Chapter 1: मातृभूमि
6th StandardHindi
Chapter Summary
मातृभूमि - Chapter Summary
# मातृभूमि
## पाठ का सारांश
कविता "मातृभूमि" भारत देश की महानता, सुंदरता और गौरव का एक भावनात्मक चित्रण प्रस्तुत करती है। यह कविता देशभक्ति से ओतप्रोत है और इसमें भारत के प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक स्थलों, धार्मिक महत्व, और महान पुरुषों का वर्णन मिलता है।
### प्रमुख बिंदु:
#### 1. हिमालय की महिमा
- कवि भारत के उत्तर में स्थित ऊँचे हिमालय पर्वत की प्रशंसा करते हैं, जो आकाश को छूता है और जिसकी तलहटी में हिंद महासागर तक झुकती हुई भारत की भूमि विस्तृत है।
#### 2. नदियों और सौंदर्य का चित्रण
- गंगा, यमुना और सरस्वती जैसी नदियों के संगम की "हरिवेणी" धारा से भारत की भूमि पवित्र होती है।
- हर कदम पर प्राकृतिक छटा बिखरी है – इसमें झरने, जंगलों की झाड़ियाँ, चहचहाती चिड़ियाँ और घनी अमराइयाँ शामिल हैं।
#### 3. भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक भूमि
- भारत को पुण्यभूमि, स्वर्णभूमि, धर्मभूमि, कर्मभूमि और जन्मभूमि के रूप में वर्णित किया गया है।
- मलय पवन (दक्षिण से आती सुगंधित हवा) तन-मन को ताजगी देती है।
#### 4. ऐतिहासिक और धार्मिक महापुरुष
- श्रीराम (रघुपति), सीता, श्रीकृष्ण (जिन्होंने गीता का उपदेश दिया), और गौतम बुद्ध – ये सब भारत की भूमि पर जन्मे।
- इन महापुरुषों ने न केवल युद्ध की भूमि को पवित्र किया, बल्कि ज्ञान और शांति का संदेश भी दिया।
---
## कवि परिचय: सोहनलाल द्विवेदी
- प्रसिद्ध राष्ट्रभक्त कवि (1906–1988)।
- इनकी कविताओं में देश के प्रति प्रेम और प्रेरणा झलकती है।
- प्रसिद्ध रचनाएँ: "बढ़े चलो", "कोशिश करने वालों की हार नहीं होती"।
---
## महत्वपूर्ण शब्दावली और सरल व्याख्या
| शब्द | सरल अर्थ |
|------------------|------------------------------------------------|
| हिमालय | भारत के उत्तर में स्थित विशाल पर्वत माला |
| हरिवेणी | गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम |
| मलय पवन | दक्षिण भारत से आने वाली सुगंधित ठंडी हवा |
| रघुपति | श्रीराम का एक नाम |
| वंशी | बांसुरी, जो श्रीकृष्ण बजाते थे |
| गीता | श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश |
| बुद्धभूमि | वह स्थान जहाँ बुद्ध का जन्म या उपदेश हुआ हो |
| झरने | पहाड़ों से गिरते हुए जल प्रवाह |
| अमराइयाँ | आम के पेड़ों का घना बाग |
| पुण्यभूमि | वह भूमि जो धार्मिक और पवित्र मानी जाती हो |
---
## अभ्यास प्रश्न
### सरल (Easy)
1. कविता में भारत की कौन-कौन सी नदियों का वर्णन है?
- उत्तर: गंगा, यमुना और सरस्वती (हरिवेणी)।
2. श्रीकृष्ण ने क्या सुनाया?
- उत्तर: वंशी द्वारा गीता का उपदेश।
3. ‘मलय पवन’ तन-मन को कैसे प्रभावित करती है?
- उत्तर: यह ठंडी और सुगंधित हवा तन-मन को ताजगी देती है।
### मध्यम (Medium)
4. कवि ने भारत की प्राकृतिक सुंदरता को कैसे दर्शाया है?
- उत्तर: झरने, चिड़ियाँ, घनी अमराइयाँ, मलय पवन और हर कदम पर बिखरी छटा के माध्यम से।
5. कविता में भारत को ‘कर्मभूमि’ क्यों कहा गया है?
- उत्तर: क्योंकि यह वह भूमि है जहाँ महान कार्य हुए और महापुरुषों ने अपने कर्तव्यों का पालन किया।
### कठिन (Difficult)
6. ‘वह युद्ध-भूमि मेरी, वह बुद्ध-भूमि मेरी’ का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- उत्तर: यह पंक्तियाँ भारत के विविध रूपों को दर्शाती हैं – यह न केवल वीरता और युद्ध की भूमि है, बल्कि ज्ञान और शांति (बुद्ध) की भी भूमि है।
7. ‘गंगायमुन हरिवेणी’ पंक्ति का काव्य सौंदर्य स्पष्ट करें।
- उत्तर: इस पंक्ति में त्रिवेणी संगम का सौंदर्य दिखाया गया है जहाँ पवित्र नदियों की लहरें लहराकर भारत की भूमि को पावन करती हैं।
8. गौतम बुद्ध ने जग को क्या सिखाया?
- उत्तर: उन्होंने जग को मार्ग दिखाया और शांति, करुणा और अहिंसा का ज्ञान दिया।
### अत्यंत कठिन (Very Difficult)
9. कविता में प्रयुक्त प्रतीकों (जैसे हिमालय, मलय पवन, हरिवेणी) की साहित्यिक व्याख्या कीजिए।
- उत्तर: हिमालय भारत की अडिगता और ऊँचाई का प्रतीक है, मलय पवन शीतलता और सुख का, और हरिवेणी आध्यात्मिक पवित्रता का प्रतीक है।
10. कविता ‘मातृभूमि’ में राष्ट्रीय भावना की अभिव्यक्ति किस प्रकार हुई है?
- उत्तर: यह कविता भारत की महिमा का गुणगान करते हुए हमें अपने देश पर गर्व करना सिखाती है। इसमें भारत की प्राकृतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का वर्णन है, जो प्रत्येक भारतीय के मन में देशभक्ति की भावना जगाता है।
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## पाठ का सारांश
कविता "मातृभूमि" भारत देश की महानता, सुंदरता और गौरव का एक भावनात्मक चित्रण प्रस्तुत करती है। यह कविता देशभक्ति से ओतप्रोत है और इसमें भारत के प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक स्थलों, धार्मिक महत्व, और महान पुरुषों का वर्णन मिलता है।
### प्रमुख बिंदु:
#### 1. हिमालय की महिमा
- कवि भारत के उत्तर में स्थित ऊँचे हिमालय पर्वत की प्रशंसा करते हैं, जो आकाश को छूता है और जिसकी तलहटी में हिंद महासागर तक झुकती हुई भारत की भूमि विस्तृत है।
#### 2. नदियों और सौंदर्य का चित्रण
- गंगा, यमुना और सरस्वती जैसी नदियों के संगम की "हरिवेणी" धारा से भारत की भूमि पवित्र होती है।
- हर कदम पर प्राकृतिक छटा बिखरी है – इसमें झरने, जंगलों की झाड़ियाँ, चहचहाती चिड़ियाँ और घनी अमराइयाँ शामिल हैं।
#### 3. भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक भूमि
- भारत को पुण्यभूमि, स्वर्णभूमि, धर्मभूमि, कर्मभूमि और जन्मभूमि के रूप में वर्णित किया गया है।
- मलय पवन (दक्षिण से आती सुगंधित हवा) तन-मन को ताजगी देती है।
#### 4. ऐतिहासिक और धार्मिक महापुरुष
- श्रीराम (रघुपति), सीता, श्रीकृष्ण (जिन्होंने गीता का उपदेश दिया), और गौतम बुद्ध – ये सब भारत की भूमि पर जन्मे।
- इन महापुरुषों ने न केवल युद्ध की भूमि को पवित्र किया, बल्कि ज्ञान और शांति का संदेश भी दिया।
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## कवि परिचय: सोहनलाल द्विवेदी
- प्रसिद्ध राष्ट्रभक्त कवि (1906–1988)।
- इनकी कविताओं में देश के प्रति प्रेम और प्रेरणा झलकती है।
- प्रसिद्ध रचनाएँ: "बढ़े चलो", "कोशिश करने वालों की हार नहीं होती"।
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## महत्वपूर्ण शब्दावली और सरल व्याख्या
| शब्द | सरल अर्थ |
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| हिमालय | भारत के उत्तर में स्थित विशाल पर्वत माला |
| हरिवेणी | गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम |
| मलय पवन | दक्षिण भारत से आने वाली सुगंधित ठंडी हवा |
| रघुपति | श्रीराम का एक नाम |
| वंशी | बांसुरी, जो श्रीकृष्ण बजाते थे |
| गीता | श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश |
| बुद्धभूमि | वह स्थान जहाँ बुद्ध का जन्म या उपदेश हुआ हो |
| झरने | पहाड़ों से गिरते हुए जल प्रवाह |
| अमराइयाँ | आम के पेड़ों का घना बाग |
| पुण्यभूमि | वह भूमि जो धार्मिक और पवित्र मानी जाती हो |
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## अभ्यास प्रश्न
### सरल (Easy)
1. कविता में भारत की कौन-कौन सी नदियों का वर्णन है?
- उत्तर: गंगा, यमुना और सरस्वती (हरिवेणी)।
2. श्रीकृष्ण ने क्या सुनाया?
- उत्तर: वंशी द्वारा गीता का उपदेश।
3. ‘मलय पवन’ तन-मन को कैसे प्रभावित करती है?
- उत्तर: यह ठंडी और सुगंधित हवा तन-मन को ताजगी देती है।
### मध्यम (Medium)
4. कवि ने भारत की प्राकृतिक सुंदरता को कैसे दर्शाया है?
- उत्तर: झरने, चिड़ियाँ, घनी अमराइयाँ, मलय पवन और हर कदम पर बिखरी छटा के माध्यम से।
5. कविता में भारत को ‘कर्मभूमि’ क्यों कहा गया है?
- उत्तर: क्योंकि यह वह भूमि है जहाँ महान कार्य हुए और महापुरुषों ने अपने कर्तव्यों का पालन किया।
### कठिन (Difficult)
6. ‘वह युद्ध-भूमि मेरी, वह बुद्ध-भूमि मेरी’ का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- उत्तर: यह पंक्तियाँ भारत के विविध रूपों को दर्शाती हैं – यह न केवल वीरता और युद्ध की भूमि है, बल्कि ज्ञान और शांति (बुद्ध) की भी भूमि है।
7. ‘गंगायमुन हरिवेणी’ पंक्ति का काव्य सौंदर्य स्पष्ट करें।
- उत्तर: इस पंक्ति में त्रिवेणी संगम का सौंदर्य दिखाया गया है जहाँ पवित्र नदियों की लहरें लहराकर भारत की भूमि को पावन करती हैं।
8. गौतम बुद्ध ने जग को क्या सिखाया?
- उत्तर: उन्होंने जग को मार्ग दिखाया और शांति, करुणा और अहिंसा का ज्ञान दिया।
### अत्यंत कठिन (Very Difficult)
9. कविता में प्रयुक्त प्रतीकों (जैसे हिमालय, मलय पवन, हरिवेणी) की साहित्यिक व्याख्या कीजिए।
- उत्तर: हिमालय भारत की अडिगता और ऊँचाई का प्रतीक है, मलय पवन शीतलता और सुख का, और हरिवेणी आध्यात्मिक पवित्रता का प्रतीक है।
10. कविता ‘मातृभूमि’ में राष्ट्रीय भावना की अभिव्यक्ति किस प्रकार हुई है?
- उत्तर: यह कविता भारत की महिमा का गुणगान करते हुए हमें अपने देश पर गर्व करना सिखाती है। इसमें भारत की प्राकृतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का वर्णन है, जो प्रत्येक भारतीय के मन में देशभक्ति की भावना जगाता है।
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मातृभूमि
पाठ का सारांश
कविता "मातृभूमि" भारत देश की महानता, सुंदरता और गौरव का एक भावनात्मक चित्रण प्रस्तुत करती है। यह कविता देशभक्ति से ओतप्रोत है और इसमें भारत के प्राकृतिक सौंदर्य, ऐतिहासिक स्थलों, धार्मिक महत्व, और महान पुरुषों का वर्णन मिलता है।
प्रमुख बिंदु:
1. हिमालय की महिमा
- कवि भारत के उत्तर में स्थित ऊँचे हिमालय पर्वत की प्रशंसा करते हैं, जो आकाश को छूता है और जिसकी तलहटी में हिंद महासागर तक झुकती हुई भारत की भूमि विस्तृत है।
2. नदियों और सौंदर्य का चित्रण
- गंगा, यमुना और सरस्वती जैसी नदियों के संगम की "हरिवेणी" धारा से भारत की भूमि पवित्र होती है।
- हर कदम पर प्राकृतिक छटा बिखरी है – इसमें झरने, जंगलों की झाड़ियाँ, चहचहाती चिड़ियाँ और घनी अमराइयाँ शामिल हैं।
3. भारत की धार्मिक और सांस्कृतिक भूमि
- भारत को पुण्यभूमि, स्वर्णभूमि, धर्मभूमि, कर्मभूमि और जन्मभूमि के रूप में वर्णित किया गया है।
- मलय पवन (दक्षिण से आती सुगंधित हवा) तन-मन को ताजगी देती है।
4. ऐतिहासिक और धार्मिक महापुरुष
- श्रीराम (रघुपति), सीता, श्रीकृष्ण (जिन्होंने गीता का उपदेश दिया), और गौतम बुद्ध – ये सब भारत की भूमि पर जन्मे।
- इन महापुरुषों ने न केवल युद्ध की भूमि को पवित्र किया, बल्कि ज्ञान और शांति का संदेश भी दिया।
कवि परिचय: सोहनलाल द्विवेदी
- प्रसिद्ध राष्ट्रभक्त कवि (1906–1988)।
- इनकी कविताओं में देश के प्रति प्रेम और प्रेरणा झलकती है।
- प्रसिद्ध रचनाएँ: "बढ़े चलो", "कोशिश करने वालों की हार नहीं होती"।
महत्वपूर्ण शब्दावली और सरल व्याख्या
शब्द | सरल अर्थ |
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हिमालय | भारत के उत्तर में स्थित विशाल पर्वत माला |
हरिवेणी | गंगा, यमुना और सरस्वती नदियों का संगम |
मलय पवन | दक्षिण भारत से आने वाली सुगंधित ठंडी हवा |
रघुपति | श्रीराम का एक नाम |
वंशी | बांसुरी, जो श्रीकृष्ण बजाते थे |
गीता | श्रीकृष्ण द्वारा अर्जुन को दिया गया उपदेश |
बुद्धभूमि | वह स्थान जहाँ बुद्ध का जन्म या उपदेश हुआ हो |
झरने | पहाड़ों से गिरते हुए जल प्रवाह |
अमराइयाँ | आम के पेड़ों का घना बाग |
पुण्यभूमि | वह भूमि जो धार्मिक और पवित्र मानी जाती हो |
अभ्यास प्रश्न
सरल (Easy)
-
कविता में भारत की कौन-कौन सी नदियों का वर्णन है?
- उत्तर: गंगा, यमुना और सरस्वती (हरिवेणी)।
-
श्रीकृष्ण ने क्या सुनाया?
- उत्तर: वंशी द्वारा गीता का उपदेश।
-
‘मलय पवन’ तन-मन को कैसे प्रभावित करती है?
- उत्तर: यह ठंडी और सुगंधित हवा तन-मन को ताजगी देती है।
मध्यम (Medium)
-
कवि ने भारत की प्राकृतिक सुंदरता को कैसे दर्शाया है?
- उत्तर: झरने, चिड़ियाँ, घनी अमराइयाँ, मलय पवन और हर कदम पर बिखरी छटा के माध्यम से।
-
कविता में भारत को ‘कर्मभूमि’ क्यों कहा गया है?
- उत्तर: क्योंकि यह वह भूमि है जहाँ महान कार्य हुए और महापुरुषों ने अपने कर्तव्यों का पालन किया।
कठिन (Difficult)
-
‘वह युद्ध-भूमि मेरी, वह बुद्ध-भूमि मेरी’ का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
- उत्तर: यह पंक्तियाँ भारत के विविध रूपों को दर्शाती हैं – यह न केवल वीरता और युद्ध की भूमि है, बल्कि ज्ञान और शांति (बुद्ध) की भी भूमि है।
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‘गंगायमुन हरिवेणी’ पंक्ति का काव्य सौंदर्य स्पष्ट करें।
- उत्तर: इस पंक्ति में त्रिवेणी संगम का सौंदर्य दिखाया गया है जहाँ पवित्र नदियों की लहरें लहराकर भारत की भूमि को पावन करती हैं।
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गौतम बुद्ध ने जग को क्या सिखाया?
- उत्तर: उन्होंने जग को मार्ग दिखाया और शांति, करुणा और अहिंसा का ज्ञान दिया।
अत्यंत कठिन (Very Difficult)
-
कविता में प्रयुक्त प्रतीकों (जैसे हिमालय, मलय पवन, हरिवेणी) की साहित्यिक व्याख्या कीजिए।
- उत्तर: हिमालय भारत की अडिगता और ऊँचाई का प्रतीक है, मलय पवन शीतलता और सुख का, और हरिवेणी आध्यात्मिक पवित्रता का प्रतीक है।
-
कविता ‘मातृभूमि’ में राष्ट्रीय भावना की अभिव्यक्ति किस प्रकार हुई है?
- उत्तर: यह कविता भारत की महिमा का गुणगान करते हुए हमें अपने देश पर गर्व करना सिखाती है। इसमें भारत की प्राकृतिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत का वर्णन है, जो प्रत्येक भारतीय के मन में देशभक्ति की भावना जगाता है।