Chapter 6: जयपुर से पत्र
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Chapter Summary
जयपुर से पत्र - Chapter Summary
# जयपुर से पत्र
## मुख्य कहानी
यह अध्याय अमर द्वारा अपने पिताजी को लिखे गए पत्र के रूप में प्रस्तुत है। अमर एक शैक्षणिक यात्रा पर जयपुर गया है और अपने पिताजी को वहाँ के अनुभवों के बारे में विस्तार से लिखता है।
### यात्रा की शुरुआत
- अमर परसों रात को सकुशल जयपुर पहुँचा
- यात्रा बहुत अच्छी रही और अध्यापकों ने अच्छा ध्यान रखा
- जयपुर में मौसम अच्छा था
### जयपुर के दर्शनीय स्थल
#### हवामहल
- सुबह जलपान के बाद सबसे पहले हवामहल देखा
- यह जयपुर का प्रसिद्ध महल है
#### जंतर-मंतर
- हवामहल के पास ही स्थित एक वेधशाला
- इसका निर्माण राजा सवाई जयसिंह ने किया था
- घूम-घूमकर इसे देखा
#### रामनिवास बाग और कला-संग्रहालय
- यहाँ एक अच्छा कला-संग्रहालय है जो दर्शनीय है
- संग्रहालय में जयपुर के राजा-महाराजाओं के कपड़े, अस्त्र-शस्त्र और चित्र संग्रहीत हैं
#### आमेर का दुर्ग
- जयपुर से लगभग चौदह किलोमीटर की दूरी पर स्थित
- यह बहुत पुराना और बड़ा दुर्ग है
- **शीशमहल**: देखने योग्य विशेष स्थान
- **शिला देवी का मंदिर**: शीशमहल के पास स्थित
### सांस्कृतिक अनुभव
- रात को राजस्थान के लोकनृत्य देखे
- राजस्थान का विशेष व्यंजन **दाल-बाटी चूरमा** खाया
### आगे की योजना
- दोपहर पश्चात् झीलों के नगर उदयपुर जाने की योजना
- अगला पत्र उदयपुर से लिखने का वादा
## दाल-बाटी चूरमा - राजस्थानी व्यंजन
### दाल
- अरहर, मूंग, चने या मसूर की दाल से बनती है
- कई मसालों के साथ पकाई जाती है
- हरा धनिया स्वाद बढ़ाता है
### बाटी
- गेहूँ के आटे से बनी गोल लोइयाँ
- उपले और लकड़ियों की आग में सेंकी जाती हैं
- तैयार गरम बाटियों को घी में डुबोया जाता है
- बाहर से कुरकुरी और अंदर से मुलायम होती हैं
### चूरमा
- थोड़े मोटे आटे से बनता है
- पहले बाटी या मोटी रोटी बनाई जाती है
- मूसल की सहायता से ओखली में कूटा जाता है
- बारीक होने पर घी, सूखे मेवे और गुड़ मिलाया जाता है
### उपला (गोइठा/कंडा)
- गाय या भैंस के गोबर से बना पारंपरिक ईंधन
- गोबर को हाथ से आकार देकर धूप में सुखाया जाता है
## पत्र लेखन की कला
### पत्र लेखन का महत्व
- मोबाइल फोन, ईमेल या व्हाट्सएप से पहले संवाद का मुख्य साधन
- भावनाओं को कागज़ पर उतारने का अवसर
- दूर रहने वाले मित्रों और संबंधियों से जुड़ाव
### पत्र लेखन की विधि
#### 1. प्रारंभ
- ऊपर दाईं ओर दिनांक लिखें
#### 2. संबोधन
- पूज्य या आदरणीय माँ/पिताजी या मेरे प्रिय मित्र
#### 3. अभिवादन
- नमस्ते, प्रणाम, आशीर्वाद आदि
#### 4. मुख्य विषय
- जो कहना चाहते हैं वह लिखें
#### 5. अंतिम पंक्ति
- बड़ों को प्रणाम और छोटों को प्यार
#### 6. समापन
- आपका/आपकी प्यारा बेटा/प्यारी बेटी और अपना नाम
## डाक व्यवस्था
### डाक पेटी (पोस्ट बॉक्स)
- लाल रंग की पेटी
- चिट्ठियों का संग्रह करने के लिए उपयोग
- डाकिया भैया/बहना इससे चिट्ठियाँ निकालकर डाकघर ले जाते हैं
### पिनकोड (PIN Code)
- छह अंकों की संख्या
- किसी विशेष क्षेत्र की पहचान के लिए
- पहला अंक राज्य को बताता है
- दूसरा और तीसरा अंक जिले को बताता है
- अंतिम तीन अंक डाकघर की पहचान बताते हैं
### पत्र की यात्रा (इतिहास)
#### प्राचीन काल
- संदेश भेजने के लिए दूत होते थे
- कम दूरी के लिए पैदल दूत
- लंबी दूरी के लिए कबूतरों का उपयोग
- अति आवश्यक पत्राचार के लिए बारी-बारी से दौड़कर दूतों द्वारा
- अश्वदूत (घुड़सवारों) द्वारा भी पत्र भेजे जाते थे
#### आधुनिक काल
- भारत में डाक विभाग की स्थापना सन् 1854 में हुई
- देशभर में डाकघर खोले गए
- आज स्पीड पोस्ट जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं
## संग्रहालय और वेधशाला
### संग्रहालय
- सार्वजनिक भवन जहाँ सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, ऐतिहासिक एवं कलात्मक महत्व की वस्तुओं को प्रदर्शित किया जाता है
- कई प्रकार की वस्तुएँ रखी जाती हैं जिनमें से कुछ अद्वितीय होती हैं
### वेधशाला
- वह स्थान जहाँ ग्रहों, तारों और नक्षत्रों को देखने के लिए यंत्र रखे जाते हैं
- इन यंत्रों की सहायता से ग्रहों की गति-स्थिति का निरंतर अध्ययन किया जाता है
## मुख्य शिक्षाएँ
1. **यात्रा का महत्व**: नई जगहों की यात्रा से ज्ञान और अनुभव मिलता है
2. **सांस्कृतिक संपदा**: हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को समझना
3. **पत्र लेखन की कला**: व्यक्तिगत संवाद का महत्व
4. **इतिहास की जानकारी**: प्राचीन संचार व्यवस्था से आधुनिक डाक व्यवस्था तक का विकास
## गोलगप्पा कविता
अध्याय के अंत में लायक राम मानव जी की एक मजेदार कविता है जो गोलगप्पा (पिचकू) के बारे में है। यह कविता इस लोकप्रिय स्ट्रीट फूड को खाने के मजेदार अनुभव को दर्शाती है।
---
## नई शब्दावली
| शब्द | अर्थ (अंग्रेजी में) |
|------|------------------|
| सकुशल | Safely |
| जलपान | Breakfast |
| वेधशाला | Observatory |
| दर्शनीय | Worth seeing |
| संग्रहालय | Museum |
| अस्त्र-शस्त्र | Weapons |
| दुर्ग | Fort |
| लोकनृत्य | Folk dance |
| व्यंजन | Dish/Cuisine |
| चूरमा | A sweet dish made from crushed wheat |
| उपला | Dried cow dung cakes used as fuel |
| पिनकोड | Postal Index Number Code |
| संबोधन | Salutation |
| अभिवादन | Greeting |
| दूत | Messenger |
| अश्वदूत | Horse rider messenger |
| सांस्कृतिक | Cultural |
| ऐतिहासिक | Historical |
| कलात्मक | Artistic |
| नक्षत्र | Constellation |
| निरंतर | Continuous |
## मुख्य कहानी
यह अध्याय अमर द्वारा अपने पिताजी को लिखे गए पत्र के रूप में प्रस्तुत है। अमर एक शैक्षणिक यात्रा पर जयपुर गया है और अपने पिताजी को वहाँ के अनुभवों के बारे में विस्तार से लिखता है।
### यात्रा की शुरुआत
- अमर परसों रात को सकुशल जयपुर पहुँचा
- यात्रा बहुत अच्छी रही और अध्यापकों ने अच्छा ध्यान रखा
- जयपुर में मौसम अच्छा था
### जयपुर के दर्शनीय स्थल
#### हवामहल
- सुबह जलपान के बाद सबसे पहले हवामहल देखा
- यह जयपुर का प्रसिद्ध महल है
#### जंतर-मंतर
- हवामहल के पास ही स्थित एक वेधशाला
- इसका निर्माण राजा सवाई जयसिंह ने किया था
- घूम-घूमकर इसे देखा
#### रामनिवास बाग और कला-संग्रहालय
- यहाँ एक अच्छा कला-संग्रहालय है जो दर्शनीय है
- संग्रहालय में जयपुर के राजा-महाराजाओं के कपड़े, अस्त्र-शस्त्र और चित्र संग्रहीत हैं
#### आमेर का दुर्ग
- जयपुर से लगभग चौदह किलोमीटर की दूरी पर स्थित
- यह बहुत पुराना और बड़ा दुर्ग है
- **शीशमहल**: देखने योग्य विशेष स्थान
- **शिला देवी का मंदिर**: शीशमहल के पास स्थित
### सांस्कृतिक अनुभव
- रात को राजस्थान के लोकनृत्य देखे
- राजस्थान का विशेष व्यंजन **दाल-बाटी चूरमा** खाया
### आगे की योजना
- दोपहर पश्चात् झीलों के नगर उदयपुर जाने की योजना
- अगला पत्र उदयपुर से लिखने का वादा
## दाल-बाटी चूरमा - राजस्थानी व्यंजन
### दाल
- अरहर, मूंग, चने या मसूर की दाल से बनती है
- कई मसालों के साथ पकाई जाती है
- हरा धनिया स्वाद बढ़ाता है
### बाटी
- गेहूँ के आटे से बनी गोल लोइयाँ
- उपले और लकड़ियों की आग में सेंकी जाती हैं
- तैयार गरम बाटियों को घी में डुबोया जाता है
- बाहर से कुरकुरी और अंदर से मुलायम होती हैं
### चूरमा
- थोड़े मोटे आटे से बनता है
- पहले बाटी या मोटी रोटी बनाई जाती है
- मूसल की सहायता से ओखली में कूटा जाता है
- बारीक होने पर घी, सूखे मेवे और गुड़ मिलाया जाता है
### उपला (गोइठा/कंडा)
- गाय या भैंस के गोबर से बना पारंपरिक ईंधन
- गोबर को हाथ से आकार देकर धूप में सुखाया जाता है
## पत्र लेखन की कला
### पत्र लेखन का महत्व
- मोबाइल फोन, ईमेल या व्हाट्सएप से पहले संवाद का मुख्य साधन
- भावनाओं को कागज़ पर उतारने का अवसर
- दूर रहने वाले मित्रों और संबंधियों से जुड़ाव
### पत्र लेखन की विधि
#### 1. प्रारंभ
- ऊपर दाईं ओर दिनांक लिखें
#### 2. संबोधन
- पूज्य या आदरणीय माँ/पिताजी या मेरे प्रिय मित्र
#### 3. अभिवादन
- नमस्ते, प्रणाम, आशीर्वाद आदि
#### 4. मुख्य विषय
- जो कहना चाहते हैं वह लिखें
#### 5. अंतिम पंक्ति
- बड़ों को प्रणाम और छोटों को प्यार
#### 6. समापन
- आपका/आपकी प्यारा बेटा/प्यारी बेटी और अपना नाम
## डाक व्यवस्था
### डाक पेटी (पोस्ट बॉक्स)
- लाल रंग की पेटी
- चिट्ठियों का संग्रह करने के लिए उपयोग
- डाकिया भैया/बहना इससे चिट्ठियाँ निकालकर डाकघर ले जाते हैं
### पिनकोड (PIN Code)
- छह अंकों की संख्या
- किसी विशेष क्षेत्र की पहचान के लिए
- पहला अंक राज्य को बताता है
- दूसरा और तीसरा अंक जिले को बताता है
- अंतिम तीन अंक डाकघर की पहचान बताते हैं
### पत्र की यात्रा (इतिहास)
#### प्राचीन काल
- संदेश भेजने के लिए दूत होते थे
- कम दूरी के लिए पैदल दूत
- लंबी दूरी के लिए कबूतरों का उपयोग
- अति आवश्यक पत्राचार के लिए बारी-बारी से दौड़कर दूतों द्वारा
- अश्वदूत (घुड़सवारों) द्वारा भी पत्र भेजे जाते थे
#### आधुनिक काल
- भारत में डाक विभाग की स्थापना सन् 1854 में हुई
- देशभर में डाकघर खोले गए
- आज स्पीड पोस्ट जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं
## संग्रहालय और वेधशाला
### संग्रहालय
- सार्वजनिक भवन जहाँ सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, ऐतिहासिक एवं कलात्मक महत्व की वस्तुओं को प्रदर्शित किया जाता है
- कई प्रकार की वस्तुएँ रखी जाती हैं जिनमें से कुछ अद्वितीय होती हैं
### वेधशाला
- वह स्थान जहाँ ग्रहों, तारों और नक्षत्रों को देखने के लिए यंत्र रखे जाते हैं
- इन यंत्रों की सहायता से ग्रहों की गति-स्थिति का निरंतर अध्ययन किया जाता है
## मुख्य शिक्षाएँ
1. **यात्रा का महत्व**: नई जगहों की यात्रा से ज्ञान और अनुभव मिलता है
2. **सांस्कृतिक संपदा**: हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को समझना
3. **पत्र लेखन की कला**: व्यक्तिगत संवाद का महत्व
4. **इतिहास की जानकारी**: प्राचीन संचार व्यवस्था से आधुनिक डाक व्यवस्था तक का विकास
## गोलगप्पा कविता
अध्याय के अंत में लायक राम मानव जी की एक मजेदार कविता है जो गोलगप्पा (पिचकू) के बारे में है। यह कविता इस लोकप्रिय स्ट्रीट फूड को खाने के मजेदार अनुभव को दर्शाती है।
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## नई शब्दावली
| शब्द | अर्थ (अंग्रेजी में) |
|------|------------------|
| सकुशल | Safely |
| जलपान | Breakfast |
| वेधशाला | Observatory |
| दर्शनीय | Worth seeing |
| संग्रहालय | Museum |
| अस्त्र-शस्त्र | Weapons |
| दुर्ग | Fort |
| लोकनृत्य | Folk dance |
| व्यंजन | Dish/Cuisine |
| चूरमा | A sweet dish made from crushed wheat |
| उपला | Dried cow dung cakes used as fuel |
| पिनकोड | Postal Index Number Code |
| संबोधन | Salutation |
| अभिवादन | Greeting |
| दूत | Messenger |
| अश्वदूत | Horse rider messenger |
| सांस्कृतिक | Cultural |
| ऐतिहासिक | Historical |
| कलात्मक | Artistic |
| नक्षत्र | Constellation |
| निरंतर | Continuous |
जयपुर से पत्र
मुख्य कहानी
यह अध्याय अमर द्वारा अपने पिताजी को लिखे गए पत्र के रूप में प्रस्तुत है। अमर एक शैक्षणिक यात्रा पर जयपुर गया है और अपने पिताजी को वहाँ के अनुभवों के बारे में विस्तार से लिखता है।
यात्रा की शुरुआत
- अमर परसों रात को सकुशल जयपुर पहुँचा
- यात्रा बहुत अच्छी रही और अध्यापकों ने अच्छा ध्यान रखा
- जयपुर में मौसम अच्छा था
जयपुर के दर्शनीय स्थल
हवामहल
- सुबह जलपान के बाद सबसे पहले हवामहल देखा
- यह जयपुर का प्रसिद्ध महल है
जंतर-मंतर
- हवामहल के पास ही स्थित एक वेधशाला
- इसका निर्माण राजा सवाई जयसिंह ने किया था
- घूम-घूमकर इसे देखा
रामनिवास बाग और कला-संग्रहालय
- यहाँ एक अच्छा कला-संग्रहालय है जो दर्शनीय है
- संग्रहालय में जयपुर के राजा-महाराजाओं के कपड़े, अस्त्र-शस्त्र और चित्र संग्रहीत हैं
आमेर का दुर्ग
- जयपुर से लगभग चौदह किलोमीटर की दूरी पर स्थित
- यह बहुत पुराना और बड़ा दुर्ग है
- शीशमहल: देखने योग्य विशेष स्थान
- शिला देवी का मंदिर: शीशमहल के पास स्थित
सांस्कृतिक अनुभव
- रात को राजस्थान के लोकनृत्य देखे
- राजस्थान का विशेष व्यंजन दाल-बाटी चूरमा खाया
आगे की योजना
- दोपहर पश्चात् झीलों के नगर उदयपुर जाने की योजना
- अगला पत्र उदयपुर से लिखने का वादा
दाल-बाटी चूरमा - राजस्थानी व्यंजन
दाल
- अरहर, मूंग, चने या मसूर की दाल से बनती है
- कई मसालों के साथ पकाई जाती है
- हरा धनिया स्वाद बढ़ाता है
बाटी
- गेहूँ के आटे से बनी गोल लोइयाँ
- उपले और लकड़ियों की आग में सेंकी जाती हैं
- तैयार गरम बाटियों को घी में डुबोया जाता है
- बाहर से कुरकुरी और अंदर से मुलायम होती हैं
चूरमा
- थोड़े मोटे आटे से बनता है
- पहले बाटी या मोटी रोटी बनाई जाती है
- मूसल की सहायता से ओखली में कूटा जाता है
- बारीक होने पर घी, सूखे मेवे और गुड़ मिलाया जाता है
उपला (गोइठा/कंडा)
- गाय या भैंस के गोबर से बना पारंपरिक ईंधन
- गोबर को हाथ से आकार देकर धूप में सुखाया जाता है
पत्र लेखन की कला
पत्र लेखन का महत्व
- मोबाइल फोन, ईमेल या व्हाट्सएप से पहले संवाद का मुख्य साधन
- भावनाओं को कागज़ पर उतारने का अवसर
- दूर रहने वाले मित्रों और संबंधियों से जुड़ाव
पत्र लेखन की विधि
1. प्रारंभ
- ऊपर दाईं ओर दिनांक लिखें
2. संबोधन
- पूज्य या आदरणीय माँ/पिताजी या मेरे प्रिय मित्र
3. अभिवादन
- नमस्ते, प्रणाम, आशीर्वाद आदि
4. मुख्य विषय
- जो कहना चाहते हैं वह लिखें
5. अंतिम पंक्ति
- बड़ों को प्रणाम और छोटों को प्यार
6. समापन
- आपका/आपकी प्यारा बेटा/प्यारी बेटी और अपना नाम
डाक व्यवस्था
डाक पेटी (पोस्ट बॉक्स)
- लाल रंग की पेटी
- चिट्ठियों का संग्रह करने के लिए उपयोग
- डाकिया भैया/बहना इससे चिट्ठियाँ निकालकर डाकघर ले जाते हैं
पिनकोड (PIN Code)
- छह अंकों की संख्या
- किसी विशेष क्षेत्र की पहचान के लिए
- पहला अंक राज्य को बताता है
- दूसरा और तीसरा अंक जिले को बताता है
- अंतिम तीन अंक डाकघर की पहचान बताते हैं
पत्र की यात्रा (इतिहास)
प्राचीन काल
- संदेश भेजने के लिए दूत होते थे
- कम दूरी के लिए पैदल दूत
- लंबी दूरी के लिए कबूतरों का उपयोग
- अति आवश्यक पत्राचार के लिए बारी-बारी से दौड़कर दूतों द्वारा
- अश्वदूत (घुड़सवारों) द्वारा भी पत्र भेजे जाते थे
आधुनिक काल
- भारत में डाक विभाग की स्थापना सन् 1854 में हुई
- देशभर में डाकघर खोले गए
- आज स्पीड पोस्ट जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं
संग्रहालय और वेधशाला
संग्रहालय
- सार्वजनिक भवन जहाँ सांस्कृतिक, वैज्ञानिक, ऐतिहासिक एवं कलात्मक महत्व की वस्तुओं को प्रदर्शित किया जाता है
- कई प्रकार की वस्तुएँ रखी जाती हैं जिनमें से कुछ अद्वितीय होती हैं
वेधशाला
- वह स्थान जहाँ ग्रहों, तारों और नक्षत्रों को देखने के लिए यंत्र रखे जाते हैं
- इन यंत्रों की सहायता से ग्रहों की गति-स्थिति का निरंतर अध्ययन किया जाता है
मुख्य शिक्षाएँ
- यात्रा का महत्व: नई जगहों की यात्रा से ज्ञान और अनुभव मिलता है
- सांस्कृतिक संपदा: हमारे देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को समझना
- पत्र लेखन की कला: व्यक्तिगत संवाद का महत्व
- इतिहास की जानकारी: प्राचीन संचार व्यवस्था से आधुनिक डाक व्यवस्था तक का विकास
गोलगप्पा कविता
अध्याय के अंत में लायक राम मानव जी की एक मजेदार कविता है जो गोलगप्पा (पिचकू) के बारे में है। यह कविता इस लोकप्रिय स्ट्रीट फूड को खाने के मजेदार अनुभव को दर्शाती है।
नई शब्दावली
शब्द | अर्थ (अंग्रेजी में) |
---|---|
सकुशल | Safely |
जलपान | Breakfast |
वेधशाला | Observatory |
दर्शनीय | Worth seeing |
संग्रहालय | Museum |
अस्त्र-शस्त्र | Weapons |
दुर्ग | Fort |
लोकनृत्य | Folk dance |
व्यंजन | Dish/Cuisine |
चूरमा | A sweet dish made from crushed wheat |
उपला | Dried cow dung cakes used as fuel |
पिनकोड | Postal Index Number Code |
संबोधन | Salutation |
अभिवादन | Greeting |
दूत | Messenger |
अश्वदूत | Horse rider messenger |
सांस्कृतिक | Cultural |
ऐतिहासिक | Historical |
कलात्मक | Artistic |
नक्षत्र | Constellation |
निरंतर | Continuous |