Chapter 13: पेड़ की बात
Chapter Summary
पेड़ की बात - Chapter Summary
## परिचय
यह पाठ प्रकृति और विज्ञान के अद्भुत समन्वय को दर्शाता है। लेखक जगदीशचंद्र बसु ने वृक्षों के जीवन चक्र, उनके व्यवहार, आहार प्रणाली और पर्यावरण के प्रति उनके योगदान को संवेदनशील और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया है।
## मुख्य विषयवस्तु
### 1. बीज से अंकुर तक की यात्रा
- बीज मिट्टी में पड़ा रहता है और अनुकूल मौसम का इंतज़ार करता है।
- वसंत आने पर मिट्टी से अंकुर फूटता है, जिसका एक भाग नीचे जाकर **जड़** बनता है और दूसरा भाग ऊपर उठकर **तना** बनता है।
- पेड़ को उलटा करके भी देखा गया कि जड़ फिर भी नीचे की ओर जाती है और तना ऊपर की ओर बढ़ता है। यह दर्शाता है कि जड़ और तने की दिशा निश्चित होती है।
### 2. पौधों का भोजन ग्रहण करना
- पेड़-पौधे दांतों के बिना भी मिट्टी से तरल और गैसीय आहार ग्रहण करते हैं।
- जड़ें मिट्टी से **जल और पोषक तत्वों** को अवशोषित करती हैं।
- पत्तियाँ वायु से **अवयव (जैसे कार्बन डाईऑक्साइड)** को ग्रहण कर भोजन बनाती हैं।
- सूक्ष्मदर्शी से यह देखा जा सकता है कि पेड़ की जड़ों और तनों में हजारों नलिकाएं होती हैं जो रस के संचार में सहायक होती हैं।
### 3. पत्तियों और प्रकाश का संबंध
- पत्तियों में सूक्ष्म छिद्र होते हैं जिनसे गैसों का आदान-प्रदान होता है।
- सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में पत्तियाँ हानिकारक गैस (जैसे कार्बन डाईऑक्साइड) को भोजन में परिवर्तित कर लेती हैं।
- पौधों को प्रकाश की अत्यधिक आवश्यकता होती है। वे स्वयं को इस प्रकार झुका लेते हैं जिससे अधिकतम प्रकाश मिल सके।
### 4. सूर्य ऊर्जा और जीवन
- सूर्य का प्रकाश ही जीवन का आधार है। पेड़-पौधे सूर्य की किरणों को अपने शरीर में समाहित करते हैं।
- पौधों द्वारा सूर्य की ऊर्जा को भोजन में बदलना ही जीवन के अन्य रूपों के लिए भी उपयोगी बनता है — जैसे मनुष्य और जानवर।
### 5. फूल, परागण और बीज निर्माण
- वृक्ष अपनी संतान के लिए बीज छोड़ते हैं।
- फूल बीज की रक्षा के लिए बनते हैं और बहुत सुंदर लगते हैं।
- फूलों में *परागकण* होते हैं जिन्हें मधुमक्खियाँ और तितलियाँ एक फूल से दूसरे फूल में स्थानांतरित करती हैं।
- परागण की प्रक्रिया के बिना बीज नहीं बन सकता।
### 6. वृक्ष का बलिदान और अंत
- वृक्ष अपने जीवन का सार बीज को देने में लगा देते हैं।
- जब वृक्ष कमजोर हो जाता है, तो वह हवा का झोंका भी सहन नहीं कर पाता।
- अंत में वह ज़मीन पर गिरकर समाप्त हो जाता है — लेकिन अपने पीछे बीज रूपी संतान छोड़ जाता है।
## लेखक परिचय
**जगदीशचंद्र बसु** (1858–1937): प्रसिद्ध वैज्ञानिक, जिन्होंने यह सिद्ध किया कि पौधे भी चेतन होते हैं। उन्होंने वनस्पति विज्ञान, भौतिकी, और विज्ञान साहित्य में योगदान दिया। रेडियो तरंगों से संचार की खोज करने वाले वे पहले वैज्ञानिकों में से एक थे।
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## नए शब्द और सरल व्याख्या
| शब्द | अर्थ (सरल हिंदी में) |
|------------------|----------------------------------------------|
| अंकुर | बीज से निकलने वाला छोटा नया पौधा |
| अगंारक वायु | साँस छोड़ते समय निकलने वाली हवा (CO₂) |
| आबद्ध | जुड़ा हुआ या बँधा हुआ |
| प्रकाश संश्लेषण | पत्तियों द्वारा प्रकाश की मदद से भोजन बनाना |
| परागकण | फूल के अंदर मौजूद छोटे-छोटे कण जिनसे बीज बनते हैं |
| संवर्धन | बढ़ोतरी या विकास |
| संवेदनशीलता | महसूस करने की क्षमता |
| सूक्ष्मदर्शी | बहुत छोटे चीजें देखने का यंत्र |
| जड़ | पौधे का वह भाग जो मिट्टी के नीचे होता है और पोषण लेता है |
| तना | पौधे का ऊपरी भाग जिससे शाखाएँ और पत्तियाँ निकलती हैं |
---
## अभ्यास प्रश्न
### आसान (Easy)
1. बीज से कौन-कौन से दो भाग निकलते हैं?
- **उत्तर**: जड़ और तना
2. पत्तियाँ किस वायु को ग्रहण करती हैं?
- **उत्तर**: अगंारक वायु (कार्बन डाईऑक्साइड)
3. फूलों में कौन-कौन आते हैं?
- **उत्तर**: मधुमक्खियाँ और तितलियाँ
### मध्यम (Medium)
4. पौधों को सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता क्यों होती है?
- **उत्तर**: भोजन बनाने के लिए
5. पेड़ के जीवन के अंत में क्या होता है?
- **उत्तर**: वह अपनी संतान (बीज) को देकर सुख जाता है और गिर पड़ता है।
### कठिन (Difficult)
6. पेड़ मिट्टी से भोजन कैसे ग्रहण करते हैं?
- **उत्तर**: जड़ों के द्वारा मिट्टी से जल और पोषक तत्व लेकर
7. मधुमक्खियाँ और तितलियाँ पेड़ की क्या मदद करती हैं?
- **उत्तर**: परागकणों को एक फूल से दूसरे फूल तक ले जाकर परागण में मदद करती हैं।
8. लेखक ने पेड़ को कौन-सी विशेष भावना से जोड़ा है?
- **उत्तर**: संवेदना और बलिदान की भावना से
### अत्यंत कठिन (Very Difficult)
9. पेड़ द्वारा वातावरण की शुद्धि कैसे होती है?
- **उत्तर**: वे अगंारक वायु (CO₂) को ग्रहण करके भोजन बनाते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं।
10. लेखक ने पेड़ के किस गुण की तुलना ‘पारस पत्थर’ से की है?
- **उत्तर**: मिट्टी और हानिकारक गैसों को सुंदर फूलों में बदलने की शक्ति से
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पेड़ की बात
परिचय
यह पाठ प्रकृति और विज्ञान के अद्भुत समन्वय को दर्शाता है। लेखक जगदीशचंद्र बसु ने वृक्षों के जीवन चक्र, उनके व्यवहार, आहार प्रणाली और पर्यावरण के प्रति उनके योगदान को संवेदनशील और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रस्तुत किया है।
मुख्य विषयवस्तु
1. बीज से अंकुर तक की यात्रा
- बीज मिट्टी में पड़ा रहता है और अनुकूल मौसम का इंतज़ार करता है।
- वसंत आने पर मिट्टी से अंकुर फूटता है, जिसका एक भाग नीचे जाकर जड़ बनता है और दूसरा भाग ऊपर उठकर तना बनता है।
- पेड़ को उलटा करके भी देखा गया कि जड़ फिर भी नीचे की ओर जाती है और तना ऊपर की ओर बढ़ता है। यह दर्शाता है कि जड़ और तने की दिशा निश्चित होती है।
2. पौधों का भोजन ग्रहण करना
- पेड़-पौधे दांतों के बिना भी मिट्टी से तरल और गैसीय आहार ग्रहण करते हैं।
- जड़ें मिट्टी से जल और पोषक तत्वों को अवशोषित करती हैं।
- पत्तियाँ वायु से अवयव (जैसे कार्बन डाईऑक्साइड) को ग्रहण कर भोजन बनाती हैं।
- सूक्ष्मदर्शी से यह देखा जा सकता है कि पेड़ की जड़ों और तनों में हजारों नलिकाएं होती हैं जो रस के संचार में सहायक होती हैं।
3. पत्तियों और प्रकाश का संबंध
- पत्तियों में सूक्ष्म छिद्र होते हैं जिनसे गैसों का आदान-प्रदान होता है।
- सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में पत्तियाँ हानिकारक गैस (जैसे कार्बन डाईऑक्साइड) को भोजन में परिवर्तित कर लेती हैं।
- पौधों को प्रकाश की अत्यधिक आवश्यकता होती है। वे स्वयं को इस प्रकार झुका लेते हैं जिससे अधिकतम प्रकाश मिल सके।
4. सूर्य ऊर्जा और जीवन
- सूर्य का प्रकाश ही जीवन का आधार है। पेड़-पौधे सूर्य की किरणों को अपने शरीर में समाहित करते हैं।
- पौधों द्वारा सूर्य की ऊर्जा को भोजन में बदलना ही जीवन के अन्य रूपों के लिए भी उपयोगी बनता है — जैसे मनुष्य और जानवर।
5. फूल, परागण और बीज निर्माण
- वृक्ष अपनी संतान के लिए बीज छोड़ते हैं।
- फूल बीज की रक्षा के लिए बनते हैं और बहुत सुंदर लगते हैं।
- फूलों में परागकण होते हैं जिन्हें मधुमक्खियाँ और तितलियाँ एक फूल से दूसरे फूल में स्थानांतरित करती हैं।
- परागण की प्रक्रिया के बिना बीज नहीं बन सकता।
6. वृक्ष का बलिदान और अंत
- वृक्ष अपने जीवन का सार बीज को देने में लगा देते हैं।
- जब वृक्ष कमजोर हो जाता है, तो वह हवा का झोंका भी सहन नहीं कर पाता।
- अंत में वह ज़मीन पर गिरकर समाप्त हो जाता है — लेकिन अपने पीछे बीज रूपी संतान छोड़ जाता है।
लेखक परिचय
जगदीशचंद्र बसु (1858–1937): प्रसिद्ध वैज्ञानिक, जिन्होंने यह सिद्ध किया कि पौधे भी चेतन होते हैं। उन्होंने वनस्पति विज्ञान, भौतिकी, और विज्ञान साहित्य में योगदान दिया। रेडियो तरंगों से संचार की खोज करने वाले वे पहले वैज्ञानिकों में से एक थे।
नए शब्द और सरल व्याख्या
शब्द | अर्थ (सरल हिंदी में) |
---|---|
अंकुर | बीज से निकलने वाला छोटा नया पौधा |
अगंारक वायु | साँस छोड़ते समय निकलने वाली हवा (CO₂) |
आबद्ध | जुड़ा हुआ या बँधा हुआ |
प्रकाश संश्लेषण | पत्तियों द्वारा प्रकाश की मदद से भोजन बनाना |
परागकण | फूल के अंदर मौजूद छोटे-छोटे कण जिनसे बीज बनते हैं |
संवर्धन | बढ़ोतरी या विकास |
संवेदनशीलता | महसूस करने की क्षमता |
सूक्ष्मदर्शी | बहुत छोटे चीजें देखने का यंत्र |
जड़ | पौधे का वह भाग जो मिट्टी के नीचे होता है और पोषण लेता है |
तना | पौधे का ऊपरी भाग जिससे शाखाएँ और पत्तियाँ निकलती हैं |
अभ्यास प्रश्न
आसान (Easy)
-
बीज से कौन-कौन से दो भाग निकलते हैं?
- उत्तर: जड़ और तना
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पत्तियाँ किस वायु को ग्रहण करती हैं?
- उत्तर: अगंारक वायु (कार्बन डाईऑक्साइड)
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फूलों में कौन-कौन आते हैं?
- उत्तर: मधुमक्खियाँ और तितलियाँ
मध्यम (Medium)
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पौधों को सूर्य के प्रकाश की आवश्यकता क्यों होती है?
- उत्तर: भोजन बनाने के लिए
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पेड़ के जीवन के अंत में क्या होता है?
- उत्तर: वह अपनी संतान (बीज) को देकर सुख जाता है और गिर पड़ता है।
कठिन (Difficult)
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पेड़ मिट्टी से भोजन कैसे ग्रहण करते हैं?
- उत्तर: जड़ों के द्वारा मिट्टी से जल और पोषक तत्व लेकर
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मधुमक्खियाँ और तितलियाँ पेड़ की क्या मदद करती हैं?
- उत्तर: परागकणों को एक फूल से दूसरे फूल तक ले जाकर परागण में मदद करती हैं।
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लेखक ने पेड़ को कौन-सी विशेष भावना से जोड़ा है?
- उत्तर: संवेदना और बलिदान की भावना से
अत्यंत कठिन (Very Difficult)
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पेड़ द्वारा वातावरण की शुद्धि कैसे होती है?
- उत्तर: वे अगंारक वायु (CO₂) को ग्रहण करके भोजन बनाते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं।
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लेखक ने पेड़ के किस गुण की तुलना ‘पारस पत्थर’ से की है?
- उत्तर: मिट्टी और हानिकारक गैसों को सुंदर फूलों में बदलने की शक्ति से