Chapter 3: नीम

4th StandardHindi

नीम - Chapter Summary

# नीम

## परिचय

यह कविता “नीम” एक पेड़ के रूप में नीम की विशेषताओं, लाभों और मानव व पर्यावरण के लिए उसकी उपयोगिता को उजागर करती है। कवि नीम को न केवल एक वृक्ष, बल्कि एक भावनात्मक, समाज से जुड़ा, और सेवा भाव से परिपूर्ण प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करता है।

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## मुख्य विषयवस्तु

### 1. नीम की विशेषताएँ
- **नीम दिनभर प्रसन्न रहता है**, लहराता-बलखाता रहता है।
- **नीम सभी से स्नेह करता है** – दिदिया, कौआ, तोता आदि।
- **वह डॉक्टर नहीं है**, पर अनेक रोगों को भगाता है।
- **वायु प्रदूषण को भी शुद्ध करता है।**
- **अपने तन-मन को मीठा रखने की प्रेरणा देता है।**
- **नीम हवा के साथ झूमता है** और सबका मन बहलाता है।
- **स्वार्थ रहित सेवा करता है**, कुछ लेता नहीं पर बहुत कुछ देता है।

### 2. बातचीत और प्रश्न उत्तर
- नीम में आए पक्षी: कौआ, तोता।
- नीम से लाभ: त्वचा रोग, पाचन संबंधित रोग, मुँह के रोग।
- नीम सबका मन कैसे बहलाता है: झूमकर, हरियाली से, ठंडी छाया से।

### 3. भाषा अभ्यास
- स्त्रीलिंग और पुल्लिंग पहचान।
- “प्र” उपसर्ग वाले शब्दों की खोज (जैसे: प्रदूषित, प्रकट, प्रयास)।
- "नेह" शब्द का भाव स्पष्ट करना (प्यार, स्नेह)।

### 4. नीम के अंगों की जानकारी
- पत्तियाँ: दाँतेदार किनारे, हरे रंग की।
- नीम की टहनियों से दाँत साफ किए जाते हैं – जिसे "दातून" कहते हैं।
- नीम की छाल को "निबौरी" कहते हैं।
- पत्तियों को सुखाकर दवाओं में संग्रहित किया जाता है।

### 5. रचनात्मक अभ्यास
- संवाद लेखन – नीम से बातचीत।
- नीम की डाल पर झूला झूलने की कल्पना।
- अपने आस-पास के वृक्षों की पत्तियाँ इकट्ठा कर उनकी विशेषताएँ लिखना।
- नीम के औषधीय गुणों के अलावा अन्य औषधीय वृक्षों जैसे तुलसी, आँवला, गिलोय के नाम लिखना।

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## सरल शब्दावली

| शब्द | अर्थ (सरल भाषा में) |
|--------------|------------------------------------------|
| लहराता | धीरे-धीरे हिलता-डुलता |
| बलखाता | घूमता हुआ, लचकता हुआ |
| नेह | स्नेह, प्यार |
| प्रदूषित | गंदा किया हुआ, अशुद्ध |
| शुद्ध | साफ, स्वच्छ |
| रोग भगाना | बीमारी दूर करना |
| झूमना | आनंद में हिलना |
| टहनी | पेड़ की पतली शाखा |
| निबौरी | नीम का फल |
| औषधीय | उपचार में काम आने वाला, दवा जैसा |

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## अभ्यास प्रश्न

### आसान (Easy)
1. नीम किन-किन पक्षियों से स्नेह जताता है?
**उत्तर:** दिदिया, कौआ, तोता।

2. नीम हवा में क्या करता है?
**उत्तर:** हवा को शुद्ध बनाता है।

3. नीम दिनभर कैसा रहता है?
**उत्तर:** हँसता-गाता, प्रसन्न रहता है।

### मध्यम (Medium)
4. नीम डॉक्टर नहीं होते हुए भी क्या कर देता है?
**उत्तर:** वह बहुत सारे रोगों को दूर करता है।

5. ‘नेह’ शब्द का क्या भाव है?
**उत्तर:** स्नेह और प्यार।

### कठिन (Difficult)
6. नीम सबका मन कैसे बहलाता है?
**उत्तर:** वह झूम-झूमकर सबको ठंडी छाया, हरियाली और आनंद देता है।

7. नीम की पत्तियों से किस प्रकार का लाभ होता है?
**उत्तर:** उबालकर नहाने से त्वचा के रोग दूर होते हैं।

8. कविता में नीम के किस गुण से हमें जीवन में कुछ सीखने को मिलता है?
**उत्तर:** निस्वार्थ सेवा भावना – वह किसी से कुछ नहीं लेता पर बहुत कुछ देता है।

### बहुत कठिन (Very Difficult)
9. नीम का वृक्ष पर्यावरण के लिए कैसे उपयोगी है?
**उत्तर:** यह वायु को शुद्ध करता है और प्रदूषण कम करता है।

10. कविता के आधार पर नीम को एक आदर्श वृक्ष क्यों माना गया है?
**उत्तर:** क्योंकि वह सेवा करता है, स्नेह देता है, बीमारियाँ दूर करता है, बिना किसी स्वार्थ के दूसरों का कल्याण करता है।

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नीम

परिचय

यह कविता “नीम” एक पेड़ के रूप में नीम की विशेषताओं, लाभों और मानव व पर्यावरण के लिए उसकी उपयोगिता को उजागर करती है। कवि नीम को न केवल एक वृक्ष, बल्कि एक भावनात्मक, समाज से जुड़ा, और सेवा भाव से परिपूर्ण प्रतीक के रूप में प्रस्तुत करता है।


मुख्य विषयवस्तु

1. नीम की विशेषताएँ

  • नीम दिनभर प्रसन्न रहता है, लहराता-बलखाता रहता है।
  • नीम सभी से स्नेह करता है – दिदिया, कौआ, तोता आदि।
  • वह डॉक्टर नहीं है, पर अनेक रोगों को भगाता है।
  • वायु प्रदूषण को भी शुद्ध करता है।
  • अपने तन-मन को मीठा रखने की प्रेरणा देता है।
  • नीम हवा के साथ झूमता है और सबका मन बहलाता है।
  • स्वार्थ रहित सेवा करता है, कुछ लेता नहीं पर बहुत कुछ देता है।

2. बातचीत और प्रश्न उत्तर

  • नीम में आए पक्षी: कौआ, तोता।
  • नीम से लाभ: त्वचा रोग, पाचन संबंधित रोग, मुँह के रोग।
  • नीम सबका मन कैसे बहलाता है: झूमकर, हरियाली से, ठंडी छाया से।

3. भाषा अभ्यास

  • स्त्रीलिंग और पुल्लिंग पहचान।
  • “प्र” उपसर्ग वाले शब्दों की खोज (जैसे: प्रदूषित, प्रकट, प्रयास)।
  • "नेह" शब्द का भाव स्पष्ट करना (प्यार, स्नेह)।

4. नीम के अंगों की जानकारी

  • पत्तियाँ: दाँतेदार किनारे, हरे रंग की।
  • नीम की टहनियों से दाँत साफ किए जाते हैं – जिसे "दातून" कहते हैं।
  • नीम की छाल को "निबौरी" कहते हैं।
  • पत्तियों को सुखाकर दवाओं में संग्रहित किया जाता है।

5. रचनात्मक अभ्यास

  • संवाद लेखन – नीम से बातचीत।
  • नीम की डाल पर झूला झूलने की कल्पना।
  • अपने आस-पास के वृक्षों की पत्तियाँ इकट्ठा कर उनकी विशेषताएँ लिखना।
  • नीम के औषधीय गुणों के अलावा अन्य औषधीय वृक्षों जैसे तुलसी, आँवला, गिलोय के नाम लिखना।

सरल शब्दावली

शब्दअर्थ (सरल भाषा में)
लहराताधीरे-धीरे हिलता-डुलता
बलखाताघूमता हुआ, लचकता हुआ
नेहस्नेह, प्यार
प्रदूषितगंदा किया हुआ, अशुद्ध
शुद्धसाफ, स्वच्छ
रोग भगानाबीमारी दूर करना
झूमनाआनंद में हिलना
टहनीपेड़ की पतली शाखा
निबौरीनीम का फल
औषधीयउपचार में काम आने वाला, दवा जैसा

अभ्यास प्रश्न

आसान (Easy)

  1. नीम किन-किन पक्षियों से स्नेह जताता है?
    उत्तर: दिदिया, कौआ, तोता।

  2. नीम हवा में क्या करता है?
    उत्तर: हवा को शुद्ध बनाता है।

  3. नीम दिनभर कैसा रहता है?
    उत्तर: हँसता-गाता, प्रसन्न रहता है।

मध्यम (Medium)

  1. नीम डॉक्टर नहीं होते हुए भी क्या कर देता है?
    उत्तर: वह बहुत सारे रोगों को दूर करता है।

  2. ‘नेह’ शब्द का क्या भाव है?
    उत्तर: स्नेह और प्यार।

कठिन (Difficult)

  1. नीम सबका मन कैसे बहलाता है?
    उत्तर: वह झूम-झूमकर सबको ठंडी छाया, हरियाली और आनंद देता है।

  2. नीम की पत्तियों से किस प्रकार का लाभ होता है?
    उत्तर: उबालकर नहाने से त्वचा के रोग दूर होते हैं।

  3. कविता में नीम के किस गुण से हमें जीवन में कुछ सीखने को मिलता है?
    उत्तर: निस्वार्थ सेवा भावना – वह किसी से कुछ नहीं लेता पर बहुत कुछ देता है।

बहुत कठिन (Very Difficult)

  1. नीम का वृक्ष पर्यावरण के लिए कैसे उपयोगी है?
    उत्तर: यह वायु को शुद्ध करता है और प्रदूषण कम करता है।

  2. कविता के आधार पर नीम को एक आदर्श वृक्ष क्यों माना गया है?
    उत्तर: क्योंकि वह सेवा करता है, स्नेह देता है, बीमारियाँ दूर करता है, बिना किसी स्वार्थ के दूसरों का कल्याण करता है।