Chapter 4: हार की जीत
Chapter Summary
हार की जीत - Chapter Summary
## परिचय
‘हार की जीत’ प्रसिद्ध लेखक **सुदर्शन** द्वारा रचित एक प्रेरणादायक कहानी है। यह कहानी एक संत बाबा भारती, उनके प्रिय घोड़े सुलतान और डाकू खड्गसिंह के इर्द-गिर्द घूमती है। कहानी में मानवीय भावनाओं जैसे विश्वास, मोह, पश्चाताप और करुणा को संवेदनशील ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
## प्रमुख विषय
### 1. बाबा भारती और सुलतान
- बाबा भारती एक साधु थे जिन्होंने सांसारिक सुखों को त्याग दिया था।
- उन्हें अपने घोड़े **सुलतान** से अत्यंत प्रेम था। वह उसे संतान की भाँति पालते थे।
- वे हर दिन सुलतान पर सवारी करते और उसका पूरा ध्यान रखते।
### 2. खड्गसिंह का आगमन
- खड्गसिंह इलाके का कुख्यात डाकू था।
- जब उसने सुलतान की प्रशंसा सुनी, तो उसे पाने की इच्छा जाग उठी।
- वह बाबा भारती से मिलने गया और सुलतान को देखकर उसकी चाल और सुंदरता से प्रभावित हो गया।
### 3. धोखे से सुलतान की चोरी
- एक दिन खड्गसिंह भिखारी का रूप धारण कर बाबा भारती से मदद माँगता है।
- दया भाव में आकर बाबा घोड़े से उतरते हैं और उसे सुलतान पर चढ़ा देते हैं।
- तभी खड्गसिंह सुलतान को लेकर भाग जाता है।
### 4. बाबा भारती की प्रार्थना
- बाबा भारती खड्गसिंह से घोड़ा वापस नहीं माँगते।
- वे केवल यह अनुरोध करते हैं कि वह इस घटना को किसी को न बताए, ताकि लोग भविष्य में भी गरीबों पर विश्वास कर सकें।
### 5. पश्चाताप और परिवर्तन
- बाबा भारती के शब्द खड्गसिंह को अंदर तक झकझोर देते हैं।
- रात के अंधेरे में वह सुलतान को वापस बाबा भारती के अस्तबल में बाँध आता है।
- दोनों के आँसू मिट्टी पर गिरते हैं — करुणा और पश्चाताप के प्रतीक बनकर।
## मुख्य पात्र
| पात्र | विशेषताएँ |
|--------------|--------------------------------|
| बाबा भारती | त्यागी, करुणामय, विवेकशील |
| खड्गसिंह | बाहुबली, लोभी, पर पश्चातापी |
| सुलतान (घोड़ा) | सुंदर, बलवान, प्रिय पशु |
## मूल भाव और संदेश
- यह कहानी **विश्वास और करुणा** की जीत की कहानी है।
- बाबा भारती का **उदात्त चरित्र**, खड्गसिंह को पश्चाताप के मार्ग पर ले आता है।
- कहानी यह सिखाती है कि **नैतिक बल और उच्च विचार** से किसी को भी बदला जा सकता है।
## नए शब्द और सरल परिभाषाएँ
| शब्द | सरल परिभाषा |
|--------------|-------------------------------------|
| अपाहिज | जो चलने-फिरने में असमर्थ हो |
| अधीर | जो जल्दी से कुछ करना चाहता हो |
| करुणा | दूसरों के दुःख पर दया आना |
| पश्चाताप | अपने किए पर पछतावा करना |
| विश्वास | भरोसा रखना |
| मोह | किसी वस्तु से अत्यधिक लगाव |
| उदात्त | उच्च, महान, श्रेष्ठ भाव |
| अस्तबल | जहाँ घोड़े रखे जाते हैं |
| डाकू | लूटपाट करने वाला व्यक्ति |
| नयोछावर करना | किसी के लिए सब कुछ बलिदान कर देना |
## अभ्यास प्रश्न
### आसान (Easy)
1. **बाबा भारती का सबसे प्रिय पशु कौन था?**
उत्तर: सुलतान घोड़ा।
2. **खड्गसिंह ने किस भेष में बाबा से धोखा किया?**
उत्तर: अपाहिज भिखारी के भेष में।
3. **बाबा भारती किस डर से खड्गसिंह से कहानी न बताने की प्रार्थना करते हैं?**
उत्तर: ताकि लोग गरीबों पर विश्वास करना न छोड़ दें।
### मध्यम (Medium)
4. **बाबा भारती ने सुलतान को देखकर क्या कहा करते थे?**
उत्तर: "ऐसे चलता है जैसे मोर घटा देखकर नाच रहा हो।"
5. **खड्गसिंह के व्यवहार में कब और कैसे परिवर्तन आया?**
उत्तर: जब बाबा भारती ने विश्वास की बात कही, तब खड्गसिंह को पश्चाताप हुआ और उसने सुलतान लौटा दिया।
### कठिन (Difficult)
6. **कहानी का शीर्षक ‘हार की जीत’ क्यों उपयुक्त है?**
उत्तर: यह शीर्षक इसलिए उपयुक्त है क्योंकि बाबा भारती ने सुलतान खोकर भी खड्गसिंह के हृदय को जीत लिया।
7. **बाबा भारती और खड्गसिंह के आँसू मिट्टी पर क्यों मिलते हैं?**
उत्तर: यह दृश्य करुणा और पश्चाताप का मिलन दर्शाता है।
8. **कहानी में ‘विश्वास’ की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।**
उत्तर: यह कहानी दिखाती है कि विश्वास ही इंसानियत की नींव है और उसे बनाए रखना सबसे जरूरी है।
### बहुत कठिन (Very Difficult)
9. **‘बाबा ने घोड़ा दिखाया घमंड से, खड्गसिंह ने देखा आश्चर्य से’ — इस वाक्य का भाव स्पष्ट कीजिए।**
उत्तर: यह पंक्ति बताती है कि बाबा को अपने घोड़े पर गर्व था जबकि खड्गसिंह उसकी सुंदरता से चकित था।
10. **यदि आप खड्गसिंह होते तो इस कहानी के अंत को किस तरह बदलते? तर्क सहित उत्तर दें।**
उत्तर: अगर मैं खड्गसिंह होता तो घोड़ा लौटाते समय बाबा से क्षमा मांगकर उनके शिष्य बन जाता।
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हार की जीत
परिचय
‘हार की जीत’ प्रसिद्ध लेखक सुदर्शन द्वारा रचित एक प्रेरणादायक कहानी है। यह कहानी एक संत बाबा भारती, उनके प्रिय घोड़े सुलतान और डाकू खड्गसिंह के इर्द-गिर्द घूमती है। कहानी में मानवीय भावनाओं जैसे विश्वास, मोह, पश्चाताप और करुणा को संवेदनशील ढंग से प्रस्तुत किया गया है।
प्रमुख विषय
1. बाबा भारती और सुलतान
- बाबा भारती एक साधु थे जिन्होंने सांसारिक सुखों को त्याग दिया था।
- उन्हें अपने घोड़े सुलतान से अत्यंत प्रेम था। वह उसे संतान की भाँति पालते थे।
- वे हर दिन सुलतान पर सवारी करते और उसका पूरा ध्यान रखते।
2. खड्गसिंह का आगमन
- खड्गसिंह इलाके का कुख्यात डाकू था।
- जब उसने सुलतान की प्रशंसा सुनी, तो उसे पाने की इच्छा जाग उठी।
- वह बाबा भारती से मिलने गया और सुलतान को देखकर उसकी चाल और सुंदरता से प्रभावित हो गया।
3. धोखे से सुलतान की चोरी
- एक दिन खड्गसिंह भिखारी का रूप धारण कर बाबा भारती से मदद माँगता है।
- दया भाव में आकर बाबा घोड़े से उतरते हैं और उसे सुलतान पर चढ़ा देते हैं।
- तभी खड्गसिंह सुलतान को लेकर भाग जाता है।
4. बाबा भारती की प्रार्थना
- बाबा भारती खड्गसिंह से घोड़ा वापस नहीं माँगते।
- वे केवल यह अनुरोध करते हैं कि वह इस घटना को किसी को न बताए, ताकि लोग भविष्य में भी गरीबों पर विश्वास कर सकें।
5. पश्चाताप और परिवर्तन
- बाबा भारती के शब्द खड्गसिंह को अंदर तक झकझोर देते हैं।
- रात के अंधेरे में वह सुलतान को वापस बाबा भारती के अस्तबल में बाँध आता है।
- दोनों के आँसू मिट्टी पर गिरते हैं — करुणा और पश्चाताप के प्रतीक बनकर।
मुख्य पात्र
पात्र | विशेषताएँ |
---|---|
बाबा भारती | त्यागी, करुणामय, विवेकशील |
खड्गसिंह | बाहुबली, लोभी, पर पश्चातापी |
सुलतान (घोड़ा) | सुंदर, बलवान, प्रिय पशु |
मूल भाव और संदेश
- यह कहानी विश्वास और करुणा की जीत की कहानी है।
- बाबा भारती का उदात्त चरित्र, खड्गसिंह को पश्चाताप के मार्ग पर ले आता है।
- कहानी यह सिखाती है कि नैतिक बल और उच्च विचार से किसी को भी बदला जा सकता है।
नए शब्द और सरल परिभाषाएँ
शब्द | सरल परिभाषा |
---|---|
अपाहिज | जो चलने-फिरने में असमर्थ हो |
अधीर | जो जल्दी से कुछ करना चाहता हो |
करुणा | दूसरों के दुःख पर दया आना |
पश्चाताप | अपने किए पर पछतावा करना |
विश्वास | भरोसा रखना |
मोह | किसी वस्तु से अत्यधिक लगाव |
उदात्त | उच्च, महान, श्रेष्ठ भाव |
अस्तबल | जहाँ घोड़े रखे जाते हैं |
डाकू | लूटपाट करने वाला व्यक्ति |
नयोछावर करना | किसी के लिए सब कुछ बलिदान कर देना |
अभ्यास प्रश्न
आसान (Easy)
-
बाबा भारती का सबसे प्रिय पशु कौन था?
उत्तर: सुलतान घोड़ा। -
खड्गसिंह ने किस भेष में बाबा से धोखा किया?
उत्तर: अपाहिज भिखारी के भेष में। -
बाबा भारती किस डर से खड्गसिंह से कहानी न बताने की प्रार्थना करते हैं?
उत्तर: ताकि लोग गरीबों पर विश्वास करना न छोड़ दें।
मध्यम (Medium)
-
बाबा भारती ने सुलतान को देखकर क्या कहा करते थे?
उत्तर: "ऐसे चलता है जैसे मोर घटा देखकर नाच रहा हो।" -
खड्गसिंह के व्यवहार में कब और कैसे परिवर्तन आया?
उत्तर: जब बाबा भारती ने विश्वास की बात कही, तब खड्गसिंह को पश्चाताप हुआ और उसने सुलतान लौटा दिया।
कठिन (Difficult)
-
कहानी का शीर्षक ‘हार की जीत’ क्यों उपयुक्त है?
उत्तर: यह शीर्षक इसलिए उपयुक्त है क्योंकि बाबा भारती ने सुलतान खोकर भी खड्गसिंह के हृदय को जीत लिया। -
बाबा भारती और खड्गसिंह के आँसू मिट्टी पर क्यों मिलते हैं?
उत्तर: यह दृश्य करुणा और पश्चाताप का मिलन दर्शाता है। -
कहानी में ‘विश्वास’ की भूमिका को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: यह कहानी दिखाती है कि विश्वास ही इंसानियत की नींव है और उसे बनाए रखना सबसे जरूरी है।
बहुत कठिन (Very Difficult)
-
‘बाबा ने घोड़ा दिखाया घमंड से, खड्गसिंह ने देखा आश्चर्य से’ — इस वाक्य का भाव स्पष्ट कीजिए।
उत्तर: यह पंक्ति बताती है कि बाबा को अपने घोड़े पर गर्व था जबकि खड्गसिंह उसकी सुंदरता से चकित था। -
यदि आप खड्गसिंह होते तो इस कहानी के अंत को किस तरह बदलते? तर्क सहित उत्तर दें।
उत्तर: अगर मैं खड्गसिंह होता तो घोड़ा लौटाते समय बाबा से क्षमा मांगकर उनके शिष्य बन जाता।