Chapter 12: अपना-अपना काम

3rd StandardHindi

अपना-अपना काम - Chapter Summary

# अपना-अपना काम

## कहानी का सारांश

यह कहानी एक छोटी बच्ची **सिमरन** की है, जो पढ़ाई से थक जाती है और सोचती है कि पढ़ाई के बिना जीवन अच्छा होता। वह बाग में बैठकर आसपास की चीजों को देखती है। उसे मधुमक्खियाँ उड़ती हुई दिखाई देती हैं और वह सोचती है कि काश वह भी मधुमक्खी होती। लेकिन जब वह मधुमक्खियों से बात करती है, तो वे बताती हैं कि वे दिनभर फूलों से रस इकट्ठा करती हैं और बहुत थक जाती हैं।

इसके बाद सिमरन सोचती है कि अगर वह पेड़ होती तो आराम से खड़ी रहती, लेकिन पेड़ उसे समझाता है कि वह भी लगातार काम करता है—जड़ें मिट्टी से पानी खींचती हैं, पत्तियाँ भोजन बनाती हैं और वह फल भी देता है।

फिर सिमरन चिड़ियों को देखकर सोचती है कि चिड़िया बनना अच्छा होता। लेकिन चिड़िया भी उसे बताती है कि उसे दाना ढूंढ़ने और घोंसला बनाने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है।

इन सभी बातों से सिमरन को समझ आता है कि हर कोई मेहनत करता है और मेहनत के बिना कुछ नहीं मिलता। अंत में वह उत्साह से किताबें उठाकर पढ़ाई करने लगती है।

---

## मुख्य विषय

- सभी जीव-जंतु मेहनत करते हैं।
- हर काम का अपना महत्व होता है।
- आराम की चाह अक्सर भ्रम होती है।
- परिश्रम से ही सफलता मिलती है।
- आत्म-प्रेरणा और जिम्मेदारी की भावना।

---

## नए शब्दों के सरल अर्थ

| शब्द | सरल अर्थ |
|-------------|---------------------------------------------|
| परिश्रम | कठिन मेहनत |
| मधुमक्खी | एक उड़ने वाला कीड़ा जो फूलों से रस लाकर शहद बनाता है |
| डाल-डाल | पेड़ की शाखाओं पर (यहाँ – उड़ना दर्शाता है) |
| जड़ें | पेड़ का वह भाग जो मिट्टी में होता है और पानी खींचता है |
| पत्तियाँ | पेड़ का वह भाग जो सूर्य से भोजन बनाता है |
| दाना | अनाज के छोटे-छोटे टुकड़े, चिड़ियों का भोजन |
| घोंसला | पक्षियों का घर |
| थकान | जब बहुत मेहनत करने से शरीर कमजोर हो जाए |
| जिम्मेदारी | कोई काम करने की आवश्यक भावना या कर्तव्य |
| प्रेरणा | उत्साह या प्रेरक भावना जो काम करने के लिए प्रेरित करे |

---

## अभ्यास प्रश्न

### आसान (Easy)

1. सिमरन कहानी की शुरुआत में कहाँ बैठी थी?
**उत्तर:** बाग में।

2. मधुमक्खियाँ दिनभर क्या करती हैं?
**उत्तर:** फूलों से रस इकट्ठा करती हैं।

3. चिड़िया क्या करती है?
**उत्तर:** दाना ढूँढ़ती है और घोंसला बनाती है।

### मध्यम (Medium)

4. पेड़ ने अपने काम के बारे में क्या बताया?
**उत्तर:** पेड़ ने बताया कि उसकी जड़ें पानी खींचती हैं, पत्तियाँ भोजन बनाती हैं और वह फल भी देता है।

5. सिमरन ने अंत में क्या सीखा?
**उत्तर:** परिश्रम से ही जीवन में सफलता मिलती है और उसे पढ़ाई मन लगाकर करनी चाहिए।

### कठिन (Difficult)

6. सिमरन ने मधुमक्खी क्यों बनना चाहा और बाद में वह क्यों नहीं बनी?
**उत्तर:** उसने सोचा मधुमक्खी बनकर वह आराम से उड़ती रहेगी, पर बाद में उसने समझा कि मधुमक्खियाँ भी बहुत मेहनत करती हैं।

7. सिमरन ने पेड़ के काम से क्या सीखा?
**उत्तर:** उसने सीखा कि पेड़ भी लगातार मेहनत करता है और आराम नहीं करता।

8. कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
**उत्तर:** हर व्यक्ति को परिश्रम करना चाहिए क्योंकि बिना मेहनत के कुछ भी संभव नहीं है।

### बहुत कठिन (Very Difficult)

9. अगर आप एक दिन किसी और जीव या वस्तु में बदल सकते, तो क्या बनना पसंद करते? क्यों?
**उत्तर (उदाहरण):** मैं सूरज बनना चाहता/चाहती क्योंकि वह सबको रोशनी और गर्मी देता है और पूरे दिन काम करता है।

10. कल्पना कीजिए कि सिमरन मधुमक्खी बन जाती, तो उसका दिन कैसा होता?
**उत्तर (उदाहरण):** उसे दिनभर फूलों से रस इकट्ठा करना पड़ता, पंख थक जाते और फिर शहद बनाना पड़ता। वह समझ जाती कि मधुमक्खी बनना भी आसान नहीं है।

---

अपना-अपना काम

कहानी का सारांश

यह कहानी एक छोटी बच्ची सिमरन की है, जो पढ़ाई से थक जाती है और सोचती है कि पढ़ाई के बिना जीवन अच्छा होता। वह बाग में बैठकर आसपास की चीजों को देखती है। उसे मधुमक्खियाँ उड़ती हुई दिखाई देती हैं और वह सोचती है कि काश वह भी मधुमक्खी होती। लेकिन जब वह मधुमक्खियों से बात करती है, तो वे बताती हैं कि वे दिनभर फूलों से रस इकट्ठा करती हैं और बहुत थक जाती हैं।

इसके बाद सिमरन सोचती है कि अगर वह पेड़ होती तो आराम से खड़ी रहती, लेकिन पेड़ उसे समझाता है कि वह भी लगातार काम करता है—जड़ें मिट्टी से पानी खींचती हैं, पत्तियाँ भोजन बनाती हैं और वह फल भी देता है।

फिर सिमरन चिड़ियों को देखकर सोचती है कि चिड़िया बनना अच्छा होता। लेकिन चिड़िया भी उसे बताती है कि उसे दाना ढूंढ़ने और घोंसला बनाने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है।

इन सभी बातों से सिमरन को समझ आता है कि हर कोई मेहनत करता है और मेहनत के बिना कुछ नहीं मिलता। अंत में वह उत्साह से किताबें उठाकर पढ़ाई करने लगती है।


मुख्य विषय

  • सभी जीव-जंतु मेहनत करते हैं।
  • हर काम का अपना महत्व होता है।
  • आराम की चाह अक्सर भ्रम होती है।
  • परिश्रम से ही सफलता मिलती है।
  • आत्म-प्रेरणा और जिम्मेदारी की भावना।

नए शब्दों के सरल अर्थ

शब्दसरल अर्थ
परिश्रमकठिन मेहनत
मधुमक्खीएक उड़ने वाला कीड़ा जो फूलों से रस लाकर शहद बनाता है
डाल-डालपेड़ की शाखाओं पर (यहाँ – उड़ना दर्शाता है)
जड़ेंपेड़ का वह भाग जो मिट्टी में होता है और पानी खींचता है
पत्तियाँपेड़ का वह भाग जो सूर्य से भोजन बनाता है
दानाअनाज के छोटे-छोटे टुकड़े, चिड़ियों का भोजन
घोंसलापक्षियों का घर
थकानजब बहुत मेहनत करने से शरीर कमजोर हो जाए
जिम्मेदारीकोई काम करने की आवश्यक भावना या कर्तव्य
प्रेरणाउत्साह या प्रेरक भावना जो काम करने के लिए प्रेरित करे

अभ्यास प्रश्न

आसान (Easy)

  1. सिमरन कहानी की शुरुआत में कहाँ बैठी थी?
    उत्तर: बाग में।

  2. मधुमक्खियाँ दिनभर क्या करती हैं?
    उत्तर: फूलों से रस इकट्ठा करती हैं।

  3. चिड़िया क्या करती है?
    उत्तर: दाना ढूँढ़ती है और घोंसला बनाती है।

मध्यम (Medium)

  1. पेड़ ने अपने काम के बारे में क्या बताया?
    उत्तर: पेड़ ने बताया कि उसकी जड़ें पानी खींचती हैं, पत्तियाँ भोजन बनाती हैं और वह फल भी देता है।

  2. सिमरन ने अंत में क्या सीखा?
    उत्तर: परिश्रम से ही जीवन में सफलता मिलती है और उसे पढ़ाई मन लगाकर करनी चाहिए।

कठिन (Difficult)

  1. सिमरन ने मधुमक्खी क्यों बनना चाहा और बाद में वह क्यों नहीं बनी?
    उत्तर: उसने सोचा मधुमक्खी बनकर वह आराम से उड़ती रहेगी, पर बाद में उसने समझा कि मधुमक्खियाँ भी बहुत मेहनत करती हैं।

  2. सिमरन ने पेड़ के काम से क्या सीखा?
    उत्तर: उसने सीखा कि पेड़ भी लगातार मेहनत करता है और आराम नहीं करता।

  3. कहानी का मुख्य संदेश क्या है?
    उत्तर: हर व्यक्ति को परिश्रम करना चाहिए क्योंकि बिना मेहनत के कुछ भी संभव नहीं है।

बहुत कठिन (Very Difficult)

  1. अगर आप एक दिन किसी और जीव या वस्तु में बदल सकते, तो क्या बनना पसंद करते? क्यों?
    उत्तर (उदाहरण): मैं सूरज बनना चाहता/चाहती क्योंकि वह सबको रोशनी और गर्मी देता है और पूरे दिन काम करता है।

  2. कल्पना कीजिए कि सिमरन मधुमक्खी बन जाती, तो उसका दिन कैसा होता?
    उत्तर (उदाहरण): उसे दिनभर फूलों से रस इकट्ठा करना पड़ता, पंख थक जाते और फिर शहद बनाना पड़ता। वह समझ जाती कि मधुमक्खी बनना भी आसान नहीं है।