Chapter 7: जलाते चलो
Chapter Summary
जलाते चलो - Chapter Summary
## कविता का सारांश
कविता "जलाते चलो" में कवि द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी समाज को आशा और प्रेरणा का संदेश देते हैं। वह कहते हैं कि जब तक समाज में अंधकार है, तब तक प्रेम और सेवा के दीप जलाते रहो। यह दीप प्रतीक हैं हमारे नेक कार्यों और सोच के, जो किसी दिन समाज के अंधकार को मिटा सकते हैं।
कवि मानते हैं कि शुरुआत हमेशा कठिन होती है, लेकिन अगर एक व्यक्ति भी अपने कर्तव्यों को समझते हुए दीप जलाना शुरू करे तो धीरे-धीरे बाकी भी प्रेरित हो सकते हैं। उन्होंने "दीये" और "तूफान" के संघर्ष को दर्शाते हुए यह बताया है कि सच्चाई और अच्छाई का रास्ता कठिन हो सकता है, परंतु उसका उजाला स्थायी होता है।
कविता जीवन में सकारात्मकता, समाज सेवा, और निरंतर प्रयास की प्रेरणा देती है।
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## प्रमुख विषय
### 1. आशा और उजाला का संदेश
- अंधकार चाहे कितना भी गहरा क्यों न हो, एक छोटा-सा दीप भी उसमें प्रकाश फैला सकता है।
- दीपों को बुझने न दो, क्योंकि वही दिशा को रोशन करेंगे।
### 2. पहले दीप का महत्व
- कविता में बताया गया है कि जो पहला व्यक्ति दीप जलाता है, वही समाज में परिवर्तन की शुरुआत करता है।
### 3. दीये और तूफ़ान की कहानी
- दीया और तूफ़ान की प्रतीकात्मक कहानी समाज में अच्छाई बनाम बुराई के संघर्ष को दर्शाती है।
### 4. लगातार प्रयास की प्रेरणा
- कविता यह सिखाती है कि निरंतर प्रयास ही सफलता की कुंजी है।
- चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, दीप जलाते रहो।
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## नए शब्द और सरल अर्थ
| शब्द | सरल अर्थ |
|----------------|------------------------------------|
| अमावस | वह रात जब चाँद दिखाई नहीं देता |
| पूर्णिमा | वह रात जब चाँद पूरा दिखाई देता |
| दिशा | रास्ता या दिशा (यहाँ प्रतीकात्मक रूप में प्रयुक्त) |
| दिद्युत-दिया | बिजली से जलने वाला बल्ब या दीपक |
| स्वर्ण-सी | सोने जैसी (यहाँ तेजस्विता का प्रतीक) |
| सवेरा | सुबह (उजाले का प्रतीक) |
| दीप | प्रकाश का स्रोत, प्रेरणा का प्रतीक |
| तुफ़ान | बाधा या मुश्किल परिस्थिति |
| बुझाना | समाप्त कर देना (प्रकाश या उत्साह) |
| जलाना | शुरू करना, प्रेरणा देना |
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## अभ्यास प्रश्न
### आसान (Easy)
1. कविता का मुख्य संदेश क्या है?
**उत्तर:** समाज में अंधकार को दूर करने के लिए प्रेम और सेवा के दीप जलाते रहना चाहिए।
2. कवि दीप जलाने की बात किसलिए कर रहे हैं?
**उत्तर:** ताकि समाज में उजाला आए और दिशा को रोशनी मिल सके।
3. “जली जो प्रथम बार लौ दीप की” — इस पंक्ति का क्या अर्थ है?
**उत्तर:** पहली बार जब किसी ने दीप जलाया, उसी से उजाले की शुरुआत हुई।
### मध्यम (Medium)
4. कविता में दीया और तूफ़ान किसका प्रतीक हैं?
**उत्तर:** दीया अच्छाई, आशा और प्रयास का प्रतीक है; तूफ़ान बुराई और कठिनाइयों का।
5. “कभी तो दिशा को सवेरा मिलेगा” — इस पंक्ति में कवि ने किस आशा को दर्शाया है?
**उत्तर:** कवि को विश्वास है कि निरंतर प्रयास से समाज को एक दिन उजाला अवश्य मिलेगा।
### कठिन (Difficult)
6. कविता में “अमावस” और “पूर्णिमा” शब्द किस सन्दर्भ में आए हैं?
**उत्तर:** यह शब्द अंधकार (अमावस) और उजाले (पूर्णिमा) के प्रतीक हैं, जो अच्छे और बुरे समय को दर्शाते हैं।
7. “जला दीप पहला तुम्हीं ने...” — इस पंक्ति से कवि क्या कहना चाहते हैं?
**उत्तर:** यह पंक्ति पहले प्रयास करने वालों की प्रशंसा करती है, जिन्होंने बदलाव की शुरुआत की।
8. कविता में दीयों को बुझाने की बात क्यों कही गई है?
**उत्तर:** कवि चेतावनी देते हैं कि यदि दीप बुझा दिए गए, तो समाज फिर से अंधकार में डूब जाएगा।
### बहुत कठिन (Very Difficult)
9. कविता में “स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी” — में ‘स्वर्ण’ किसका प्रतीक है?
**उत्तर:** 'स्वर्ण' यहाँ उज्ज्वलता, मूल्यवान प्रयास और चमकते आदर्शों का प्रतीक है।
10. कवि ने दिशा और सवेरा शब्दों का प्रयोग प्रतीक के रूप में कैसे किया है?
**उत्तर:** ‘दिशा’ का अर्थ है समाज की दशा या राह जो अंधकारमय है, और ‘सवेरा’ उजाले, सुधार और आशा का प्रतीक है।
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जलाते चलो
कविता का सारांश
कविता "जलाते चलो" में कवि द्वारिका प्रसाद माहेश्वरी समाज को आशा और प्रेरणा का संदेश देते हैं। वह कहते हैं कि जब तक समाज में अंधकार है, तब तक प्रेम और सेवा के दीप जलाते रहो। यह दीप प्रतीक हैं हमारे नेक कार्यों और सोच के, जो किसी दिन समाज के अंधकार को मिटा सकते हैं।
कवि मानते हैं कि शुरुआत हमेशा कठिन होती है, लेकिन अगर एक व्यक्ति भी अपने कर्तव्यों को समझते हुए दीप जलाना शुरू करे तो धीरे-धीरे बाकी भी प्रेरित हो सकते हैं। उन्होंने "दीये" और "तूफान" के संघर्ष को दर्शाते हुए यह बताया है कि सच्चाई और अच्छाई का रास्ता कठिन हो सकता है, परंतु उसका उजाला स्थायी होता है।
कविता जीवन में सकारात्मकता, समाज सेवा, और निरंतर प्रयास की प्रेरणा देती है।
प्रमुख विषय
1. आशा और उजाला का संदेश
- अंधकार चाहे कितना भी गहरा क्यों न हो, एक छोटा-सा दीप भी उसमें प्रकाश फैला सकता है।
- दीपों को बुझने न दो, क्योंकि वही दिशा को रोशन करेंगे।
2. पहले दीप का महत्व
- कविता में बताया गया है कि जो पहला व्यक्ति दीप जलाता है, वही समाज में परिवर्तन की शुरुआत करता है।
3. दीये और तूफ़ान की कहानी
- दीया और तूफ़ान की प्रतीकात्मक कहानी समाज में अच्छाई बनाम बुराई के संघर्ष को दर्शाती है।
4. लगातार प्रयास की प्रेरणा
- कविता यह सिखाती है कि निरंतर प्रयास ही सफलता की कुंजी है।
- चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, दीप जलाते रहो।
नए शब्द और सरल अर्थ
शब्द | सरल अर्थ |
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अमावस | वह रात जब चाँद दिखाई नहीं देता |
पूर्णिमा | वह रात जब चाँद पूरा दिखाई देता |
दिशा | रास्ता या दिशा (यहाँ प्रतीकात्मक रूप में प्रयुक्त) |
दिद्युत-दिया | बिजली से जलने वाला बल्ब या दीपक |
स्वर्ण-सी | सोने जैसी (यहाँ तेजस्विता का प्रतीक) |
सवेरा | सुबह (उजाले का प्रतीक) |
दीप | प्रकाश का स्रोत, प्रेरणा का प्रतीक |
तुफ़ान | बाधा या मुश्किल परिस्थिति |
बुझाना | समाप्त कर देना (प्रकाश या उत्साह) |
जलाना | शुरू करना, प्रेरणा देना |
अभ्यास प्रश्न
आसान (Easy)
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कविता का मुख्य संदेश क्या है?
उत्तर: समाज में अंधकार को दूर करने के लिए प्रेम और सेवा के दीप जलाते रहना चाहिए। -
कवि दीप जलाने की बात किसलिए कर रहे हैं?
उत्तर: ताकि समाज में उजाला आए और दिशा को रोशनी मिल सके। -
“जली जो प्रथम बार लौ दीप की” — इस पंक्ति का क्या अर्थ है?
उत्तर: पहली बार जब किसी ने दीप जलाया, उसी से उजाले की शुरुआत हुई।
मध्यम (Medium)
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कविता में दीया और तूफ़ान किसका प्रतीक हैं?
उत्तर: दीया अच्छाई, आशा और प्रयास का प्रतीक है; तूफ़ान बुराई और कठिनाइयों का। -
“कभी तो दिशा को सवेरा मिलेगा” — इस पंक्ति में कवि ने किस आशा को दर्शाया है?
उत्तर: कवि को विश्वास है कि निरंतर प्रयास से समाज को एक दिन उजाला अवश्य मिलेगा।
कठिन (Difficult)
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कविता में “अमावस” और “पूर्णिमा” शब्द किस सन्दर्भ में आए हैं?
उत्तर: यह शब्द अंधकार (अमावस) और उजाले (पूर्णिमा) के प्रतीक हैं, जो अच्छे और बुरे समय को दर्शाते हैं। -
“जला दीप पहला तुम्हीं ने...” — इस पंक्ति से कवि क्या कहना चाहते हैं?
उत्तर: यह पंक्ति पहले प्रयास करने वालों की प्रशंसा करती है, जिन्होंने बदलाव की शुरुआत की। -
कविता में दीयों को बुझाने की बात क्यों कही गई है?
उत्तर: कवि चेतावनी देते हैं कि यदि दीप बुझा दिए गए, तो समाज फिर से अंधकार में डूब जाएगा।
बहुत कठिन (Very Difficult)
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कविता में “स्वर्ण-सी जल रही और जलती रहेगी” — में ‘स्वर्ण’ किसका प्रतीक है?
उत्तर: 'स्वर्ण' यहाँ उज्ज्वलता, मूल्यवान प्रयास और चमकते आदर्शों का प्रतीक है। -
कवि ने दिशा और सवेरा शब्दों का प्रयोग प्रतीक के रूप में कैसे किया है?
उत्तर: ‘दिशा’ का अर्थ है समाज की दशा या राह जो अंधकारमय है, और ‘सवेरा’ उजाले, सुधार और आशा का प्रतीक है।