Chapter 13: पेड़ों की अम्मा ‘तिमककमा’
पेड़ों की अम्मा ‘तिमककमा’ - Chapter Summary
## पाठ परिचय
इस पाठ में तिम्मक्का नामक एक प्रेरणादायक महिला के जीवन की कहानी दी गई है, जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण को अपने जीवन का ध्येय बना लिया। उन्हें "पेड़ों की अम्मा" के नाम से जाना जाता है क्योंकि उन्होंने अपने जीवन के आठ दशक वृक्षारोपण को समर्पित कर दिए।
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## मुख्य विषय
### 1. तिम्मक्का का जीवन और संघर्ष
- तिम्मक्का का जन्म कर्नाटक राज्य के तुमकुर जिले में हुआ था।
- प्रारंभिक जीवन में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
- आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के बावजूद उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर वृक्षारोपण का कार्य आरंभ किया।
### 2. वृक्षारोपण का कार्य
- तिम्मक्का ने लगभग 45 किलोमीटर लंबी सड़क के किनारे 385 बरगद के पेड़ लगाए।
- बाद में उन्होंने अन्य स्थानों पर भी लगभग 8000 से अधिक पेड़ लगाए।
- इन पेड़ों ने पर्यावरण को हरा-भरा, सुंदर और संतुलित बनाने में मदद की।
### 3. सामाजिक योगदान और पहचान
- उनके कार्य को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 2019 में "पद्मश्री" सम्मान से नवाज़ा।
- आज भी वे 107 वर्ष की आयु में सक्रिय हैं और वन-संरक्षण अभियानों में हिस्सा लेती हैं।
### 4. प्रेरणादायक व्यक्तित्व
- कठिनाइयों के बावजूद तिम्मक्का ने अपनी निष्ठा और श्रद्धा के बल पर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य किया।
- उनका जीवन इस बात का उदाहरण है कि सीमित संसाधनों में भी सेवा कार्य किया जा सकता है।
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## नए शब्द और सरल परिभाषाएँ
| शब्द | सरल परिभाषा |
| ----------- | --------------------------------------- |
| वृक्षारोपण | पेड़ लगाना |
| पर्यावरण | हमारे चारों ओर की हवा, पेड़, जानवर आदि |
| पद्मश्री | भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला सम्मान |
| प्रेरणादायक | जिससे सीख मिलती है या प्रेरणा मिलती है |
| सहयोग | किसी कार्य में मदद करना |
| अभाव | किसी चीज़ की कमी |
| समर्पित | पूरी तरह से किसी काम में लग जाना |
| रमणीय | सुंदर और मन को भाने वाला स्थान |
---
## अभ्यास प्रश्न
### आसान (Easy)
1. तिम्मक्का को किस नाम से जाना जाता है?
**उत्तर:** पेड़ों की अम्मा।
2. तिम्मक्का ने कितने बरगद के पेड़ लगाए?
**उत्तर:** 385 पेड़।
3. भारत सरकार ने तिम्मक्का को कौन-सा पुरस्कार दिया?
**उत्तर:** पद्मश्री।
### मध्यम (Medium)
4. तिम्मक्का के वृक्षारोपण से समाज को क्या लाभ हुआ?
**उत्तर:** पर्यावरण सुंदर और संतुलित बना, समाज को हरियाली और शुद्ध वायु मिली।
5. तिम्मक्का ने अपने कार्य के लिए किसका सहयोग प्राप्त किया?
**उत्तर:** अपने पति का।
### कठिन (Difficult)
6. तिम्मक्का का जीवन हमें क्या सिखाता है?
**उत्तर:** सीमित साधनों के बावजूद समाजसेवा संभव है; निष्ठा और मेहनत से बड़ा बदलाव लाया जा सकता है।
7. तिम्मक्का ने वृक्षारोपण कहाँ आरंभ किया था?
**उत्तर:** कर्नाटक के हुलिकाल और कुदुरु के बीच की सड़क पर।
8. तिम्मक्का का अन्य क्या नाम प्रसिद्ध है और क्यों?
**उत्तर:** "सालूमरदा तिम्मक्का" – सालूमरदा का अर्थ है पेड़ों की कतार, जो उनके कार्य का प्रतीक है।
### बहुत कठिन (Very Difficult)
9. तिम्मक्का द्वारा किया गया वृक्षारोपण कार्य पर्यावरणीय दृष्टि से क्यों महत्वपूर्ण है?
**उत्तर:** यह कार्य जैव विविधता को बचाता है, कार्बन डाइऑक्साइड कम करता है, और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सहायक है।
10. तिम्मक्का के जीवन से हमें समाज और पर्यावरण के लिए क्या उत्तरदायित्व निभाने की प्रेरणा मिलती है?
**उत्तर:** हमें समाज और पर्यावरण की भलाई के लिए छोटे-छोटे प्रयास करने चाहिए; हर व्यक्ति अपने स्तर पर बदलाव ला सकता है।
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पेड़ों की अम्मा — तिम्मक्का
पाठ परिचय
इस पाठ में तिम्मक्का नामक एक प्रेरणादायक महिला के जीवन की कहानी दी गई है, जिन्होंने पर्यावरण संरक्षण को अपने जीवन का ध्येय बना लिया। उन्हें "पेड़ों की अम्मा" के नाम से जाना जाता है क्योंकि उन्होंने अपने जीवन के आठ दशक वृक्षारोपण को समर्पित कर दिए।
मुख्य विषय
1. तिम्मक्का का जीवन और संघर्ष
- तिम्मक्का का जन्म कर्नाटक राज्य के तुमकुर जिले में हुआ था।
- प्रारंभिक जीवन में उन्हें कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
- आर्थिक स्थिति अच्छी न होने के बावजूद उन्होंने अपने पति के साथ मिलकर वृक्षारोपण का कार्य आरंभ किया।
2. वृक्षारोपण का कार्य
- तिम्मक्का ने लगभग 45 किलोमीटर लंबी सड़क के किनारे 385 बरगद के पेड़ लगाए।
- बाद में उन्होंने अन्य स्थानों पर भी लगभग 8000 से अधिक पेड़ लगाए।
- इन पेड़ों ने पर्यावरण को हरा-भरा, सुंदर और संतुलित बनाने में मदद की।
3. सामाजिक योगदान और पहचान
- उनके कार्य को देखते हुए भारत सरकार ने उन्हें 2019 में "पद्मश्री" सम्मान से नवाज़ा।
- आज भी वे 107 वर्ष की आयु में सक्रिय हैं और वन-संरक्षण अभियानों में हिस्सा लेती हैं।
4. प्रेरणादायक व्यक्तित्व
- कठिनाइयों के बावजूद तिम्मक्का ने अपनी निष्ठा और श्रद्धा के बल पर समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का कार्य किया।
- उनका जीवन इस बात का उदाहरण है कि सीमित संसाधनों में भी सेवा कार्य किया जा सकता है।
नए शब्द और सरल परिभाषाएँ
शब्द | सरल परिभाषा |
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वृक्षारोपण | पेड़ लगाना |
पर्यावरण | हमारे चारों ओर की हवा, पेड़, जानवर आदि |
पद्मश्री | भारत सरकार द्वारा दिया जाने वाला सम्मान |
प्रेरणादायक | जिससे सीख मिलती है या प्रेरणा मिलती है |
सहयोग | किसी कार्य में मदद करना |
अभाव | किसी चीज़ की कमी |
समर्पित | पूरी तरह से किसी काम में लग जाना |
रमणीय | सुंदर और मन को भाने वाला स्थान |
अभ्यास प्रश्न
आसान (Easy)
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तिम्मक्का को किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर: पेड़ों की अम्मा। -
तिम्मक्का ने कितने बरगद के पेड़ लगाए?
उत्तर: 385 पेड़। -
भारत सरकार ने तिम्मक्का को कौन-सा पुरस्कार दिया?
उत्तर: पद्मश्री।
मध्यम (Medium)
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तिम्मक्का के वृक्षारोपण से समाज को क्या लाभ हुआ?
उत्तर: पर्यावरण सुंदर और संतुलित बना, समाज को हरियाली और शुद्ध वायु मिली। -
तिम्मक्का ने अपने कार्य के लिए किसका सहयोग प्राप्त किया?
उत्तर: अपने पति का।
कठिन (Difficult)
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तिम्मक्का का जीवन हमें क्या सिखाता है?
उत्तर: सीमित साधनों के बावजूद समाजसेवा संभव है; निष्ठा और मेहनत से बड़ा बदलाव लाया जा सकता है। -
तिम्मक्का ने वृक्षारोपण कहाँ आरंभ किया था?
उत्तर: कर्नाटक के हुलिकाल और कुदुरु के बीच की सड़क पर। -
तिम्मक्का का अन्य क्या नाम प्रसिद्ध है और क्यों?
उत्तर: "सालूमरदा तिम्मक्का" – सालूमरदा का अर्थ है पेड़ों की कतार, जो उनके कार्य का प्रतीक है।
बहुत कठिन (Very Difficult)
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तिम्मक्का द्वारा किया गया वृक्षारोपण कार्य पर्यावरणीय दृष्टि से क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: यह कार्य जैव विविधता को बचाता है, कार्बन डाइऑक्साइड कम करता है, और जलवायु परिवर्तन से लड़ने में सहायक है। -
तिम्मक्का के जीवन से हमें समाज और पर्यावरण के लिए क्या उत्तरदायित्व निभाने की प्रेरणा मिलती है?
उत्तर: हमें समाज और पर्यावरण की भलाई के लिए छोटे-छोटे प्रयास करने चाहिए; हर व्यक्ति अपने स्तर पर बदलाव ला सकता है।