभ्यास
- संयुक्त व्यंजन ‘द्द्’ एवं ‘द्दी’ के स्थान पर ‘न्न्’ एवं ‘न्नी’ बोलकर अभ्यास
- व्यंजन–स्वर मिलाकर नए शब्द बनाने की क्रिया (जैसे “अप्पू अप्प् अप्पम” में ‘अ’ की जगह ‘न्’, ‘द’ इत्यादि देकर)
- छपे चित्र देखकर उसमें प्रयुक्त ध्वनियों की गिनती व पहचान
3. शब्द निर्माण गतिविधियाँ
- ‘अपना’ व ‘अनथा’ जैसे शब्दों में प्रथम स्वर ‘अ’ खोजकर सही चिह्नित करना
- नए–नए ध्वनियों से शब्द बनाकर सुनाना और समूह में अभ्यास
- “दादा-दादी” व “नाना-नानी” कहानियाँ/कविताएँ परिवार के सदस्यों को सुनाने का प्रोत्साहन
4. सुनने और समझने की क्रियाएँ
- कविताएँ और शब्द बच्चे स्वयं या साथी से सुनकर पुनः अभिव्यक्त करें
- कक्षा में सब बच्चे अपनी भाषा में गीत/कविता प्रस्तुत करें ताकि सुनने–समझने का आत्मविश्वास बढ़े
शिक्षण उद्देश्य
- संयुक्त व्यंजन ध्वनियों (‘द्द्’, ‘द्दी’, ‘न्न्’, ‘न्नी’ इत्यादि) का परिचय व सही उच्चारण
- शब्दों में आने वाले स्वर-ध्वनियों की पहचान व गिनती
- ध्वनि-आधारित शब्द निर्माण एवं नया शब्दकोश तैयार करना
- कविता पाठ के माध्यम से भाषा की लय और भावाभिव्यक्ति को समझना
- सुनकर समझने और पाठ को प्रेक्षण करके अभिव्यंजन कौशल का विकास
नए शब्दों / परिभाषाएँ
- संयुक्त व्यंजन (Compound Consonant)
दो या अधिक व्यंजनों के संयुक्त रूप से बनी ध्वनि, जैसे ‘द्द्’, ‘द्दी’। - ध्वनि / फ़ोनीम (Phoneme)
भाषा की सबसे छोटी इकाई, जो शब्दों में स्वर या व्यंजन का स्वरूप दर्शाती है। - शब्द निर्माण (Word Formation)
व्यंजन-स्वर मिलाकर नए शब्द बनाने की प्रक्रिया। - कविता पाठ (Poem Recitation)
कविता का सही लय, उच्चारण और भाव के साथ उच्चारण।