Chapter 8: चतुर गीदड़
Chapter Summary
चतुर गीदड़ - Chapter Summary
## कहानी का सारांश
### पहला दृश्य - तालाब का किनारा
**समस्या की शुरुआत:**
मगरमच्छ तालाब के किनारे बैठा है और अपनी समस्या के बारे में सोच रहा है। तालाब की सारी मछलियां वह धीरे-धीरे खा चुका है और अब कई दिनों से उसे खाने को कुछ नहीं मिला है। उसे बहुत भूख लगी है। आज गीदड़ भी तालाब पर पानी पीने नहीं आया।
**कछुए से मुलाकात:**
कछुआ आता है और मगरमच्छ को उदास देखकर उससे हाल-चाल पूछता है। मगरमच्छ अपनी भूख की समस्या बताता है और कहता है कि मछलियां तो समाप्त हो गईं हैं। वह गीदड़ को पकड़ना चाहता है लेकिन गीदड़ बहुत चतुर है और पकड़ में नहीं आता।
**योजना बनाना:**
मगरमच्छ कछुए से मदद मांगता है कि कोई ऐसा उपाय करे जिससे गीदड़ पकड़ में आ जाए। कछुआ मदद करने के लिए तैयार हो जाता है और एक योजना बनाता है। वह मगरमच्छ के कान में कुछ कहता है।
### दूसरा दृश्य - जाल बिछाना
**नाटक की शुरुआत:**
मगरमच्छ साँस रोकर मरा हुआ सा पड़ा है और कछुआ उसके पास खड़ा है। गीदड़ आता है और कछुए को रोते हुए देखता है। कछुआ नाटक करते हुए कहता है कि उसका प्यारा मित्र मगरमच्छ स्वर्गसिधार गया है और अब दुनिया में उसका कोई नहीं रहा।
**गीदड़ की प्रतिक्रिया:**
गीदड़ को यह सुनकर खुशी होती है कि अब वह निश्चिंत होकर तालाब का पानी पी सकता है। मगरमच्छ के डर से वह कई बार प्यासा ही रह जाता था। वह अपनी खुशी छुपाते हुए कछुए से सहानुभूति दिखाता है।
**संदेह की शुरुआत:**
कछुआ गीदड़ से कहता है कि वे मगरमच्छ के शरीर को सूखे पत्तों से ढांप दें। गीदड़ डरते-डरते पास जाता है और धीमे स्वर में कहता है कि मगरमच्छ बिल्कुल शांत है। फिर वह ऊंचे स्वर में कहता है कि मगरमच्छ सांस ले रहा है।
### तीसरा दृश्य - चतुराई का प्रदर्शन
**गीदड़ की बुद्धिमत्ता:**
गीदड़ कछुए से कहता है कि उसने सुना है कि मरने पर मगरमच्छ की पूंछ हिलती रहती है। वह कहता है कि लगता है मगरमच्छ अभी पूरी तरह नहीं मरा है। तभी मगरमच्छ अपनी पूंछ हिलाने लगता है।
**जाल का पर्दाफाश:**
गीदड़ तुरंत दूर भाग जाता है। कछुआ ऊंचे स्वर में मगरमच्छ से कहता है कि आंखें खोल दे क्योंकि गीदड़ भाग गया। वह मगरमच्छ को मूर्ख कहता है और बताता है कि वह चतुर गीदड़ की चाल में आ गया। अब उसे पकड़ना कठिन है।
### अंतिम दृश्य - गीदड़ की जीत
**गीदड़ का अंतिम संदेश:**
दूर से गीदड़ कहता है कि वह सुना है कि मरने पर मगरमच्छ की पूंछ हिलती रहती है। कछुआ स्वीकार करता है कि मगरमच्छ बिल्कुल मर गया है (व्यंग्य में)। गीदड़ कहता है कि वे बिल्कुल मूर्ख हैं और चतुर गीदड़ की चाल में आ गए। अब उसे पकड़ना कठिन है।
## मुख्य संदेश
इस एकांकी का मुख्य संदेश यह है कि बुद्धि और चतुराई बल से अधिक शक्तिशाली होती है। गीदड़ अपनी सूझबूझ से मगरमच्छ और कछुए के जाल से बच निकलता है। कहानी यह भी सिखाती है कि हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और किसी पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए।
## मुख्य पात्र
1. **मगरमच्छ** - भूखा, शक्तिशाली लेकिन बुद्धिहीन
2. **कछुआ** - मगरमच्छ का मित्र, योजना बनाने वाला
3. **गीदड़** - चतुर, बुद्धिमान और सतर्क
---
## नए शब्दों की परिभाषा
| शब्द | अर्थ (Simple English) |
|------|-------------------|
| एकांकी | One-act play |
| चतुर | Clever, smart |
| स्वर्गसिधार | Died, passed away |
| प्रयत्न | Effort, attempt |
| सहायता | Help, assistance |
| निश्चिंत | Worry-free, carefree |
| अभिनय | Acting, drama |
| सहानुभूति | Sympathy |
| सतर्क | Alert, careful |
| उपाय | Solution, method |
| प्राण निकलना | To feel very hungry/desperate |
| पकड़ में आना | To get trapped |
| दर्दाफाश | To expose, reveal |
| बुद्धिमत्ता | Intelligence, wisdom |
| धोखाधड़ी | Cheating, deception |
चतुर गीदड़
कहानी का सारांश
पहला दृश्य - तालाब का किनारा
समस्या की शुरुआत: मगरमच्छ तालाब के किनारे बैठा है और अपनी समस्या के बारे में सोच रहा है। तालाब की सारी मछलियां वह धीरे-धीरे खा चुका है और अब कई दिनों से उसे खाने को कुछ नहीं मिला है। उसे बहुत भूख लगी है। आज गीदड़ भी तालाब पर पानी पीने नहीं आया।
कछुए से मुलाकात: कछुआ आता है और मगरमच्छ को उदास देखकर उससे हाल-चाल पूछता है। मगरमच्छ अपनी भूख की समस्या बताता है और कहता है कि मछलियां तो समाप्त हो गईं हैं। वह गीदड़ को पकड़ना चाहता है लेकिन गीदड़ बहुत चतुर है और पकड़ में नहीं आता।
योजना बनाना: मगरमच्छ कछुए से मदद मांगता है कि कोई ऐसा उपाय करे जिससे गीदड़ पकड़ में आ जाए। कछुआ मदद करने के लिए तैयार हो जाता है और एक योजना बनाता है। वह मगरमच्छ के कान में कुछ कहता है।
दूसरा दृश्य - जाल बिछाना
नाटक की शुरुआत: मगरमच्छ साँस रोकर मरा हुआ सा पड़ा है और कछुआ उसके पास खड़ा है। गीदड़ आता है और कछुए को रोते हुए देखता है। कछुआ नाटक करते हुए कहता है कि उसका प्यारा मित्र मगरमच्छ स्वर्गसिधार गया है और अब दुनिया में उसका कोई नहीं रहा।
गीदड़ की प्रतिक्रिया: गीदड़ को यह सुनकर खुशी होती है कि अब वह निश्चिंत होकर तालाब का पानी पी सकता है। मगरमच्छ के डर से वह कई बार प्यासा ही रह जाता था। वह अपनी खुशी छुपाते हुए कछुए से सहानुभूति दिखाता है।
संदेह की शुरुआत: कछुआ गीदड़ से कहता है कि वे मगरमच्छ के शरीर को सूखे पत्तों से ढांप दें। गीदड़ डरते-डरते पास जाता है और धीमे स्वर में कहता है कि मगरमच्छ बिल्कुल शांत है। फिर वह ऊंचे स्वर में कहता है कि मगरमच्छ सांस ले रहा है।
तीसरा दृश्य - चतुराई का प्रदर्शन
गीदड़ की बुद्धिमत्ता: गीदड़ कछुए से कहता है कि उसने सुना है कि मरने पर मगरमच्छ की पूंछ हिलती रहती है। वह कहता है कि लगता है मगरमच्छ अभी पूरी तरह नहीं मरा है। तभी मगरमच्छ अपनी पूंछ हिलाने लगता है।
जाल का पर्दाफाश: गीदड़ तुरंत दूर भाग जाता है। कछुआ ऊंचे स्वर में मगरमच्छ से कहता है कि आंखें खोल दे क्योंकि गीदड़ भाग गया। वह मगरमच्छ को मूर्ख कहता है और बताता है कि वह चतुर गीदड़ की चाल में आ गया। अब उसे पकड़ना कठिन है।
अंतिम दृश्य - गीदड़ की जीत
गीदड़ का अंतिम संदेश: दूर से गीदड़ कहता है कि वह सुना है कि मरने पर मगरमच्छ की पूंछ हिलती रहती है। कछुआ स्वीकार करता है कि मगरमच्छ बिल्कुल मर गया है (व्यंग्य में)। गीदड़ कहता है कि वे बिल्कुल मूर्ख हैं और चतुर गीदड़ की चाल में आ गए। अब उसे पकड़ना कठिन है।
मुख्य संदेश
इस एकांकी का मुख्य संदेश यह है कि बुद्धि और चतुराई बल से अधिक शक्तिशाली होती है। गीदड़ अपनी सूझबूझ से मगरमच्छ और कछुए के जाल से बच निकलता है। कहानी यह भी सिखाती है कि हमें हमेशा सतर्क रहना चाहिए और किसी पर आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए।
मुख्य पात्र
- मगरमच्छ - भूखा, शक्तिशाली लेकिन बुद्धिहीन
- कछुआ - मगरमच्छ का मित्र, योजना बनाने वाला
- गीदड़ - चतुर, बुद्धिमान और सतर्क
नए शब्दों की परिभाषा
शब्द | अर्थ (Simple English) |
---|---|
एकांकी | One-act play |
चतुर | Clever, smart |
स्वर्गसिधार | Died, passed away |
प्रयत्न | Effort, attempt |
सहायता | Help, assistance |
निश्चिंत | Worry-free, carefree |
अभिनय | Acting, drama |
सहानुभूति | Sympathy |
सतर्क | Alert, careful |
उपाय | Solution, method |
प्राण निकलना | To feel very hungry/desperate |
पकड़ में आना | To get trapped |
दर्दाफाश | To expose, reveal |
बुद्धिमत्ता | Intelligence, wisdom |
धोखाधड़ी | Cheating, deception |