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Chapter 13: स्वामी की दादी

5th StandardHindi

Chapter Summary

स्वामी की दादी - Chapter Summary

# स्वामी की दादी - कहानी का सारांश

## पात्र परिचय
- **स्वामीनाथन** - मुख्य पात्र, एक छोटा लड़का
- **दादी** - स्वामीनाथन की दादी, कहानी सुनाने वाली
- **राजम** - स्वामीनाथन का मित्र, पुलिस अधीक्षक का पुत्र
- **मणि** - राजम का मित्र

## कहानी का सारांश

### दादी का कमरा और सामान
स्वामीनाथन की दादी बैठक और भोजन-कक्ष के बीच एक अंधेरे गलियारे की बंद-सी कोठरी में रहती थी। उनके पास पाँच दरियाँ, तीन चादरें, पाँच तकियों वाला भारी बिस्तर था। पटसन के रेशे का बना एक वर्गाकार बक्सा और लकड़ी का एक छोटा बक्सा भी था जिसमें ताँबे के सिक्के, इलायची, लौंग और सुपारी पड़े रहते थे।

### रात की बातचीत
रात के भोजन के बाद स्वामीनाथन दादी के पास जाकर उनकी गोद में सिर रखकर लेटता था। लौंग और इलायची की खुशबू भरे वातावरण में वह अपने को बहुत प्रसन्न और सुरक्षित महसूस करता था।

### राजम के बारे में बातचीत
स्वामीनाथन ने दादी को बताया कि राजम बहुत ऊँची चीज़ है। उसने राजम और मणि की पहले दुश्मनी और फिर दोस्ती की कहानी सुनाई। स्वामीनाथन ने बताया कि राजम के पास सचमुच की पुलिस की वर्दी है क्योंकि उसके पिता पुलिस अधीक्षक हैं।

### दादी की कहानियाँ
दादी राजम के पिता की बात सुनकर प्रभावित हुई। उन्होंने अपने पति (स्वामीनाथन के दादा) की कहानी सुनाई जो रौबदार सब-मजिस्ट्रेट थे। उनके दफ्तर में पुलिसवाले काँपते हुए खड़े रहते थे और खूँखार डाकू भी उनसे डरकर भाग जाते थे।

### दादी की अनंत कहानियाँ
दादी बोलती ही गई, इधर-उधर भटकती हुई और अलग-अलग समय पर घटी घटनाओं को गलत करती हुई। स्वामीनाथन अधीर होकर उनकी कहानी खत्म होने का इंतज़ार करने लगा।

## द्वितीय भाग - राजम की वीरता

### राजम के अंकों की चर्चा
स्वामीनाथन ने दादी से कहा कि राजम को गणित में सौ में से नब्बे नंबर मिलते हैं। दादी ने स्वामीनाथन को भी मेहनत करने की सलाह दी।

### दादा के मैडल की कहानी
दादी ने बताया कि स्वामीनाथन के दादा का एम.ए. का बड़ा मैडल था जिसे वह कई सालों तक गले में पहनती रही। बाद में उन्होंने वह मैडल स्वामीनाथन की बुआ को दे दिया जिसने उसे गलवाकर चार चूड़ियाँ बनवा लीं।

### राजम के शेर मारने की कहानी
स्वामीनाथन ने दादी को बताया कि राजम ने छोटे-से लड़का होते हुए भी शेर मारा था। उसने कहानी सुनाई कि जब राजम के पिता जंगल में डेरा डाले हुए थे तो दो शेर उन पर झपटे। एक शेर ने पिता पर पीछे से हमला किया और दूसरे ने राजम का पीछा किया। राजम झाड़ी के पीछे छुप गया और वहाँ से गोली चलाकर शेर को मार डाला।

### दादी की भूल
दादी ने गलती से कहा कि दो शेर राजम पर झपटे थे जबकि स्वामीनाथन ने बताया था कि एक शेर पिता पर और एक राजम पर झपटा था। स्वामीनाथन को लगा कि दादी ध्यान नहीं दे रही हैं।

## तृतीय भाग - कहानी का अंत

### स्वामीनाथन की चिढ़
स्वामीनाथन दादी के गलत जवाब से चिढ़ गया। उसे लगा कि दादी राजम को पसंद नहीं करतीं। दादी ने विश्वास दिलाया कि वह राजम को बहुत प्यारा लड़का मानती हैं।

### हरिश्चंद्र की कहानी
दादी ने हरिश्चंद्र की कहानी सुनाने की बात कही जिसने वचन का पालन करने के लिए सिंहासन, पत्नी और बच्चे को खो दिया और अंत में उसे सब कुछ वापस मिल गया। लेकिन कहानी अधूरी ही रह गई क्योंकि स्वामीनाथन खर्राटे लेने लगा।

### दोनों का सो जाना
दादी भी रुक-रुककर बोलने लगीं और फिर वह भी सो गईं। इस तरह दादी-पोते की रात की बातचीत का सिलसिला समाप्त हो गया।

## मुख्य संदेश
यह कहानी दादी-पोते के बीच के प्रेम, पारंपरिक कहानी सुनाने की परंपरा और पारिवारिक रिश्तों की मधुरता को दर्शाती है। दादी अपने अनुभवों और यादों को पोते के साथ साझा करती है, जो भारतीय परिवारों की परंपरा का हिस्सा है।

---

## अतिरिक्त कहानियां और कॉमिक स्ट्रिप्स

### पहली कहानी - "कलाकार पिता"
एक व्यक्ति अपने पिता की कलाकारी के बारे में बढ़-चढ़कर बात करता है। वह कहता है कि उसके पिता ने बर्फ के पहाड़ का इतना सच्चा चित्र बनाया है कि उसे देखकर लोगों के दांत ठंड से बजने लगते हैं। फिर वह कहता है कि उसके पिता ने एक आदमी का इतना जीवंत चित्र बनाया है कि हर दूसरे दिन उसकी दाढ़ी बनानी पड़ती है।

### दूसरी कहानी - "खिड़की का शीशा"
गोलू को खिड़की का शीशा साफ करने को कहा गया। शीशा गंदा होने की वजह से बाहर बिल्कुल दिखाई नहीं दे रहा था। जब गोलू ने शीशा साफ किया तो पता चला कि उसने गलती से शीशा ही निकाल दिया था। अब बाहर पूरी तरह साफ दिखाई पड़ रहा था।

### रामबाबू की कॉमिक स्ट्रिप्स

#### पहली कॉमिक - "शीशा साफ करना"
- गोलू को शीशा साफ करने को कहा गया
- शीशा साफ नहीं हो रहा था, अधिक ताकत लगानी पड़ी
- अंत में पता चला कि गोलू ने पूरा शीशा ही निकाल दिया था
- इसलिए बाहर बिल्कुल साफ दिखाई पड़ रहा था

#### दूसरी कॉमिक - "हरी सब्जी"
- गोलू को बाजार से हरी सब्जी लाने को कहा गया
- गोलू पैसे लेकर बाजार गया
- वापस आने पर पूछा गया कि हरी सब्जी क्यों नहीं लाया
- गोलू का जवाब था कि सब्जी गाय के पेट में है

#### तीसरी कॉमिक - "सब्जी वाली और गाय"
- माँ ने गोलू को सब्जी लेने भेजा
- सब्जी वाली से सब्जी लेकर आना था
- लेकिन रास्ते में गाय ने सारी सब्जी खा ली
- इसलिए गोलू सब्जी वाली के साथ गाय को भी घर ले आया

### हब्बू जी की कॉमिक स्ट्रिप

#### "भाषण और खाना"
- हब्बू जी एक दावत में भाषण दे रहे थे
- उन्होंने कहा कि आज का खाना इतना स्वादिष्ट है कि अगर एक लुकमा और खा लूंगा तो शायद भाषण देने के काबिल नहीं रहूंगा
- फिर भी वे खाना खाते रहे
- दूसरी तरफ कोई और व्यक्ति एक लड़ और दो रोटी मांग रहा था

## मुख्य संदेश

**अधीक्षक (Superintendent)** - A senior official in charge of a department or organization

**रौबदार (Raubdaar)** - Having authority, impressive, commanding respect

**सब-मजिस्ट्रेट (Sub-magistrate)** - A judicial officer ranking below a magistrate

**वर्गाकार (Vargakar)** - Square-shaped

**इलायची (Elaichi)** - Cardamom, a spice

**लौंग (Laung)** - Cloves, a spice

**सुपारी (Supari)** - Betel nut

**पटसन (Patsan)** - Jute, a fiber plant

**खूँखार (Khunkhar)** - Fierce, dangerous

**डाकू (Daaku)** - Bandit, robber

**अधीर (Adheer)** - Impatient, restless

**हरिश्चंद्र (Harishchandra)** - A legendary king known for his truthfulness

**खर्राटे (Kharrate)** - Snoring

**वचन (Vachan)** - Promise, word

**सिंहासन (Singhasan)** - Throne

स्वामी की दादी - कहानी का सारांश

पात्र परिचय

  • स्वामीनाथन - मुख्य पात्र, एक छोटा लड़का
  • दादी - स्वामीनाथन की दादी, कहानी सुनाने वाली
  • राजम - स्वामीनाथन का मित्र, पुलिस अधीक्षक का पुत्र
  • मणि - राजम का मित्र

कहानी का सारांश

दादी का कमरा और सामान

स्वामीनाथन की दादी बैठक और भोजन-कक्ष के बीच एक अंधेरे गलियारे की बंद-सी कोठरी में रहती थी। उनके पास पाँच दरियाँ, तीन चादरें, पाँच तकियों वाला भारी बिस्तर था। पटसन के रेशे का बना एक वर्गाकार बक्सा और लकड़ी का एक छोटा बक्सा भी था जिसमें ताँबे के सिक्के, इलायची, लौंग और सुपारी पड़े रहते थे।

रात की बातचीत

रात के भोजन के बाद स्वामीनाथन दादी के पास जाकर उनकी गोद में सिर रखकर लेटता था। लौंग और इलायची की खुशबू भरे वातावरण में वह अपने को बहुत प्रसन्न और सुरक्षित महसूस करता था।

राजम के बारे में बातचीत

स्वामीनाथन ने दादी को बताया कि राजम बहुत ऊँची चीज़ है। उसने राजम और मणि की पहले दुश्मनी और फिर दोस्ती की कहानी सुनाई। स्वामीनाथन ने बताया कि राजम के पास सचमुच की पुलिस की वर्दी है क्योंकि उसके पिता पुलिस अधीक्षक हैं।

दादी की कहानियाँ

दादी राजम के पिता की बात सुनकर प्रभावित हुई। उन्होंने अपने पति (स्वामीनाथन के दादा) की कहानी सुनाई जो रौबदार सब-मजिस्ट्रेट थे। उनके दफ्तर में पुलिसवाले काँपते हुए खड़े रहते थे और खूँखार डाकू भी उनसे डरकर भाग जाते थे।

दादी की अनंत कहानियाँ

दादी बोलती ही गई, इधर-उधर भटकती हुई और अलग-अलग समय पर घटी घटनाओं को गलत करती हुई। स्वामीनाथन अधीर होकर उनकी कहानी खत्म होने का इंतज़ार करने लगा।

द्वितीय भाग - राजम की वीरता

राजम के अंकों की चर्चा

स्वामीनाथन ने दादी से कहा कि राजम को गणित में सौ में से नब्बे नंबर मिलते हैं। दादी ने स्वामीनाथन को भी मेहनत करने की सलाह दी।

दादा के मैडल की कहानी

दादी ने बताया कि स्वामीनाथन के दादा का एम.ए. का बड़ा मैडल था जिसे वह कई सालों तक गले में पहनती रही। बाद में उन्होंने वह मैडल स्वामीनाथन की बुआ को दे दिया जिसने उसे गलवाकर चार चूड़ियाँ बनवा लीं।

राजम के शेर मारने की कहानी

स्वामीनाथन ने दादी को बताया कि राजम ने छोटे-से लड़का होते हुए भी शेर मारा था। उसने कहानी सुनाई कि जब राजम के पिता जंगल में डेरा डाले हुए थे तो दो शेर उन पर झपटे। एक शेर ने पिता पर पीछे से हमला किया और दूसरे ने राजम का पीछा किया। राजम झाड़ी के पीछे छुप गया और वहाँ से गोली चलाकर शेर को मार डाला।

दादी की भूल

दादी ने गलती से कहा कि दो शेर राजम पर झपटे थे जबकि स्वामीनाथन ने बताया था कि एक शेर पिता पर और एक राजम पर झपटा था। स्वामीनाथन को लगा कि दादी ध्यान नहीं दे रही हैं।

तृतीय भाग - कहानी का अंत

स्वामीनाथन की चिढ़

स्वामीनाथन दादी के गलत जवाब से चिढ़ गया। उसे लगा कि दादी राजम को पसंद नहीं करतीं। दादी ने विश्वास दिलाया कि वह राजम को बहुत प्यारा लड़का मानती हैं।

हरिश्चंद्र की कहानी

दादी ने हरिश्चंद्र की कहानी सुनाने की बात कही जिसने वचन का पालन करने के लिए सिंहासन, पत्नी और बच्चे को खो दिया और अंत में उसे सब कुछ वापस मिल गया। लेकिन कहानी अधूरी ही रह गई क्योंकि स्वामीनाथन खर्राटे लेने लगा।

दोनों का सो जाना

दादी भी रुक-रुककर बोलने लगीं और फिर वह भी सो गईं। इस तरह दादी-पोते की रात की बातचीत का सिलसिला समाप्त हो गया।

मुख्य संदेश

यह कहानी दादी-पोते के बीच के प्रेम, पारंपरिक कहानी सुनाने की परंपरा और पारिवारिक रिश्तों की मधुरता को दर्शाती है। दादी अपने अनुभवों और यादों को पोते के साथ साझा करती है, जो भारतीय परिवारों की परंपरा का हिस्सा है।


अतिरिक्त कहानियां और कॉमिक स्ट्रिप्स

पहली कहानी - "कलाकार पिता"

एक व्यक्ति अपने पिता की कलाकारी के बारे में बढ़-चढ़कर बात करता है। वह कहता है कि उसके पिता ने बर्फ के पहाड़ का इतना सच्चा चित्र बनाया है कि उसे देखकर लोगों के दांत ठंड से बजने लगते हैं। फिर वह कहता है कि उसके पिता ने एक आदमी का इतना जीवंत चित्र बनाया है कि हर दूसरे दिन उसकी दाढ़ी बनानी पड़ती है।

दूसरी कहानी - "खिड़की का शीशा"

गोलू को खिड़की का शीशा साफ करने को कहा गया। शीशा गंदा होने की वजह से बाहर बिल्कुल दिखाई नहीं दे रहा था। जब गोलू ने शीशा साफ किया तो पता चला कि उसने गलती से शीशा ही निकाल दिया था। अब बाहर पूरी तरह साफ दिखाई पड़ रहा था।

रामबाबू की कॉमिक स्ट्रिप्स

पहली कॉमिक - "शीशा साफ करना"

  • गोलू को शीशा साफ करने को कहा गया
  • शीशा साफ नहीं हो रहा था, अधिक ताकत लगानी पड़ी
  • अंत में पता चला कि गोलू ने पूरा शीशा ही निकाल दिया था
  • इसलिए बाहर बिल्कुल साफ दिखाई पड़ रहा था

दूसरी कॉमिक - "हरी सब्जी"

  • गोलू को बाजार से हरी सब्जी लाने को कहा गया
  • गोलू पैसे लेकर बाजार गया
  • वापस आने पर पूछा गया कि हरी सब्जी क्यों नहीं लाया
  • गोलू का जवाब था कि सब्जी गाय के पेट में है

तीसरी कॉमिक - "सब्जी वाली और गाय"

  • माँ ने गोलू को सब्जी लेने भेजा
  • सब्जी वाली से सब्जी लेकर आना था
  • लेकिन रास्ते में गाय ने सारी सब्जी खा ली
  • इसलिए गोलू सब्जी वाली के साथ गाय को भी घर ले आया

हब्बू जी की कॉमिक स्ट्रिप

"भाषण और खाना"

  • हब्बू जी एक दावत में भाषण दे रहे थे
  • उन्होंने कहा कि आज का खाना इतना स्वादिष्ट है कि अगर एक लुकमा और खा लूंगा तो शायद भाषण देने के काबिल नहीं रहूंगा
  • फिर भी वे खाना खाते रहे
  • दूसरी तरफ कोई और व्यक्ति एक लड़ और दो रोटी मांग रहा था

मुख्य संदेश

अधीक्षक (Superintendent) - A senior official in charge of a department or organization

रौबदार (Raubdaar) - Having authority, impressive, commanding respect

सब-मजिस्ट्रेट (Sub-magistrate) - A judicial officer ranking below a magistrate

वर्गाकार (Vargakar) - Square-shaped

इलायची (Elaichi) - Cardamom, a spice

लौंग (Laung) - Cloves, a spice

सुपारी (Supari) - Betel nut

पटसन (Patsan) - Jute, a fiber plant

खूँखार (Khunkhar) - Fierce, dangerous

डाकू (Daaku) - Bandit, robber

अधीर (Adheer) - Impatient, restless

हरिश्चंद्र (Harishchandra) - A legendary king known for his truthfulness

खर्राटे (Kharrate) - Snoring

वचन (Vachan) - Promise, word

सिंहासन (Singhasan) - Throne