Chapter 10: कौन

2nd StandardHindi

कौन - Chapter Summary

# अगर न होता…

## सारांश
इस पाठ में बालसिरूप राही द्वारा रचित कविता “अगर न होता…” के माध्यम से प्राकृतिक तत्वों के महत्व को उजागर किया गया है। कवि पूछता है कि अगर चाँद, सूरज, नदियाँ, पेड़-पौधे, फूल, बादल और इंद्रधनुष न होते तो हमारा जीवन कैसा होता​—रात और दिन का सौंदर्य, जल चक्र, हरियाली, रंग-बिरंगे दृश्य सब अधूरे रह जाते :contentReference[oaicite:0]{index=0}।

कविता के बाद चार मुख्य भागों में व्यायाम और गतिविधियाँ दी गई हैं:
1. **कविता समझो व प्रश्नोत्तरी**
– चाँद और सूरज न होने पर क्या होता?
– कविता में वर्णित इंद्रधनुष के रंग और बनने का समय आदि :contentReference[oaicite:1]{index=1}।
2. **वाक्य निर्माण (बातचीत के लिए)**
– ‘अगर पेड़ न होते तो…’, ‘अगर नदियाँ न होतीं तो…’ आदि वाक्यों को पूरा करना और स्वयं भी नए वाक्य रचना।
3. **प्रश्न–शब्द अभ्यास**
– ‘कौन, क्या, कब, कहाँ, कैसे, किसने/किसके’ जैसे शब्दों का उपयोग कर संवाद का अभ्यास।
4. **रचनात्मक गतिविधि: इंद्रधनुष बनाओ एवं आत्म-परिचय**
– इंद्रधनुष की रंग–बिरंगी तस्वीर बनाएं और हर रंग के सामने अपने बारे में एक वाक्य लिखें (उदा. लाल—मेरी उम्र … साल है)।
– परिवार के दो सदस्यों से प्री-तैयार प्रश्न पूछें और उनकी बातचीत सुनें :contentReference[oaicite:2]{index=2}।

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## नए शब्द / परिभाषाएँ

| शब्द | सरल परिभाषा |
|--------------|----------------------------------------------------|
| इंद्रधनुष | आकाश में वर्षा के बाद दिखाई देने वाला रंग-बिरंगा चाप |
| हरियाली | पेड़ों-पौधों से भरा हरा दृश्य |
| मसुकाता | खिलखिलाकर मुस्कुराता हुआ (मुस्कान झलकाना) |
| संवाद | दो या अधिक लोगों के बीच बोली जाने वाली बातचीत |
| रचनात्मकता | नई और अनूठी चीजें बनाने की क्षमता |

अगर न होता…

सारांश

इस पाठ में बालसिरूप राही द्वारा रचित कविता “अगर न होता…” के माध्यम से प्राकृतिक तत्वों के महत्व को उजागर किया गया है। कवि पूछता है कि अगर चाँद, सूरज, नदियाँ, पेड़-पौधे, फूल, बादल और इंद्रधनुष न होते तो हमारा जीवन कैसा होता​—रात और दिन का सौंदर्य, जल चक्र, हरियाली, रंग-बिरंगे दृश्य सब अधूरे रह जाते :contentReference[oaicite:0]{index=0}।

कविता के बाद चार मुख्य भागों में व्यायाम और गतिविधियाँ दी गई हैं:

  1. कविता समझो व प्रश्नोत्तरी
    – चाँद और सूरज न होने पर क्या होता?
    – कविता में वर्णित इंद्रधनुष के रंग और बनने का समय आदि :contentReference[oaicite:1]{index=1}।
  2. वाक्य निर्माण (बातचीत के लिए)
    – ‘अगर पेड़ न होते तो…’, ‘अगर नदियाँ न होतीं तो…’ आदि वाक्यों को पूरा करना और स्वयं भी नए वाक्य रचना।
  3. प्रश्न–शब्द अभ्यास
    – ‘कौन, क्या, कब, कहाँ, कैसे, किसने/किसके’ जैसे शब्दों का उपयोग कर संवाद का अभ्यास।
  4. रचनात्मक गतिविधि: इंद्रधनुष बनाओ एवं आत्म-परिचय
    – इंद्रधनुष की रंग–बिरंगी तस्वीर बनाएं और हर रंग के सामने अपने बारे में एक वाक्य लिखें (उदा. लाल—मेरी उम्र … साल है)।
    – परिवार के दो सदस्यों से प्री-तैयार प्रश्न पूछें और उनकी बातचीत सुनें :contentReference[oaicite:2]{index=2}।

नए शब्द / परिभाषाएँ

शब्दसरल परिभाषा
इंद्रधनुषआकाश में वर्षा के बाद दिखाई देने वाला रंग-बिरंगा चाप
हरियालीपेड़ों-पौधों से भरा हरा दृश्य
मसुकाताखिलखिलाकर मुस्कुराता हुआ (मुस्कान झलकाना)
संवाददो या अधिक लोगों के बीच बोली जाने वाली बातचीत
रचनात्मकतानई और अनूठी चीजें बनाने की क्षमता