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Chapter 11: चेतक की वीरता

6th StandardHindi

Chapter Summary

चेतक की वीरता - Chapter Summary

# चेतक की वीरता

## कविता का सारांश

यह कविता श्यामनारायण पांडेय की प्रसिद्ध काव्य रचना 'हल्दीघाटी' से ली गई है, जिसमें महाराणा प्रताप के घोड़े 'चेतक' की वीरता और अद्भुत युद्ध-कौशल का वर्णन किया गया है। यह कविता वीर रस में रची गई है और चेतक की चपलता, तेज़ गति, बुद्धिमत्ता और महाराणा के प्रति उसकी निष्ठा को अत्यंत प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत करती है।

चेतक को कवि ने हवा से तेज़ दौड़ने वाला घोड़ा बताया है जो रणभूमि में शत्रुओं पर ऐसे टूट पड़ता था जैसे भयानक बादल बिजली के साथ बरस पड़े हों। चेतक इतना समझदार था कि महाराणा के संकेत को बिना बोले समझ जाता और उसी दिशा में दौड़ पड़ता। युद्ध के दौरान वह निडर होकर ढालों, तलवारों और भालों के बीच सरपट दौड़ता रहता था।

## प्रमुख विषयवस्तु

### 1. चेतक की गति और फुर्ती
- चेतक हवा से भी तेज़ दौड़ता था।
- वह कभी भी कोड़े की मार नहीं खाता था क्योंकि वह संकेत समझ लेता था।
- उसकी चाल इतनी तेज थी कि प्रतीत होता था जैसे वह आसमान में उड़ रहा हो।

### 2. युद्ध क्षेत्र में चेतक की वीरता
- चेतक रणभूमि में वज्रपात की तरह शत्रु पर टूट पड़ता था।
- वह शत्रुओं की पंक्ति चीरता हुआ उनके बीच पहुँच जाता था।
- उसकी टापों की आवाज़ शत्रुओं में भय भर देती थी।

### 3. महाराणा प्रताप और चेतक का संबंध
- चेतक अपने स्वामी महाराणा प्रताप की आंखों के संकेत भर से दिशा बदल लेता था।
- वह उनकी रक्षा में प्राणों की बाज़ी लगाने को तैयार रहता था।
- उसकी निष्ठा और समर्पण अप्रतिम था।

## शब्द निर्माण और अलंकार
- कविता में अनुप्रास, उपमा और रूपक जैसे अलंकारों का सुंदर प्रयोग हुआ है।
- “हवा से पाला पड़ गया”, “नभ में उड़ता घोड़ा” जैसे प्रयोग कविता को प्रभावशाली बनाते हैं।
- शब्दों के भीतर छिपे अन्य शब्द जैसे ‘आसमान’ = आस, मान, सम आदि की पहचान कराई गई है।

## कवि परिचय
**श्यामनारायण पांडेय** (1907–1991) हिन्दी के प्रसिद्ध वीर रस के कवि थे। उनकी रचना 'हल्दीघाटी' विशेष रूप से प्रसिद्ध है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत रही है।

---

## नए शब्द और उनके सरल अर्थ

| शब्द | अर्थ |
|----------------|----------------------------------------|
| रण | युद्ध का मैदान |
| करवाल | तलवार जैसी एक प्रकार की अस्त्र |
| सरपट | बहुत तेज़ गति से |
| वज्रपात | बिजली गिरना, अचानक आक्रमण |
| घहर गया | तीव्रता से टूट पड़ा |
| पाला पड़ना | आमना-सामना होना |
| पतुली | लगाम की डोरी |
| मसतक | माथा, सिर का ऊपरी भाग |
| चपलता | फुर्ती और गति |
| ननराला | अनोखा, विशेष |

---

## अभ्यास प्रश्न

### आसान (Easy)
1. चेतक किसका घोड़ा था?
**उत्तर**: चेतक महाराणा प्रताप का घोड़ा था।

2. चेतक की चाल किससे तेज़ बताई गई है?
**उत्तर**: हवा से भी तेज़।

3. कविता में चेतक की कौन सी विशेषता प्रमुख रूप से दिखाई देती है?
**उत्तर**: उसकी वीरता और चपलता।

### मध्यम (Medium)
4. चेतक के बिना कोड़े के चलने की क्या विशेषता थी?
**उत्तर**: चेतक अपने स्वामी की आंखों के इशारे समझता था और उसी अनुसार चल पड़ता था।

5. ‘भाला नगर गया, हय-टापों से खन गया अंग’ का क्या तात्पर्य है?
**उत्तर**: चेतक की टापों से शत्रु भयभीत हो गए और उसके आक्रमण से घायल भी।

### कठिन (Difficult)
6. चेतक को ‘नभचारी’ क्यों कहा गया है?
**उत्तर**: क्योंकि उसकी गति इतनी तेज थी कि ऐसा लगता था जैसे वह आकाश में उड़ रहा हो।

7. कविता में चेतक की चाल को किस तरह के बादल से तुलना की गई है?
**उत्तर**: नवकराल वज्र-मय बादल से जो शत्रु सेना पर टूट पड़ता है।

8. कविता का भाव सौंदर्य किस रस से संबंधित है?
**उत्तर**: यह वीर रस की कविता है, जिसमें साहस और पराक्रम की भावना है।

### अत्यंत कठिन (Very Difficult)
9. ‘चेतक की पतुली निरी नहीं, तब तक मड़ु जाता था’ – इस पंक्ति का गूढ़ भाव समझाइए।
**उत्तर**: यह पंक्ति चेतक की स्वामीभक्ति और उसकी मानसिक समझ को दर्शाती है कि वह बिना आदेश भी स्वामी की मंशा समझ जाता था।

10. इस कविता में कौन-कौन से अलंकार प्रयुक्त हुए हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
**उत्तर**: अनुप्रास (जैसे – "घहर गया"), उपमा (जैसे – “नवकराल वज्र-मय बादल-सा”) और रूपक अलंकार का प्रयोग हुआ है।

---

## द्विभाषी कीवर्ड्स (Bilingual Keywords)

- चेतक – Chetak
- वीरता – Bravery
- घोड़ा – Horse
- महाराणा प्रताप – Maharana Pratap
- युद्ध – Battle
- हल्दीघाटी – Haldighati
- गति – Speed
- चपलता – Agility
- काव्य – Poetry
- वीर रस – Heroic Sentiment

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चेतक की वीरता

कविता का सारांश

यह कविता श्यामनारायण पांडेय की प्रसिद्ध काव्य रचना 'हल्दीघाटी' से ली गई है, जिसमें महाराणा प्रताप के घोड़े 'चेतक' की वीरता और अद्भुत युद्ध-कौशल का वर्णन किया गया है। यह कविता वीर रस में रची गई है और चेतक की चपलता, तेज़ गति, बुद्धिमत्ता और महाराणा के प्रति उसकी निष्ठा को अत्यंत प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत करती है।

चेतक को कवि ने हवा से तेज़ दौड़ने वाला घोड़ा बताया है जो रणभूमि में शत्रुओं पर ऐसे टूट पड़ता था जैसे भयानक बादल बिजली के साथ बरस पड़े हों। चेतक इतना समझदार था कि महाराणा के संकेत को बिना बोले समझ जाता और उसी दिशा में दौड़ पड़ता। युद्ध के दौरान वह निडर होकर ढालों, तलवारों और भालों के बीच सरपट दौड़ता रहता था।

प्रमुख विषयवस्तु

1. चेतक की गति और फुर्ती

  • चेतक हवा से भी तेज़ दौड़ता था।
  • वह कभी भी कोड़े की मार नहीं खाता था क्योंकि वह संकेत समझ लेता था।
  • उसकी चाल इतनी तेज थी कि प्रतीत होता था जैसे वह आसमान में उड़ रहा हो।

2. युद्ध क्षेत्र में चेतक की वीरता

  • चेतक रणभूमि में वज्रपात की तरह शत्रु पर टूट पड़ता था।
  • वह शत्रुओं की पंक्ति चीरता हुआ उनके बीच पहुँच जाता था।
  • उसकी टापों की आवाज़ शत्रुओं में भय भर देती थी।

3. महाराणा प्रताप और चेतक का संबंध

  • चेतक अपने स्वामी महाराणा प्रताप की आंखों के संकेत भर से दिशा बदल लेता था।
  • वह उनकी रक्षा में प्राणों की बाज़ी लगाने को तैयार रहता था।
  • उसकी निष्ठा और समर्पण अप्रतिम था।

शब्द निर्माण और अलंकार

  • कविता में अनुप्रास, उपमा और रूपक जैसे अलंकारों का सुंदर प्रयोग हुआ है।
  • “हवा से पाला पड़ गया”, “नभ में उड़ता घोड़ा” जैसे प्रयोग कविता को प्रभावशाली बनाते हैं।
  • शब्दों के भीतर छिपे अन्य शब्द जैसे ‘आसमान’ = आस, मान, सम आदि की पहचान कराई गई है।

कवि परिचय

श्यामनारायण पांडेय (1907–1991) हिन्दी के प्रसिद्ध वीर रस के कवि थे। उनकी रचना 'हल्दीघाटी' विशेष रूप से प्रसिद्ध है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में युवाओं के लिए प्रेरणा स्रोत रही है।


नए शब्द और उनके सरल अर्थ

शब्दअर्थ
रणयुद्ध का मैदान
करवालतलवार जैसी एक प्रकार की अस्त्र
सरपटबहुत तेज़ गति से
वज्रपातबिजली गिरना, अचानक आक्रमण
घहर गयातीव्रता से टूट पड़ा
पाला पड़नाआमना-सामना होना
पतुलीलगाम की डोरी
मसतकमाथा, सिर का ऊपरी भाग
चपलताफुर्ती और गति
ननरालाअनोखा, विशेष

अभ्यास प्रश्न

आसान (Easy)

  1. चेतक किसका घोड़ा था?
    उत्तर: चेतक महाराणा प्रताप का घोड़ा था।

  2. चेतक की चाल किससे तेज़ बताई गई है?
    उत्तर: हवा से भी तेज़।

  3. कविता में चेतक की कौन सी विशेषता प्रमुख रूप से दिखाई देती है?
    उत्तर: उसकी वीरता और चपलता।

मध्यम (Medium)

  1. चेतक के बिना कोड़े के चलने की क्या विशेषता थी?
    उत्तर: चेतक अपने स्वामी की आंखों के इशारे समझता था और उसी अनुसार चल पड़ता था।

  2. ‘भाला नगर गया, हय-टापों से खन गया अंग’ का क्या तात्पर्य है?
    उत्तर: चेतक की टापों से शत्रु भयभीत हो गए और उसके आक्रमण से घायल भी।

कठिन (Difficult)

  1. चेतक को ‘नभचारी’ क्यों कहा गया है?
    उत्तर: क्योंकि उसकी गति इतनी तेज थी कि ऐसा लगता था जैसे वह आकाश में उड़ रहा हो।

  2. कविता में चेतक की चाल को किस तरह के बादल से तुलना की गई है?
    उत्तर: नवकराल वज्र-मय बादल से जो शत्रु सेना पर टूट पड़ता है।

  3. कविता का भाव सौंदर्य किस रस से संबंधित है?
    उत्तर: यह वीर रस की कविता है, जिसमें साहस और पराक्रम की भावना है।

अत्यंत कठिन (Very Difficult)

  1. ‘चेतक की पतुली निरी नहीं, तब तक मड़ु जाता था’ – इस पंक्ति का गूढ़ भाव समझाइए।
    उत्तर: यह पंक्ति चेतक की स्वामीभक्ति और उसकी मानसिक समझ को दर्शाती है कि वह बिना आदेश भी स्वामी की मंशा समझ जाता था।

  2. इस कविता में कौन-कौन से अलंकार प्रयुक्त हुए हैं? उदाहरण सहित स्पष्ट कीजिए।
    उत्तर: अनुप्रास (जैसे – "घहर गया"), उपमा (जैसे – “नवकराल वज्र-मय बादल-सा”) और रूपक अलंकार का प्रयोग हुआ है।


द्विभाषी कीवर्ड्स (Bilingual Keywords)

  • चेतक – Chetak
  • वीरता – Bravery
  • घोड़ा – Horse
  • महाराणा प्रताप – Maharana Pratap
  • युद्ध – Battle
  • हल्दीघाटी – Haldighati
  • गति – Speed
  • चपलता – Agility
  • काव्य – Poetry
  • वीर रस – Heroic Sentiment