Chapter 3: पहली बूँद
Chapter Summary
पहली बूँद - Chapter Summary
## कविता का सारांश
यह कविता 'गोपालकृष्ण कौल' द्वारा रचित है जिसमें वर्षा ऋतु की पहली बूँद के धरती पर गिरने के सौंदर्य और प्रभाव का मनोहारी चित्रण किया गया है।
धरती की सूखी अधर रेखाओं पर जब पहली बूँद गिरती है, तो उसमें नवजीवन की लहर दौड़ जाती है। अंकुर फूट पड़ते हैं, धरती मुस्कराती है, और प्रकृति में एक नया जीवन संचार होता है।
कवि ने कल्पनाशीलता से 'आसमान में उड़ता सागर', 'नीले नयनों-सा अंबर', 'काली पुतली-से जलधर', 'वसुंधरा की रोमावली' जैसे उपमानों का प्रयोग करके दृश्य को और भी जीवंत बना दिया है।
बादल नगाड़े बजा कर धरती की प्यास बुझाते हैं और धरती हरियाली से भर जाती है। यह कविता केवल बारिश का चित्रण नहीं है, बल्कि यह प्रकृति और जीवन के बीच के सुंदर रिश्ते को दर्शाती है।
## मुख्य बिंदु
### 1. वर्षा का सौंदर्य
- पहली बूँद के गिरने से धरती पर जीवन की नई शुरुआत होती है।
- सूखी धरती हरियाली से ढक जाती है।
### 2. कल्पनाशीलता और प्रतीक
- आसमान को नीले नेत्र और बादलों को काली पुतलियों के रूप में दर्शाया गया है।
- बादलों को नगाड़ा बजाते हुए और समंदर को उड़ते हुए बताया गया है।
### 3. प्रकृति से संवाद
- धरती, बादल, आकाश सभी आपस में संवाद करते प्रतीत होते हैं।
- धरती की प्यास को अश्रु रूपी जल से बुझाया जाता है।
## शब्दार्थ / नए शब्द सरल अर्थों में
| शब्द | सरल अर्थ |
|------------------|-----------------------------------|
| पावस | वर्षा ऋतु |
| अंकुर | बीज से निकलने वाली नई कोपल |
| वसुंधरा | धरती माता |
| जलधर | जल को धारण करने वाला, बादल या समुद्र |
| रोमावली | शरीर के रोंगटे या बाल |
| नगाड़ा | पारंपरिक ढोल जैसा वाद्य यंत्र |
| पुलकित | आनंदित, रोमांचित |
| करुणा-दिग्दिगंत | करुणा से भरे चारों दिशाएं |
## हिंदी और अंग्रेजी में मुख्य शब्द (Keywords)
| हिंदी शब्द | English Keywords |
|------------------|---------------------------|
| पहली बूँद | first drop |
| धरती | earth |
| वर्षा | rain |
| अंकुर | sprout |
| पावस | monsoon |
| जलधर | cloud |
| नगाड़ा | drum |
| वसुंधरा | mother earth |
| कल्पना | imagination |
| कविता | poem |
## अभ्यास प्रश्न (Practice Questions)
### सरल (Easy)
1. कविता में ‘पहली बूँद’ किस पर गिरी?
**उत्तर**: धरती पर
2. अंकुर फूटने से क्या संकेत मिलता है?
**उत्तर**: नवजीवन की शुरुआत का संकेत
3. कवि ने जलधर को किससे तुलना की है?
**उत्तर**: काली पुतली से
### मध्यम (Medium)
4. “धरती की सूखी अधरों पर अमृत-सी आकर” — इस पंक्ति का भावार्थ समझाइए।
**उत्तर**: यह पंक्ति दर्शाती है कि वर्षा की बूँद धरती के सूखेपन को समाप्त कर उसे जीवनदान देती है।
5. “बजा नगाड़े जगा रहे हैं” — इस पंक्ति में बादलों की कौन-सी क्रिया बताई गई है?
**उत्तर**: बादलों के गरजने को नगाड़े बजाने के रूप में दर्शाया गया है।
### कठिन (Difficult)
6. कविता में कवि ने किन उपमानों का प्रयोग किया है और क्यों?
**उत्तर**: कवि ने अंबर को नीले नयन, जलधर को काली पुतली, धरती को रोमावली आदि उपमानों से अलंकारित किया है ताकि वर्षा का सौंदर्य और प्रभाव भावनात्मक रूप से प्रकट हो।
7. 'अकुंर फूट पड़ा' – इस वाक्य में 'फूट' शब्द के अन्य अर्थ बताइए।
**उत्तर**: 'फूट' का अर्थ पौधे का अंकुर निकलना है, लेकिन अन्य संदर्भों में यह विवाद (जैसे – फूट डालना) या टूटना (जैसे – घड़ा फूटना) को भी दर्शा सकता है।
8. “नीले नयनों-सा अंबर, काली पुतली-से जलधर” — इस रूपक का प्रभाव कविता पर क्या पड़ता है?
**उत्तर**: यह रूपक कविता को कल्पनाशील और चित्रात्मक बनाता है, जिससे पाठक दृश्य को अनुभव कर पाते हैं।
### अत्यंत कठिन (Very Difficult)
9. इस कविता में प्रकृति और जीवन के संबंध को कैसे दर्शाया गया है?
**उत्तर**: कवि ने दिखाया है कि वर्षा की पहली बूँद धरती में नवजीवन का संचार करती है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्रकृति जीवन को उत्पन्न और पुनर्जीवित करती है।
10. कवि गोपालकृष्ण कौल की शैली को ध्यान में रखते हुए बताइए कि वे बाल कविता में किस प्रकार प्रकृति का चित्रण करते हैं?
**उत्तर**: वे सरल भाषा, प्रतीकों और कल्पनाशीलता का प्रयोग करके प्रकृति को मानवीय और बच्चों के लिए आकर्षक रूप में प्रस्तुत करते हैं।
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पहली बूँद
कविता का सारांश
यह कविता 'गोपालकृष्ण कौल' द्वारा रचित है जिसमें वर्षा ऋतु की पहली बूँद के धरती पर गिरने के सौंदर्य और प्रभाव का मनोहारी चित्रण किया गया है।
धरती की सूखी अधर रेखाओं पर जब पहली बूँद गिरती है, तो उसमें नवजीवन की लहर दौड़ जाती है। अंकुर फूट पड़ते हैं, धरती मुस्कराती है, और प्रकृति में एक नया जीवन संचार होता है।
कवि ने कल्पनाशीलता से 'आसमान में उड़ता सागर', 'नीले नयनों-सा अंबर', 'काली पुतली-से जलधर', 'वसुंधरा की रोमावली' जैसे उपमानों का प्रयोग करके दृश्य को और भी जीवंत बना दिया है।
बादल नगाड़े बजा कर धरती की प्यास बुझाते हैं और धरती हरियाली से भर जाती है। यह कविता केवल बारिश का चित्रण नहीं है, बल्कि यह प्रकृति और जीवन के बीच के सुंदर रिश्ते को दर्शाती है।
मुख्य बिंदु
1. वर्षा का सौंदर्य
- पहली बूँद के गिरने से धरती पर जीवन की नई शुरुआत होती है।
- सूखी धरती हरियाली से ढक जाती है।
2. कल्पनाशीलता और प्रतीक
- आसमान को नीले नेत्र और बादलों को काली पुतलियों के रूप में दर्शाया गया है।
- बादलों को नगाड़ा बजाते हुए और समंदर को उड़ते हुए बताया गया है।
3. प्रकृति से संवाद
- धरती, बादल, आकाश सभी आपस में संवाद करते प्रतीत होते हैं।
- धरती की प्यास को अश्रु रूपी जल से बुझाया जाता है।
शब्दार्थ / नए शब्द सरल अर्थों में
शब्द | सरल अर्थ |
---|---|
पावस | वर्षा ऋतु |
अंकुर | बीज से निकलने वाली नई कोपल |
वसुंधरा | धरती माता |
जलधर | जल को धारण करने वाला, बादल या समुद्र |
रोमावली | शरीर के रोंगटे या बाल |
नगाड़ा | पारंपरिक ढोल जैसा वाद्य यंत्र |
पुलकित | आनंदित, रोमांचित |
करुणा-दिग्दिगंत | करुणा से भरे चारों दिशाएं |
हिंदी और अंग्रेजी में मुख्य शब्द (Keywords)
हिंदी शब्द | English Keywords |
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पहली बूँद | first drop |
धरती | earth |
वर्षा | rain |
अंकुर | sprout |
पावस | monsoon |
जलधर | cloud |
नगाड़ा | drum |
वसुंधरा | mother earth |
कल्पना | imagination |
कविता | poem |
अभ्यास प्रश्न (Practice Questions)
सरल (Easy)
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कविता में ‘पहली बूँद’ किस पर गिरी?
उत्तर: धरती पर -
अंकुर फूटने से क्या संकेत मिलता है?
उत्तर: नवजीवन की शुरुआत का संकेत -
कवि ने जलधर को किससे तुलना की है?
उत्तर: काली पुतली से
मध्यम (Medium)
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“धरती की सूखी अधरों पर अमृत-सी आकर” — इस पंक्ति का भावार्थ समझाइए।
उत्तर: यह पंक्ति दर्शाती है कि वर्षा की बूँद धरती के सूखेपन को समाप्त कर उसे जीवनदान देती है। -
“बजा नगाड़े जगा रहे हैं” — इस पंक्ति में बादलों की कौन-सी क्रिया बताई गई है?
उत्तर: बादलों के गरजने को नगाड़े बजाने के रूप में दर्शाया गया है।
कठिन (Difficult)
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कविता में कवि ने किन उपमानों का प्रयोग किया है और क्यों?
उत्तर: कवि ने अंबर को नीले नयन, जलधर को काली पुतली, धरती को रोमावली आदि उपमानों से अलंकारित किया है ताकि वर्षा का सौंदर्य और प्रभाव भावनात्मक रूप से प्रकट हो। -
'अकुंर फूट पड़ा' – इस वाक्य में 'फूट' शब्द के अन्य अर्थ बताइए।
उत्तर: 'फूट' का अर्थ पौधे का अंकुर निकलना है, लेकिन अन्य संदर्भों में यह विवाद (जैसे – फूट डालना) या टूटना (जैसे – घड़ा फूटना) को भी दर्शा सकता है। -
“नीले नयनों-सा अंबर, काली पुतली-से जलधर” — इस रूपक का प्रभाव कविता पर क्या पड़ता है?
उत्तर: यह रूपक कविता को कल्पनाशील और चित्रात्मक बनाता है, जिससे पाठक दृश्य को अनुभव कर पाते हैं।
अत्यंत कठिन (Very Difficult)
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इस कविता में प्रकृति और जीवन के संबंध को कैसे दर्शाया गया है?
उत्तर: कवि ने दिखाया है कि वर्षा की पहली बूँद धरती में नवजीवन का संचार करती है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि प्रकृति जीवन को उत्पन्न और पुनर्जीवित करती है। -
कवि गोपालकृष्ण कौल की शैली को ध्यान में रखते हुए बताइए कि वे बाल कविता में किस प्रकार प्रकृति का चित्रण करते हैं?
उत्तर: वे सरल भाषा, प्रतीकों और कल्पनाशीलता का प्रयोग करके प्रकृति को मानवीय और बच्चों के लिए आकर्षक रूप में प्रस्तुत करते हैं।