Chapter 17: बरसात और मेंढक
2nd StandardHindi
बरसात और मेंढक - Chapter Summary
# बरसात और मेंढक
## संक्षिप्त परिचय
यह कहानी दो मित्र, सोमारू और कमली, की है जो जंगल घूमकर लौटते समय भूखे-प्यासे पड़ जाते हैं। कड़ी मेहनत से वे गाय के लिए घास, घास के लिए पानी, पानी के लिए बरसात और बरसात के लिए मेंढक की मदद लेने निकल पड़ते हैं। अंततः मेल-जोल, माफी और सहयोग से मेंढक बारिश लाता है, घास हरी होती है और गाय को खिलाकर वे घर लौटते हैं।
## मुख्य विषय
### 1. कहानी का क्रम
1. **भूख लगना**: सोमारू व कमली को भूख लगती है, वे गाय से खाने की गुहार लगाते हैं।
2. **घास चाहिए**: गाय कहती है कि पास हरी घास नहीं है।
3. **पानी चाहिए**: घास बोलती है कि वह सूखी हो गई है, पानी चाहिए।
4. **बरसात चाहिए**: नदी कहती है कि बरसात नहीं हुई तो पानी नहीं बहेगा।
5. **मेंढक की मदद**: मेंढक का मानना है कि बच्चे उस पर पत्थर फेंकते हैं, लेकिन सोमारू–कमली उसे माफ करके सहयोग का भरोसा दिलाते हैं।
6. **बारिश बरसना**: मेंढक ‘टरदि-टरदि’ करता है, जिससे घनघोर वर्षा होती है।
7. **उपलब्धि**: पानी बहता है, घास हरी होती है, गाय खा-पीकर दूध देती है, और दोनों मित्र दूध पीकर घर लौटते हैं।
### 2. प्रश्नोत्तर अभ्यास
1. कहानी में मेंढक ने शुरुआत में मदद क्यों नहीं की?
2. सोमारू और कमली ने मेंढक से कौन सा वादा कराया?
3. अगर आप होते तो मेंढक की मदद कब करते?
4. कहानी से संबंधित अपने अनुभव साझा करें — क्या आपने कभी किसी मित्र की मदद में माफी माँगी या माँगी गई?
### 3. व्यंजन (ध्वनि) अभ्यास
- ‘ढ’, ‘ड’, ‘ड़’, ‘द’ वाले शब्द लिखें और जोर से पढ़ें:
- ढ वाले: ढोल, ढक्कन …
- ड वाले: डमरू, डब्बा …
- ड़ वाले: ड़मरू*, बग़लख़ड़ा* …
- द वाले: दरवाज़ा, दोस्त …
> **शब्दों पर ध्यान:** ‘ड़’ और ‘ड’ की ध्वनि में सूक्ष्म अंतर है — इसे सही सुनने और बोलने का प्रयास करें।
### 4. चित्रकारी एवं लेखन गतिविधि
कहानी के आगे क्या होगा? एक चित्र बनाकर कहानी आगे बढ़ाएँ और ३–४ पंक्तियों में लिखें।
### 5. कविता – “उठो उठो!”
```
पतिं डोलीं,
दिधड़ियाँ बोलीं,
हुआ सवेरा, उठो उठो!
छाई लाली,
आहा दिनराली
दमटा अँधेरा, उठो उठो!
आनंदित छुटिया
आलस त्यागो,
प्यारे जागो,
आँखें खोलो, उठो उठो!
झीले झाँकी,
भारत माँ की,
जय जय बोलो, उठो उठो!
— सोहनलाल शिविवनेदी
```
#### कविता अभ्यास
- कविता को हाव-भाव के साथ गायें।
- चर्चा करें कि सुबह जल्दी उठने के फ़ायदे क्या हैं?
- परिवार में सुबह के लिए आपका रूटीन क्या है?
## नई शब्दावली
| शब्द | सरल परिभाषा |
|--------------|----------------------------------------------|
| भुख (भखू) | भूख, खाने की तीव्र चाह |
| घास | गाय आदि जानवर खाने वाली हरी पत्तीदार वनस्पति |
| नदी | बहने वाला पानी का प्राकृतिक मार्ग |
| बरसात | बादलों से वर्षा होना |
| मेंढक | टरद-टरद की आवाज़ करने वाला जलीय जीव |
| पत्थर | कठोर चट्टानी टुकड़ा |
| दमटना | भुख या प्यास मिटना |
| हरी होना | जीवन्तता के लिए पेड़-पौधों का तरोताजा रंग होना |
## संक्षिप्त परिचय
यह कहानी दो मित्र, सोमारू और कमली, की है जो जंगल घूमकर लौटते समय भूखे-प्यासे पड़ जाते हैं। कड़ी मेहनत से वे गाय के लिए घास, घास के लिए पानी, पानी के लिए बरसात और बरसात के लिए मेंढक की मदद लेने निकल पड़ते हैं। अंततः मेल-जोल, माफी और सहयोग से मेंढक बारिश लाता है, घास हरी होती है और गाय को खिलाकर वे घर लौटते हैं।
## मुख्य विषय
### 1. कहानी का क्रम
1. **भूख लगना**: सोमारू व कमली को भूख लगती है, वे गाय से खाने की गुहार लगाते हैं।
2. **घास चाहिए**: गाय कहती है कि पास हरी घास नहीं है।
3. **पानी चाहिए**: घास बोलती है कि वह सूखी हो गई है, पानी चाहिए।
4. **बरसात चाहिए**: नदी कहती है कि बरसात नहीं हुई तो पानी नहीं बहेगा।
5. **मेंढक की मदद**: मेंढक का मानना है कि बच्चे उस पर पत्थर फेंकते हैं, लेकिन सोमारू–कमली उसे माफ करके सहयोग का भरोसा दिलाते हैं।
6. **बारिश बरसना**: मेंढक ‘टरदि-टरदि’ करता है, जिससे घनघोर वर्षा होती है।
7. **उपलब्धि**: पानी बहता है, घास हरी होती है, गाय खा-पीकर दूध देती है, और दोनों मित्र दूध पीकर घर लौटते हैं।
### 2. प्रश्नोत्तर अभ्यास
1. कहानी में मेंढक ने शुरुआत में मदद क्यों नहीं की?
2. सोमारू और कमली ने मेंढक से कौन सा वादा कराया?
3. अगर आप होते तो मेंढक की मदद कब करते?
4. कहानी से संबंधित अपने अनुभव साझा करें — क्या आपने कभी किसी मित्र की मदद में माफी माँगी या माँगी गई?
### 3. व्यंजन (ध्वनि) अभ्यास
- ‘ढ’, ‘ड’, ‘ड़’, ‘द’ वाले शब्द लिखें और जोर से पढ़ें:
- ढ वाले: ढोल, ढक्कन …
- ड वाले: डमरू, डब्बा …
- ड़ वाले: ड़मरू*, बग़लख़ड़ा* …
- द वाले: दरवाज़ा, दोस्त …
> **शब्दों पर ध्यान:** ‘ड़’ और ‘ड’ की ध्वनि में सूक्ष्म अंतर है — इसे सही सुनने और बोलने का प्रयास करें।
### 4. चित्रकारी एवं लेखन गतिविधि
कहानी के आगे क्या होगा? एक चित्र बनाकर कहानी आगे बढ़ाएँ और ३–४ पंक्तियों में लिखें।
### 5. कविता – “उठो उठो!”
```
पतिं डोलीं,
दिधड़ियाँ बोलीं,
हुआ सवेरा, उठो उठो!
छाई लाली,
आहा दिनराली
दमटा अँधेरा, उठो उठो!
आनंदित छुटिया
आलस त्यागो,
प्यारे जागो,
आँखें खोलो, उठो उठो!
झीले झाँकी,
भारत माँ की,
जय जय बोलो, उठो उठो!
— सोहनलाल शिविवनेदी
```
#### कविता अभ्यास
- कविता को हाव-भाव के साथ गायें।
- चर्चा करें कि सुबह जल्दी उठने के फ़ायदे क्या हैं?
- परिवार में सुबह के लिए आपका रूटीन क्या है?
## नई शब्दावली
| शब्द | सरल परिभाषा |
|--------------|----------------------------------------------|
| भुख (भखू) | भूख, खाने की तीव्र चाह |
| घास | गाय आदि जानवर खाने वाली हरी पत्तीदार वनस्पति |
| नदी | बहने वाला पानी का प्राकृतिक मार्ग |
| बरसात | बादलों से वर्षा होना |
| मेंढक | टरद-टरद की आवाज़ करने वाला जलीय जीव |
| पत्थर | कठोर चट्टानी टुकड़ा |
| दमटना | भुख या प्यास मिटना |
| हरी होना | जीवन्तता के लिए पेड़-पौधों का तरोताजा रंग होना |
बरसात और मेंढक
संक्षिप्त परिचय
यह कहानी दो मित्र, सोमारू और कमली, की है जो जंगल घूमकर लौटते समय भूखे-प्यासे पड़ जाते हैं। कड़ी मेहनत से वे गाय के लिए घास, घास के लिए पानी, पानी के लिए बरसात और बरसात के लिए मेंढक की मदद लेने निकल पड़ते हैं। अंततः मेल-जोल, माफी और सहयोग से मेंढक बारिश लाता है, घास हरी होती है और गाय को खिलाकर वे घर लौटते हैं।
मुख्य विषय
1. कहानी का क्रम
- भूख लगना: सोमारू व कमली को भूख लगती है, वे गाय से खाने की गुहार लगाते हैं।
- घास चाहिए: गाय कहती है कि पास हरी घास नहीं है।
- पानी चाहिए: घास बोलती है कि वह सूखी हो गई है, पानी चाहिए।
- बरसात चाहिए: नदी कहती है कि बरसात नहीं हुई तो पानी नहीं बहेगा।
- मेंढक की मदद: मेंढक का मानना है कि बच्चे उस पर पत्थर फेंकते हैं, लेकिन सोमारू–कमली उसे माफ करके सहयोग का भरोसा दिलाते हैं।
- बारिश बरसना: मेंढक ‘टरदि-टरदि’ करता है, जिससे घनघोर वर्षा होती है।
- उपलब्धि: पानी बहता है, घास हरी होती है, गाय खा-पीकर दूध देती है, और दोनों मित्र दूध पीकर घर लौटते हैं।
2. प्रश्नोत्तर अभ्यास
- कहानी में मेंढक ने शुरुआत में मदद क्यों नहीं की?
- सोमारू और कमली ने मेंढक से कौन सा वादा कराया?
- अगर आप होते तो मेंढक की मदद कब करते?
- कहानी से संबंधित अपने अनुभव साझा करें — क्या आपने कभी किसी मित्र की मदद में माफी माँगी या माँगी गई?
3. व्यंजन (ध्वनि) अभ्यास
- ‘ढ’, ‘ड’, ‘ड़’, ‘द’ वाले शब्द लिखें और जोर से पढ़ें:
- ढ वाले: ढोल, ढक्कन …
- ड वाले: डमरू, डब्बा …
- ड़ वाले: ड़मरू*, बग़लख़ड़ा* …
- द वाले: दरवाज़ा, दोस्त …
शब्दों पर ध्यान: ‘ड़’ और ‘ड’ की ध्वनि में सूक्ष्म अंतर है — इसे सही सुनने और बोलने का प्रयास करें।
4. चित्रकारी एवं लेखन गतिविधि
कहानी के आगे क्या होगा? एक चित्र बनाकर कहानी आगे बढ़ाएँ और ३–४ पंक्तियों में लिखें।
5. कविता – “उठो उठो!”
पतिं डोलीं,
दिधड़ियाँ बोलीं,
हुआ सवेरा, उठो उठो!
छाई लाली,
आहा दिनराली
दमटा अँधेरा, उठो उठो!
आनंदित छुटिया
आलस त्यागो,
प्यारे जागो,
आँखें खोलो, उठो उठो!
झीले झाँकी,
भारत माँ की,
जय जय बोलो, उठो उठो!
— सोहनलाल शिविवनेदी
कविता अभ्यास
- कविता को हाव-भाव के साथ गायें।
- चर्चा करें कि सुबह जल्दी उठने के फ़ायदे क्या हैं?
- परिवार में सुबह के लिए आपका रूटीन क्या है?
नई शब्दावली
शब्द | सरल परिभाषा |
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भुख (भखू) | भूख, खाने की तीव्र चाह |
घास | गाय आदि जानवर खाने वाली हरी पत्तीदार वनस्पति |
नदी | बहने वाला पानी का प्राकृतिक मार्ग |
बरसात | बादलों से वर्षा होना |
मेंढक | टरद-टरद की आवाज़ करने वाला जलीय जीव |
पत्थर | कठोर चट्टानी टुकड़ा |
दमटना | भुख या प्यास मिटना |
हरी होना | जीवन्तता के लिए पेड़-पौधों का तरोताजा रंग होना |