Chapter 4: माँ
2nd StandardHindi
माँ - Chapter Summary
# माँ
## सारांश
यह पाठ “माँ” शीर्षक कविता और उससे संबंधित भाषा-गतिविधियों पर आधारित है। कविता में माँ की भोली-भाली, प्यारी-अब प्यारी बनकर सबके हृदय में विशिष्ट जगह रखने की प्रशंसा की गई है। रचनाकार ने माँ से मिलने वाले आत्मबल, विश्वास और जोश का वर्णन भी किया है :contentReference[oaicite:0]{index=0}।
## मुख्य गतिविधियाँ
### 1. ‘आनंदमयी कविता’ पढ़ना
- कविता के दो भाग:
- “माँ तुम ही स्तनी भोली-भाली…”
- “मरे मन में जोश तुमहीं से…”
- प्रत्येक पंक्ति में माँ के गुणों और उनसे मिलने वाले भावनात्मक लाभ का संक्षिप्त रूप से व्यक्त किया गया है :contentReference[oaicite:1]{index=1}।
### 2. इंद्रशबंदु का कमाल (शब्द बंधन)
- दिए गए चित्रों (जैसे आँख, बाँस, दाँत, साँप इत्यादि) का नाम लिखकर उन पर ‘ं’ (चन्द्रबिंदु) लगाकर नया शब्द बनाना है।
- उदाहरण स्वरूप: “मा” + “ं” = “माँ”
- छात्र अपने मन से कम से कम दस नए शब्द रचेंगे और उन्हें परिवार या मित्रों के लिए दो-चार पंक्तियों में उपयोग करके लिखेंगे :contentReference[oaicite:2]{index=2}।
### 3. शब्दों का खेल
- कविता में उपयोग हुए विशेषणों (भोली-भाली, प्यारी-प्यारी, सचची, नयारी) को पहचानना और अपने पारिवारिक सदस्यों के लिए दो-चार पंक्तियों में इस्तेमाल करना।
- इससे छात्र शब्दार्थ और रचनात्मक लेखन दोनों का अभ्यास करेंगे :contentReference[oaicite:3]{index=3}।
### 4. शिक्षण-संकेत
- शिक्षक बच्चों से कविता पर बातचीत करेंगे, उदाहरण देंगे और स्वयं नए दो-चार पंक्ति रचना हेतु प्रोत्साहित करेंगे।
- बच्चों को विभिन्न अवसरों पर अपनी भाषा में मन की बात कहने के लिए प्रेरित किया जाएगा :contentReference[oaicite:4]{index=4}।
## नए शब्दों की परिभाषाएँ
| शब्द | सरल परिभाषा |
|---------------|-----------------------------------------------|
| भोली-भाली | निर्दोष और मासूम |
| प्यारी-प्यारी | बहुत स्नेही और प्रिय |
| सचची | सच्चे हृदय से भावुक |
| नयारी | सबसे अलग, अनोखी |
| चन्द्रबिंदु | हिंदी में माथे पर छोटा निशान (ं) लगाने वाला चिह्न |
## सारांश
यह पाठ “माँ” शीर्षक कविता और उससे संबंधित भाषा-गतिविधियों पर आधारित है। कविता में माँ की भोली-भाली, प्यारी-अब प्यारी बनकर सबके हृदय में विशिष्ट जगह रखने की प्रशंसा की गई है। रचनाकार ने माँ से मिलने वाले आत्मबल, विश्वास और जोश का वर्णन भी किया है :contentReference[oaicite:0]{index=0}।
## मुख्य गतिविधियाँ
### 1. ‘आनंदमयी कविता’ पढ़ना
- कविता के दो भाग:
- “माँ तुम ही स्तनी भोली-भाली…”
- “मरे मन में जोश तुमहीं से…”
- प्रत्येक पंक्ति में माँ के गुणों और उनसे मिलने वाले भावनात्मक लाभ का संक्षिप्त रूप से व्यक्त किया गया है :contentReference[oaicite:1]{index=1}।
### 2. इंद्रशबंदु का कमाल (शब्द बंधन)
- दिए गए चित्रों (जैसे आँख, बाँस, दाँत, साँप इत्यादि) का नाम लिखकर उन पर ‘ं’ (चन्द्रबिंदु) लगाकर नया शब्द बनाना है।
- उदाहरण स्वरूप: “मा” + “ं” = “माँ”
- छात्र अपने मन से कम से कम दस नए शब्द रचेंगे और उन्हें परिवार या मित्रों के लिए दो-चार पंक्तियों में उपयोग करके लिखेंगे :contentReference[oaicite:2]{index=2}।
### 3. शब्दों का खेल
- कविता में उपयोग हुए विशेषणों (भोली-भाली, प्यारी-प्यारी, सचची, नयारी) को पहचानना और अपने पारिवारिक सदस्यों के लिए दो-चार पंक्तियों में इस्तेमाल करना।
- इससे छात्र शब्दार्थ और रचनात्मक लेखन दोनों का अभ्यास करेंगे :contentReference[oaicite:3]{index=3}।
### 4. शिक्षण-संकेत
- शिक्षक बच्चों से कविता पर बातचीत करेंगे, उदाहरण देंगे और स्वयं नए दो-चार पंक्ति रचना हेतु प्रोत्साहित करेंगे।
- बच्चों को विभिन्न अवसरों पर अपनी भाषा में मन की बात कहने के लिए प्रेरित किया जाएगा :contentReference[oaicite:4]{index=4}।
## नए शब्दों की परिभाषाएँ
| शब्द | सरल परिभाषा |
|---------------|-----------------------------------------------|
| भोली-भाली | निर्दोष और मासूम |
| प्यारी-प्यारी | बहुत स्नेही और प्रिय |
| सचची | सच्चे हृदय से भावुक |
| नयारी | सबसे अलग, अनोखी |
| चन्द्रबिंदु | हिंदी में माथे पर छोटा निशान (ं) लगाने वाला चिह्न |
माँ
सारांश
यह पाठ “माँ” शीर्षक कविता और उससे संबंधित भाषा-गतिविधियों पर आधारित है। कविता में माँ की भोली-भाली, प्यारी-अब प्यारी बनकर सबके हृदय में विशिष्ट जगह रखने की प्रशंसा की गई है। रचनाकार ने माँ से मिलने वाले आत्मबल, विश्वास और जोश का वर्णन भी किया है :contentReference[oaicite:0]{index=0}।
मुख्य गतिविधियाँ
1. ‘आनंदमयी कविता’ पढ़ना
- कविता के दो भाग:
- “माँ तुम ही स्तनी भोली-भाली…”
- “मरे मन में जोश तुमहीं से…”
- प्रत्येक पंक्ति में माँ के गुणों और उनसे मिलने वाले भावनात्मक लाभ का संक्षिप्त रूप से व्यक्त किया गया है :contentReference[oaicite:1]{index=1}।
2. इंद्रशबंदु का कमाल (शब्द बंधन)
- दिए गए चित्रों (जैसे आँख, बाँस, दाँत, साँप इत्यादि) का नाम लिखकर उन पर ‘ं’ (चन्द्रबिंदु) लगाकर नया शब्द बनाना है।
- उदाहरण स्वरूप: “मा” + “ं” = “माँ”
- छात्र अपने मन से कम से कम दस नए शब्द रचेंगे और उन्हें परिवार या मित्रों के लिए दो-चार पंक्तियों में उपयोग करके लिखेंगे :contentReference[oaicite:2]{index=2}।
3. शब्दों का खेल
- कविता में उपयोग हुए विशेषणों (भोली-भाली, प्यारी-प्यारी, सचची, नयारी) को पहचानना और अपने पारिवारिक सदस्यों के लिए दो-चार पंक्तियों में इस्तेमाल करना।
- इससे छात्र शब्दार्थ और रचनात्मक लेखन दोनों का अभ्यास करेंगे :contentReference[oaicite:3]{index=3}।
4. शिक्षण-संकेत
- शिक्षक बच्चों से कविता पर बातचीत करेंगे, उदाहरण देंगे और स्वयं नए दो-चार पंक्ति रचना हेतु प्रोत्साहित करेंगे।
- बच्चों को विभिन्न अवसरों पर अपनी भाषा में मन की बात कहने के लिए प्रेरित किया जाएगा :contentReference[oaicite:4]{index=4}।
नए शब्दों की परिभाषाएँ
शब्द | सरल परिभाषा |
---|---|
भोली-भाली | निर्दोष और मासूम |
प्यारी-प्यारी | बहुत स्नेही और प्रिय |
सचची | सच्चे हृदय से भावुक |
नयारी | सबसे अलग, अनोखी |
चन्द्रबिंदु | हिंदी में माथे पर छोटा निशान (ं) लगाने वाला चिह्न |