Chapter 6: बीरबल की खिचड़ी
Chapter Summary
बीरबल की खिचड़ी - Chapter Summary
## कहानी का परिचय
यह कहानी अकबर के दरबार के प्रसिद्ध विद्वान बीरबल की है। बीरबल अपनी चतुराई के लिए बहुत प्रसिद्ध थे और अपनी बुद्धिमत्ता से बादशाह को भी हरा देते थे। अकबर और बीरबल की अनेक कहानियाँ प्रसिद्ध हैं जिन्हें लोग बड़े चाव से सुनते-सुनाते हैं।
## मुख्य घटना
### गाँव में मुलाकात
एक बार अकबर किसी गाँव से होकर जा रहे थे। सर्दी के दिन थे और गाँव के लोग आग जलाकर उसके चारों ओर बैठे बातें कर रहे थे। जब बादशाह अपने साथियों के साथ वहाँ पहुँचे तो एक व्यक्ति कह रहा था कि वह यमुना के पानी में रातभर खड़ा रह सकता है।
### चुनौती स्वीकार
अकबर को इस बात का विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने उस व्यक्ति से कहा कि यदि वह सारी रात पानी में खड़ा रहे तो उसे थैलीभर मोहरें इनाम में मिलेंगी। वह व्यक्ति मान गया।
### रात का परीक्षण
अगली रात वह व्यक्ति यमुना के ठंडे जल में पूरी रात खड़ा रहा। प्रातःकाल वह बादशाह के दरबार में आया।
### प्रश्न और उत्तर
बादशाह ने आश्चर्य से पूछा, "तुम इतनी सर्दी में सारी रात पानी में कैसे खड़े रहे?" उसने नम्रता से उत्तर दिया, "महाराज, आपके राजमहल से दीपक का प्रकाश आ रहा था। मैं उसे देखते हुए सारी रात पानी में खड़ा रहा।"
### अन्याय
बादशाह ने कहा, "तो तुम मेरे दीपक की गरमी के कारण ही सर्दी से बच सके। तुम्हें कोई इनाम नहीं दिया जाएगा।" वह बहुत दुखी हुआ और उदास होकर चला गया।
## बीरबल की योजना
### सहायता का निर्णय
उस समय बीरबल भी दरबार में उपस्थित थे। उन्होंने सोचा कि इस दुखी व्यक्ति की सहायता करनी चाहिए।
### खिचड़ी की तैयारी
दूसरे दिन बीरबल दरबार में नहीं आए। अकबर को चिंता हुई। उन्होंने बीरबल को बुलवाया, लेकिन बीरबल ने कहलवाया कि वह खिचड़ी पका रहे हैं और पक जाने पर दरबार में उपस्थित होंगे।
### अकबर का आना
अगले दिन भी बीरबल दरबार में नहीं आए। बादशाह ने सोचा और बोले, "चलो, स्वयं ही चलकर देखें कि बीरबल कैसी खिचड़ी पका रहे हैं।"
### अजीब दृश्य
जब बादशाह बीरबल के यहाँ पहुँचे तो उन्होंने देखा कि एक बहुत लंबे बाँस के ऊपरी सिरे पर एक हाँडी लटकी हुई है। हाँडी से बहुत नीचे भूमि पर बहुत थोड़ी-सी आग जल रही है।
### प्रश्न
बादशाह ने हैरानी से पूछा, "बीरबल! भला यह खिचड़ी कैसे पक सकती है? हाँडी तो आग से बहुत दूर है।"
## सबक और न्याय
### बीरबल का उत्तर
बीरबल ने उत्तर दिया, "हुजूर अगर वह व्यक्ति राजमहल के दीपक की गरमी के सहारे सारी रात ठंडे पानी में खड़ा रह सकता है तो इस आग से मेरी खिचड़ी क्यों नहीं पक सकती?"
### समझ और न्याय
अकबर को बात समझ में आ गई। उन्होंने दूसरे दिन उस व्यक्ति को दरबार में बुलाया और बड़े सम्मान के साथ उसे मोहरों की थैली भेंट कर दी।
## शब्दावली
| शब्द | अर्थ (अंग्रेजी में) |
|------|----------------|
| विद्वान | Scholar/Learned person |
| चतुराई | Cleverness/Wit |
| प्रसिद्ध | Famous |
| दरबार | Royal court |
| यमुना | Yamuna river |
| इनाम | Reward |
| आश्चर्य | Wonder/Surprise |
| नम्रता | Humility |
| राजमहल | Palace |
| प्रकाश | Light |
| उपस्थित | Present |
| सहायता | Help |
| हैरानी | Amazement |
| सम्मान | Respect |
| थैली | Bag/Pouch |
| मोहरें | Gold coins |
बीरबल की खिचड़ी
कहानी का परिचय
यह कहानी अकबर के दरबार के प्रसिद्ध विद्वान बीरबल की है। बीरबल अपनी चतुराई के लिए बहुत प्रसिद्ध थे और अपनी बुद्धिमत्ता से बादशाह को भी हरा देते थे। अकबर और बीरबल की अनेक कहानियाँ प्रसिद्ध हैं जिन्हें लोग बड़े चाव से सुनते-सुनाते हैं।
मुख्य घटना
गाँव में मुलाकात
एक बार अकबर किसी गाँव से होकर जा रहे थे। सर्दी के दिन थे और गाँव के लोग आग जलाकर उसके चारों ओर बैठे बातें कर रहे थे। जब बादशाह अपने साथियों के साथ वहाँ पहुँचे तो एक व्यक्ति कह रहा था कि वह यमुना के पानी में रातभर खड़ा रह सकता है।
चुनौती स्वीकार
अकबर को इस बात का विश्वास नहीं हुआ। उन्होंने उस व्यक्ति से कहा कि यदि वह सारी रात पानी में खड़ा रहे तो उसे थैलीभर मोहरें इनाम में मिलेंगी। वह व्यक्ति मान गया।
रात का परीक्षण
अगली रात वह व्यक्ति यमुना के ठंडे जल में पूरी रात खड़ा रहा। प्रातःकाल वह बादशाह के दरबार में आया।
प्रश्न और उत्तर
बादशाह ने आश्चर्य से पूछा, "तुम इतनी सर्दी में सारी रात पानी में कैसे खड़े रहे?" उसने नम्रता से उत्तर दिया, "महाराज, आपके राजमहल से दीपक का प्रकाश आ रहा था। मैं उसे देखते हुए सारी रात पानी में खड़ा रहा।"
अन्याय
बादशाह ने कहा, "तो तुम मेरे दीपक की गरमी के कारण ही सर्दी से बच सके। तुम्हें कोई इनाम नहीं दिया जाएगा।" वह बहुत दुखी हुआ और उदास होकर चला गया।
बीरबल की योजना
सहायता का निर्णय
उस समय बीरबल भी दरबार में उपस्थित थे। उन्होंने सोचा कि इस दुखी व्यक्ति की सहायता करनी चाहिए।
खिचड़ी की तैयारी
दूसरे दिन बीरबल दरबार में नहीं आए। अकबर को चिंता हुई। उन्होंने बीरबल को बुलवाया, लेकिन बीरबल ने कहलवाया कि वह खिचड़ी पका रहे हैं और पक जाने पर दरबार में उपस्थित होंगे।
अकबर का आना
अगले दिन भी बीरबल दरबार में नहीं आए। बादशाह ने सोचा और बोले, "चलो, स्वयं ही चलकर देखें कि बीरबल कैसी खिचड़ी पका रहे हैं।"
अजीब दृश्य
जब बादशाह बीरबल के यहाँ पहुँचे तो उन्होंने देखा कि एक बहुत लंबे बाँस के ऊपरी सिरे पर एक हाँडी लटकी हुई है। हाँडी से बहुत नीचे भूमि पर बहुत थोड़ी-सी आग जल रही है।
प्रश्न
बादशाह ने हैरानी से पूछा, "बीरबल! भला यह खिचड़ी कैसे पक सकती है? हाँडी तो आग से बहुत दूर है।"
सबक और न्याय
बीरबल का उत्तर
बीरबल ने उत्तर दिया, "हुजूर अगर वह व्यक्ति राजमहल के दीपक की गरमी के सहारे सारी रात ठंडे पानी में खड़ा रह सकता है तो इस आग से मेरी खिचड़ी क्यों नहीं पक सकती?"
समझ और न्याय
अकबर को बात समझ में आ गई। उन्होंने दूसरे दिन उस व्यक्ति को दरबार में बुलाया और बड़े सम्मान के साथ उसे मोहरों की थैली भेंट कर दी।
शब्दावली
शब्द | अर्थ (अंग्रेजी में) |
---|---|
विद्वान | Scholar/Learned person |
चतुराई | Cleverness/Wit |
प्रसिद्ध | Famous |
दरबार | Royal court |
यमुना | Yamuna river |
इनाम | Reward |
आश्चर्य | Wonder/Surprise |
नम्रता | Humility |
राजमहल | Palace |
प्रकाश | Light |
उपस्थित | Present |
सहायता | Help |
हैरानी | Amazement |
सम्मान | Respect |
थैली | Bag/Pouch |
मोहरें | Gold coins |