Chapter 10: रस्साकशी

3rd StandardHindi

रस्साकशी - Chapter Summary

# खेल गीत

## परिचय
यह कविता “जोर लगाओ, हईे सा!” एक खेल गीत है जो रस्साकशी (tug of war) के खेल में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के उत्साह, जोश और टीम भावना को दर्शाती है। इस गीत में समूह प्रयास, शक्ति, एकता और शरीर के समन्वय की सुंदर झलक है। यह बच्चों में ऊर्जा और जोश भरने के लिए प्रेरणादायक कविता है।

## प्रमुख विषय-वस्तु

### 1. रस्साकशी का चित्रण
- कविता रस्साकशी के खेल को केंद्र में रखकर लिखी गई है।
- इसमें बताया गया है कि कैसे खिलाड़ी सीना तानकर, रस्सी पकड़कर, कमर कसकर पूरी ताकत से खींचते हैं।
- टीम भावना और आपसी तालमेल से ही जीत संभव होती है।

### 2. उत्साह और सामूहिक प्रयास
- कविता की प्रत्येक पंक्ति में ‘हईे सा!’ के स्वर से उत्साह और जोश दिखाई देता है।
- यह समूह को एकजुट करता है और प्रयास को संगठित करता है।

### 3. शारीरिक अंगों का उपयोग
- कविता में शरीर के अंगों का उल्लेख है जैसे – सीना, कमर, पैर, पीठ आदि।
- यह बच्चों को यह समझने में मदद करता है कि खेलते समय शरीर का हर भाग सक्रिय होता है।

### 4. टीम में सहयोग का महत्व
- जीत के लिए जरूरी है कि साथी न डगमगाएं, रस्सी न फिसले और जोश कम न हो।
- यह संदेश देता है कि साथ मिलकर काम करने से कठिन कार्य भी आसान हो जाते हैं।

---

## अभ्यास प्रश्न

### आसान (Easy)

1. कविता में कौन सा खेल खेला जा रहा है?
**उत्तर**: रस्साकशी

2. कविता में कौन से शब्द बार-बार दोहराए गए हैं?
**उत्तर**: जोर लगाओ, हईे सा!

3. रस्साकशी में रस्सी को कैसे पकड़ना चाहिए?
**उत्तर**: दोनों हाथों से कसकर, कमर कसकर और पैर जमाकर।

### मध्यम (Medium)

4. कविता में किन-किन शरीर के अंगों का उल्लेख हुआ है?
**उत्तर**: सीना, कमर, पैर, पीठ, हाथ

5. रस्साकशी खेलते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
**उत्तर**: रस्सी न फिसले, साथी न गिरे, जोश बना रहे और शरीर संतुलित रहे।

### कठिन (Difficult)

6. ‘हईे सा! भई, हईे सा!’ इन पंक्तियों का क्या उद्देश्य है?
**उत्तर**: यह जोश और ऊर्जा को बढ़ाने का नारा है जो खिलाड़ियों को एकजुट करता है और उनके प्रयासों में ताकत भरता है।

7. रस्साकशी को सफलतापूर्वक खेलने के लिए किन बातों की आवश्यकता होती है?
**उत्तर**: सामूहिक तालमेल, शारीरिक शक्ति, मनोबल, और सही तकनीक।

8. “पसीने से तर सारे, सिल हुए सब बांव करारे” – इसका क्या तात्पर्य है?
**उत्तर**: खिलाड़ी मेहनत से पसीने से भीग जाते हैं और उनकी बाहों की मांसपेशियाँ कड़ी और मजबूत हो जाती हैं।

### बहुत कठिन (Very Difficult)

9. कविता में प्रयुक्त अलंकार या काव्य सौंदर्य का उदाहरण दीजिए।
**उत्तर**: अनुप्रास अलंकार का प्रयोग है – “हईे सा! हईे सा!” में ध्वनि की पुनरावृत्ति है।

10. खेल गीत में छुपे नैतिक मूल्यों की पहचान कीजिए।
**उत्तर**: यह गीत एकता, सहयोग, समर्पण और जोश जैसे मूल्यों को बढ़ावा देता है। यह बताता है कि जीत केवल शक्ति से नहीं बल्कि टीम वर्क से संभव होती है।

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## सरल शब्दावली (नए शब्द - सरल अर्थ सहित)

| शब्द | सरल अर्थ |
|--------------|--------------------------------------|
| रस्साकशी | एक खेल जिसमें दो टीमें रस्सी खींचती हैं |
| अकड़ | तनकर खड़ा होना |
| कमर जकड़ना | कमर को कसकर मजबूत करना |
| साथी | टीम का सदस्य |
| जोश-खरोश | बहुत ऊर्जा और उत्साह |
| पसीने से तर | पसीने से पूरी तरह भीग जाना |
| सिल | मजबूत होना (मांसपेशियों के लिए) |
| बांव करारे | मजबूत और कड़ी बाहें |

---

## गतिविधियाँ और भाषा अभ्यास

### 1. बातचीत के लिए प्रश्न
- कविता में “जोर लगाओ, हईे सा!” बार-बार कहने का क्या कारण है?
**उत्तर**: यह नारा टीम में जोश और ऊर्जा भरने के लिए कहा गया है।

- कविता में किन अंगों का वर्णन हुआ है?
**उत्तर**: सीना, कमर, पैर, पीठ, हाथ आदि।

- रस्साकशी में जीतने के लिए क्या करना पड़ता है?
**उत्तर**: ताकत लगाना, सही संतुलन बनाए रखना और मिलकर खींचना।

### 2. सोचिए और लिखिए
- आपने कौन-कौन से खेल खेले हैं?
- आपका प्रिय खेल कौन-सा है और क्यों?
- कौन से खेल दो टीमों के बीच होते हैं?
- किन खेलों में ज्यादा खिलाड़ियों की जरूरत होती है?

### 3. भाषा की बात
- कविता में तुकांत शब्दों का प्रयोग हुआ है, जैसे – अकड़-पकड़, गड़ा-अड़ा।
**अभ्यास**: तुकांत शब्द जोड़िए –
- अकड़ – पकड़
- काम – नाम
- मेला – केला
- यही – सही

- मात्रा हटाकर नया शब्द बनाना –
जैसे: भार (→) भर
अभ्यास करें:
- बार → बर
- तीर → तर
- राम → रम
- नीम → निम

---

## रचनात्मक अभ्यास

### 1. खेलों की पहचान
बच्चों को चित्र देखकर खेल पहचानने और लिखने का अवसर दिया गया है। जैसे –
- फुटबॉल
- लुड़ो
- सांप-सीढ़ी
- क्रिकेट
- खो-खो
- कैरमबोर्ड
- हॉकी
- रस्साकशी

इनमें से कुछ खेल घर के भीतर, और कुछ घर के बाहर खेले जाते हैं।

| घर के भीतर खेले जाने वाले खेल | घर के बाहर खेले जाने वाले खेल |
|------------------------------|-------------------------------|
| लुड़ो | फुटबॉल |
| सांप-सीढ़ी | क्रिकेट |
| शतरंज | खो-खो |
| कैरमबोर्ड | हॉकी |
| टेबल टेनिस | रस्साकशी |

### 2. अनुभव साझा करें
- मैं शाम को दोस्तों के साथ ……… खेलता/खेलती हूँ।
- मुझे ……… खेलना बहुत पसंद है क्योंकि ………

### 3. प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स
जब चोट लगे तो बच्चों को प्राथमिक उपचार की जानकारी होनी चाहिए।
बॉक्स में क्या होना चाहिए:
- रूई
- पट्टी
- डेटॉल या एंटिसेप्टिक
- बैंड-एड
- मरहम

---

## निष्कर्ष
यह कविता केवल एक खेल गीत नहीं है, बल्कि एक प्रेरणास्रोत भी है जो टीम भावना, शारीरिक व्यायाम और अनुशासन को महत्व देती है। बच्चों को न केवल कविता पढ़ने में आनंद आता है बल्कि वे खेल के माध्यम से सामूहिक प्रयास और एकता का मूल्य भी समझते हैं।

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खेल गीत

परिचय

यह कविता “जोर लगाओ, हईे सा!” एक खेल गीत है जो रस्साकशी (tug of war) के खेल में भाग लेने वाले खिलाड़ियों के उत्साह, जोश और टीम भावना को दर्शाती है। इस गीत में समूह प्रयास, शक्ति, एकता और शरीर के समन्वय की सुंदर झलक है। यह बच्चों में ऊर्जा और जोश भरने के लिए प्रेरणादायक कविता है।

प्रमुख विषय-वस्तु

1. रस्साकशी का चित्रण

  • कविता रस्साकशी के खेल को केंद्र में रखकर लिखी गई है।
  • इसमें बताया गया है कि कैसे खिलाड़ी सीना तानकर, रस्सी पकड़कर, कमर कसकर पूरी ताकत से खींचते हैं।
  • टीम भावना और आपसी तालमेल से ही जीत संभव होती है।

2. उत्साह और सामूहिक प्रयास

  • कविता की प्रत्येक पंक्ति में ‘हईे सा!’ के स्वर से उत्साह और जोश दिखाई देता है।
  • यह समूह को एकजुट करता है और प्रयास को संगठित करता है।

3. शारीरिक अंगों का उपयोग

  • कविता में शरीर के अंगों का उल्लेख है जैसे – सीना, कमर, पैर, पीठ आदि।
  • यह बच्चों को यह समझने में मदद करता है कि खेलते समय शरीर का हर भाग सक्रिय होता है।

4. टीम में सहयोग का महत्व

  • जीत के लिए जरूरी है कि साथी न डगमगाएं, रस्सी न फिसले और जोश कम न हो।
  • यह संदेश देता है कि साथ मिलकर काम करने से कठिन कार्य भी आसान हो जाते हैं।

अभ्यास प्रश्न

आसान (Easy)

  1. कविता में कौन सा खेल खेला जा रहा है?
    उत्तर: रस्साकशी

  2. कविता में कौन से शब्द बार-बार दोहराए गए हैं?
    उत्तर: जोर लगाओ, हईे सा!

  3. रस्साकशी में रस्सी को कैसे पकड़ना चाहिए?
    उत्तर: दोनों हाथों से कसकर, कमर कसकर और पैर जमाकर।

मध्यम (Medium)

  1. कविता में किन-किन शरीर के अंगों का उल्लेख हुआ है?
    उत्तर: सीना, कमर, पैर, पीठ, हाथ

  2. रस्साकशी खेलते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
    उत्तर: रस्सी न फिसले, साथी न गिरे, जोश बना रहे और शरीर संतुलित रहे।

कठिन (Difficult)

  1. ‘हईे सा! भई, हईे सा!’ इन पंक्तियों का क्या उद्देश्य है?
    उत्तर: यह जोश और ऊर्जा को बढ़ाने का नारा है जो खिलाड़ियों को एकजुट करता है और उनके प्रयासों में ताकत भरता है।

  2. रस्साकशी को सफलतापूर्वक खेलने के लिए किन बातों की आवश्यकता होती है?
    उत्तर: सामूहिक तालमेल, शारीरिक शक्ति, मनोबल, और सही तकनीक।

  3. “पसीने से तर सारे, सिल हुए सब बांव करारे” – इसका क्या तात्पर्य है?
    उत्तर: खिलाड़ी मेहनत से पसीने से भीग जाते हैं और उनकी बाहों की मांसपेशियाँ कड़ी और मजबूत हो जाती हैं।

बहुत कठिन (Very Difficult)

  1. कविता में प्रयुक्त अलंकार या काव्य सौंदर्य का उदाहरण दीजिए।
    उत्तर: अनुप्रास अलंकार का प्रयोग है – “हईे सा! हईे सा!” में ध्वनि की पुनरावृत्ति है।

  2. खेल गीत में छुपे नैतिक मूल्यों की पहचान कीजिए।
    उत्तर: यह गीत एकता, सहयोग, समर्पण और जोश जैसे मूल्यों को बढ़ावा देता है। यह बताता है कि जीत केवल शक्ति से नहीं बल्कि टीम वर्क से संभव होती है।


सरल शब्दावली (नए शब्द - सरल अर्थ सहित)

शब्दसरल अर्थ
रस्साकशीएक खेल जिसमें दो टीमें रस्सी खींचती हैं
अकड़तनकर खड़ा होना
कमर जकड़नाकमर को कसकर मजबूत करना
साथीटीम का सदस्य
जोश-खरोशबहुत ऊर्जा और उत्साह
पसीने से तरपसीने से पूरी तरह भीग जाना
सिलमजबूत होना (मांसपेशियों के लिए)
बांव करारेमजबूत और कड़ी बाहें

गतिविधियाँ और भाषा अभ्यास

1. बातचीत के लिए प्रश्न

  • कविता में “जोर लगाओ, हईे सा!” बार-बार कहने का क्या कारण है?
    उत्तर: यह नारा टीम में जोश और ऊर्जा भरने के लिए कहा गया है।

  • कविता में किन अंगों का वर्णन हुआ है?
    उत्तर: सीना, कमर, पैर, पीठ, हाथ आदि।

  • रस्साकशी में जीतने के लिए क्या करना पड़ता है?
    उत्तर: ताकत लगाना, सही संतुलन बनाए रखना और मिलकर खींचना।

2. सोचिए और लिखिए

  • आपने कौन-कौन से खेल खेले हैं?
  • आपका प्रिय खेल कौन-सा है और क्यों?
  • कौन से खेल दो टीमों के बीच होते हैं?
  • किन खेलों में ज्यादा खिलाड़ियों की जरूरत होती है?

3. भाषा की बात

  • कविता में तुकांत शब्दों का प्रयोग हुआ है, जैसे – अकड़-पकड़, गड़ा-अड़ा।
    अभ्यास: तुकांत शब्द जोड़िए –

    • अकड़ – पकड़
    • काम – नाम
    • मेला – केला
    • यही – सही
  • मात्रा हटाकर नया शब्द बनाना –
    जैसे: भार (→) भर
    अभ्यास करें:

    • बार → बर
    • तीर → तर
    • राम → रम
    • नीम → निम

रचनात्मक अभ्यास

1. खेलों की पहचान

बच्चों को चित्र देखकर खेल पहचानने और लिखने का अवसर दिया गया है। जैसे –

  • फुटबॉल
  • लुड़ो
  • सांप-सीढ़ी
  • क्रिकेट
  • खो-खो
  • कैरमबोर्ड
  • हॉकी
  • रस्साकशी

इनमें से कुछ खेल घर के भीतर, और कुछ घर के बाहर खेले जाते हैं।

घर के भीतर खेले जाने वाले खेलघर के बाहर खेले जाने वाले खेल
लुड़ोफुटबॉल
सांप-सीढ़ीक्रिकेट
शतरंजखो-खो
कैरमबोर्डहॉकी
टेबल टेनिसरस्साकशी

2. अनुभव साझा करें

  • मैं शाम को दोस्तों के साथ ……… खेलता/खेलती हूँ।
  • मुझे ……… खेलना बहुत पसंद है क्योंकि ………

3. प्राथमिक चिकित्सा बॉक्स

जब चोट लगे तो बच्चों को प्राथमिक उपचार की जानकारी होनी चाहिए।
बॉक्स में क्या होना चाहिए:

  • रूई
  • पट्टी
  • डेटॉल या एंटिसेप्टिक
  • बैंड-एड
  • मरहम

निष्कर्ष

यह कविता केवल एक खेल गीत नहीं है, बल्कि एक प्रेरणास्रोत भी है जो टीम भावना, शारीरिक व्यायाम और अनुशासन को महत्व देती है। बच्चों को न केवल कविता पढ़ने में आनंद आता है बल्कि वे खेल के माध्यम से सामूहिक प्रयास और एकता का मूल्य भी समझते हैं।