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Chapter 16: पानी रे पानी

5th StandardHindi

Chapter Summary

पानी रे पानी - Chapter Summary

# पानी रे पानी - अध्याय सारांश

## जल चक्र की कहानी

पानी हमारे जीवन में कैसे आता है और कहाँ जाता है? भूगोल की किताबों में हमें जल-चक्र के बारे में पढ़ाया जाता है। इसमें सूर्य, समुद्र, बादल, हवा, धरती और बारिश की बूंदों की कहानी होती है। समुद्र से उठी भाप बादल बनकर पानी में बदलती है और फिर तीरों के सहारे जल की यात्रा शुरू होकर वापस समुद्र में मिल जाती है।

## वर्तमान जल संकट

आज हमारे घरों, स्कूलों और कार्यालयों में पानी की समस्या दिखाई देने लगी है:

- **नलों में पानी नहीं आता**: पूरे समय पानी नहीं आता। नल खोलने पर सूं-सूं की आवाज़ आती है।
- **बेवक्त पानी**: पानी देर रात या भोर में आता है।
- **मोटर लगाने की मजबूरी**: कई घरों में लोग नलों के पाइप में मोटर लगवा लेते हैं।
- **पानी खरीदना**: शहरों में पानी भी बिकने लगा है।

## गर्मी और बारिश की समस्या

**गर्मी के मौसम में**: देश के कई हिस्सों में अकाल जैसी हालत बन जाती है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में भयानक कष्ट होता है।

**बारिश के मौसम में**: सब तरफ पानी भर जाता है। घर, स्कूल, सड़कों, रेल की पटरियों पर पानी भर जाता है। देश के कई भाग बाढ़ में डूब जाते हैं।

## धरती की गुल्लक

लेखक ने धरती की तुलना एक बड़ी गुल्लक से की है। जैसे हम अपनी गुल्लक में पैसे जमा करते हैं, वैसे ही:

- **प्रकृति की बचत**: बारिश के मौसम में प्रकृति पानी बरसाती है।
- **तालाब और झीलों का महत्व**: ये धरती की गुल्लक में पानी भरने का काम करते हैं।
- **भूजल भंडार**: जमा पानी जमीन के नीचे छिपे जल के भंडार में रिसकर मिलता है।

## गलत नीतियों का परिणाम

- **तालाबों को भरना**: लोगों ने जमीन के लालच में तालाबों को कचरे से पाटकर भर दिया।
- **निर्माण कार्य**: तालाबों पर मकान, बाज़ार, स्टेडियम और सिनेमा बनाए गए।
- **सजा**: इसकी सजा अब सबको मिल रही है - गर्मी में नल सूखते हैं और बारिश में बस्तियाँ डूबती हैं।

## समाधान और सुझाव

**जल संरक्षण के उपाय**:
- जल स्रोतों की रक्षा करनी होगी
- तालाबों और नदियों की रखवाली करनी होगी
- बारिश के पानी को रोकना होगा
- भूजल भंडार सुरक्षित रखना होगा

**जल चक्र का सही उपयोग**: अगर हमने जल-चक्र का ठीक उपयोग नहीं किया तो हम पानी के चक्कर में फंसते चले जाएंगे।

## नदी का सफर

पाठ में नदी की यात्रा का वर्णन है:

### नदी की शुरुआत
- **उद्गम**: ऊंचे स्थानों या पहाड़ों से नदी की शुरुआत होती है
- **पानी के स्रोत**: झरने, झील, बारिश या हिम के पिघलने से पानी आता है
- **तेज़ बहाव**: पहाड़ी क्षेत्र में ढाल अधिक होने से नदी का बहाव तेज़ होता है

### नदी का मध्य भाग
- **सहायक नदियाँ**: कई छोटी नदियाँ मुख्य नदी में मिलती हैं
- **घुमावदार रास्ते**: कम ढाल के कारण नदी घुमावदार रास्ते बनाती है (विसर्प)
- **गहरी और चौड़ी**: यहाँ नदी गहरी और चौड़ी हो जाती है

### नदी का अंत
- **मुहाना**: जहाँ नदी समुद्र में मिलती है उसे मुहाना कहते हैं
- **रेत और मिट्टी**: नदी अपने साथ रेत और मिट्टी समुद्री किनारे पर छोड़ जाती है

## हक की बात

स्वतंत्रता के बाद दिल्ली में पानी की औसत मांग तीन गुना बढ़ गई है। लेकिन झुग्गी बस्तियों को औसत खपत का केवल 30 प्रतिशत पानी मिलता है। यह समानता और न्याय का सवाल है।

## नए शब्दों की व्याख्या

**Water Cycle (जल चक्र)**: पानी का समुद्र से वाष्प बनकर बादल में बदलना और फिर बारिश के रूप में वापस आना।

**Drought (अकाल)**: पानी की कमी से होने वाली परेशानी।

**Flood (बाढ़)**: बहुत अधिक पानी से होने वाली समस्या।

**Groundwater (भूजल)**: जमीन के नीचे का पानी।

**Source (उद्गम)**: नदी की शुरुआत का स्थान।

**Tributary (सहायक नदी)**: मुख्य नदी में मिलने वाली छोटी नदी।

**Meander (विसर्प)**: नदी के घुमावदार रास्ते।

**Mouth (मुहाना)**: नदी का समुद्र में मिलने का स्थान।

**Waterfall (जलप्रपात)**: ऊंचाई से गिरने वाला पानी।

**Conservation (संरक्षण)**: बचाकर रखना।

पानी रे पानी - अध्याय सारांश

जल चक्र की कहानी

पानी हमारे जीवन में कैसे आता है और कहाँ जाता है? भूगोल की किताबों में हमें जल-चक्र के बारे में पढ़ाया जाता है। इसमें सूर्य, समुद्र, बादल, हवा, धरती और बारिश की बूंदों की कहानी होती है। समुद्र से उठी भाप बादल बनकर पानी में बदलती है और फिर तीरों के सहारे जल की यात्रा शुरू होकर वापस समुद्र में मिल जाती है।

वर्तमान जल संकट

आज हमारे घरों, स्कूलों और कार्यालयों में पानी की समस्या दिखाई देने लगी है:

  • नलों में पानी नहीं आता: पूरे समय पानी नहीं आता। नल खोलने पर सूं-सूं की आवाज़ आती है।
  • बेवक्त पानी: पानी देर रात या भोर में आता है।
  • मोटर लगाने की मजबूरी: कई घरों में लोग नलों के पाइप में मोटर लगवा लेते हैं।
  • पानी खरीदना: शहरों में पानी भी बिकने लगा है।

गर्मी और बारिश की समस्या

गर्मी के मौसम में: देश के कई हिस्सों में अकाल जैसी हालत बन जाती है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे बड़े शहरों में भयानक कष्ट होता है।

बारिश के मौसम में: सब तरफ पानी भर जाता है। घर, स्कूल, सड़कों, रेल की पटरियों पर पानी भर जाता है। देश के कई भाग बाढ़ में डूब जाते हैं।

धरती की गुल्लक

लेखक ने धरती की तुलना एक बड़ी गुल्लक से की है। जैसे हम अपनी गुल्लक में पैसे जमा करते हैं, वैसे ही:

  • प्रकृति की बचत: बारिश के मौसम में प्रकृति पानी बरसाती है।
  • तालाब और झीलों का महत्व: ये धरती की गुल्लक में पानी भरने का काम करते हैं।
  • भूजल भंडार: जमा पानी जमीन के नीचे छिपे जल के भंडार में रिसकर मिलता है।

गलत नीतियों का परिणाम

  • तालाबों को भरना: लोगों ने जमीन के लालच में तालाबों को कचरे से पाटकर भर दिया।
  • निर्माण कार्य: तालाबों पर मकान, बाज़ार, स्टेडियम और सिनेमा बनाए गए।
  • सजा: इसकी सजा अब सबको मिल रही है - गर्मी में नल सूखते हैं और बारिश में बस्तियाँ डूबती हैं।

समाधान और सुझाव

जल संरक्षण के उपाय:

  • जल स्रोतों की रक्षा करनी होगी
  • तालाबों और नदियों की रखवाली करनी होगी
  • बारिश के पानी को रोकना होगा
  • भूजल भंडार सुरक्षित रखना होगा

जल चक्र का सही उपयोग: अगर हमने जल-चक्र का ठीक उपयोग नहीं किया तो हम पानी के चक्कर में फंसते चले जाएंगे।

नदी का सफर

पाठ में नदी की यात्रा का वर्णन है:

नदी की शुरुआत

  • उद्गम: ऊंचे स्थानों या पहाड़ों से नदी की शुरुआत होती है
  • पानी के स्रोत: झरने, झील, बारिश या हिम के पिघलने से पानी आता है
  • तेज़ बहाव: पहाड़ी क्षेत्र में ढाल अधिक होने से नदी का बहाव तेज़ होता है

नदी का मध्य भाग

  • सहायक नदियाँ: कई छोटी नदियाँ मुख्य नदी में मिलती हैं
  • घुमावदार रास्ते: कम ढाल के कारण नदी घुमावदार रास्ते बनाती है (विसर्प)
  • गहरी और चौड़ी: यहाँ नदी गहरी और चौड़ी हो जाती है

नदी का अंत

  • मुहाना: जहाँ नदी समुद्र में मिलती है उसे मुहाना कहते हैं
  • रेत और मिट्टी: नदी अपने साथ रेत और मिट्टी समुद्री किनारे पर छोड़ जाती है

हक की बात

स्वतंत्रता के बाद दिल्ली में पानी की औसत मांग तीन गुना बढ़ गई है। लेकिन झुग्गी बस्तियों को औसत खपत का केवल 30 प्रतिशत पानी मिलता है। यह समानता और न्याय का सवाल है।

नए शब्दों की व्याख्या

Water Cycle (जल चक्र): पानी का समुद्र से वाष्प बनकर बादल में बदलना और फिर बारिश के रूप में वापस आना।

Drought (अकाल): पानी की कमी से होने वाली परेशानी।

Flood (बाढ़): बहुत अधिक पानी से होने वाली समस्या।

Groundwater (भूजल): जमीन के नीचे का पानी।

Source (उद्गम): नदी की शुरुआत का स्थान।

Tributary (सहायक नदी): मुख्य नदी में मिलने वाली छोटी नदी।

Meander (विसर्प): नदी के घुमावदार रास्ते।

Mouth (मुहाना): नदी का समुद्र में मिलने का स्थान।

Waterfall (जलप्रपात): ऊंचाई से गिरने वाला पानी।

Conservation (संरक्षण): बचाकर रखना।