Chapter 5: संख्यागणनया ननु सरलय
Chapter Summary
संख्यागणनया ननु सरलय - Chapter Summary
## अवलोकन (Overview)
इस पाठ में छात्र संस्कृत भाषा में संख्याओं को पढ़ते हैं, उन्हें गाते हैं, उनकी गिनती करना सीखते हैं और उनकी उपयोगिता का अध्ययन करते हैं। पाठ में श्लोक, प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणाली और अभ्यास प्रश्नों के माध्यम से संख्याओं की समझ को गहराई से प्रस्तुत किया गया है।
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## मुख्य विषयवस्तु (Key Topics Covered)
### 1. छात्रसंवाद (Student Conversation)
- बातचीत के माध्यम से छात्रों को यह सिखाया गया है कि उन्हें संस्कृत में गिनती नहीं आती और उन्हें इसे सीखना चाहिए।
- एक छात्र संख्याओं का सुंदर गीत गाता है, जिसे बाकी छात्र दोहराते हैं।
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### 2. संख्याश्लोक (Sanskrit Number Verses)
- श्लोकों के माध्यम से संख्याओं का वर्णन:
- **सप्त** (7): सप्तर्षयः, सप्तवासराः (सप्ताह के दिन), सप्त सुरा इत्यादि
- **नव** (9): नवग्रहाः
- **दश** (10): दिशाएँ – पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, ईशान, नैऋत्य, वायव्य, आग्नेय, ऊर्ध्व, अधः
- अन्य श्लोकों में जीवन, सृष्टि और ब्रह्मा का वर्णन संख्याओं के माध्यम से किया गया है।
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### 3. दिशाएँ (Directions)
- संस्कृत में दस दिशाओं का अभ्यास:
- पूर्व (East), पश्चिम (West), उत्तर (North), दक्षिण (South), ईशान (North-East), नैऋत्य (South-West), वायव्य (North-West), आग्नेय (South-East), ऊर्ध्व (Up), अधः (Down)
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### 4. संख्याओं का अभ्यास (Counting in Sanskrit)
- **1 से 50 तक की संख्याएँ** संस्कृत में:
- जैसे:
- 1 – एकम्
- 10 – दश
- 21 – एकविंशतिः
- 50 – पञ्चाशत्
- ये संख्याएँ अभ्यास में बार-बार प्रयुक्त होती हैं।
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### 5. अर्थ तालिका (Meaning Table)
| संस्कृत शब्द | हिन्दी अर्थ | English Meaning |
|--------------|-------------|-----------------|
| जीवकुलिः | जीवों का समूह | Group of living beings |
| करकिले | कमल जैसे हाथ | Lotus-like hands |
| गणना | गिनती | Counting |
| सुरसेनानीः | देवताओं के सेनापति | Commander-in-chief of gods |
| पातयति | रक्षा करता है | Protects |
| उपकृतशीलाः | उपकार करने वाले | Helpful-natured |
| अलुबलाः | अत्यन्त बलवान | Extremely strong |
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### 6. अभ्यास प्रश्न (Practice Exercises)
#### प्रश्न-उत्तर आधारित अभ्यास:
- उदाहरण:
- काः एकाः अतः? – दिशा
- काः सरलाः अतः? – संख्यागणना
#### संख्याओं से संबंधित अनुच्छेद-निर्माण:
- वाक्य में उचित संख्याएँ भरनी हैं।
#### क्रम के अनुसार संख्या पहचान:
- नामों के साथ उपस्थित संख्या का मेल बैठाना।
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## अभ्यास गीत (Counting Song)
छात्रों को संख्याओं के गीत के माध्यम से अभ्यास कराया जाता है:
- एकम् द्वे, एकम् द्वे – पश्य कतिस्य यः हस्ते।
- त्रिणि चत्वारि – हस्ते पातं, पाते वारि।
- पंच षट् – जम्बीररसं योजय।
- सप्त अष्ट – लवणं गुडं च मिलय।
- नव दश – शनैः शनैः नृत्यय॥
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## नए शब्द और सरल परिभाषाएँ (New Words and Simple Definitions)
| शब्द (Sanskrit) | अंग्रेज़ी अर्थ (English) | सरल परिभाषा (Simple Definition) |
|------------------|----------------------------|----------------------------------|
| गणना | Counting | किसी चीज़ की संख्या जानना |
| दिशाः | Directions | किसी स्थान का ओर या दिशा |
| उपकृतशीलाः | Helpful-natured | जो मदद करता है |
| अलुबलाः | Very strong | अत्यधिक शक्ति वाला |
| सप्तर्षयः | Seven sages | सात महान ऋषि |
| नवग्रहाः | Nine planets | नव ग्रह – सूर्य, चंद्र आदि |
यहाँ अभ्यास प्रश्नों के उत्तर और उनका स्पष्टीकरण नीचे प्रस्तुत है:
## अभ्यास प्रश्नोत्तर (Practice Questions with Answers and Explanations)
### 🟢 सरल (Easy) – 3 प्रश्न
**1. प्रश्न:** काः एकाः अतः?
**उत्तर:** दिशा
**स्पष्टीकरण:** श्लोक में “एकाः सूनृता चन्द्रोऽप्येकाः” के आधार पर, 'दिशा' एक कहलाती है।
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**2. प्रश्न:** सप्त ऋषयाः कथं कह्यन्ते?
**उत्तर:** इति सप्तर्षयः – अत्रिः, वसिष्ठः, अङ्गिराः, पुलस्त्यः, पुलहः, क्रतु, मरीचिः
**स्पष्टीकरण:** श्लोक में सप्त ऋषियों का उल्लेख स्पष्ट रूप से हुआ है।
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**3. प्रश्न:** वयं संस्कृत भाषायाम् कतः पर्यन्तं संख्याः पठामः?
**उत्तर:** पञ्चाशत् पर्यन्तम् (1 से 50 तक)
**स्पष्टीकरण:** पाठ में 1 से 50 तक की गिनती दी गई है।
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### 🟡 मध्यम (Medium) – 2 प्रश्न
**4. प्रश्न:** 'तद्वचनि' इत्येतत् कथं त्रैणी संख्यया सम्बद्धं अस्ति?
**उत्तर:** ‘तीणि वचनानि’ – एकवचन, द्विवचन, बहुवचन।
**स्पष्टीकरण:** शब्द “त्रिणि” यहाँ वचनसंख्या के लिए प्रयुक्त है।
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**5. प्रश्न:** अत्र नवग्रहाः के के सन्ति?
**उत्तर:** सूर्यः, चन्द्रः, मङ्गलः, बुधः, गुरु, शुक्रः, शनि, राहु, केतु
**स्पष्टीकरण:** पाठ में नवग्रहों के नाम स्पष्ट रूप से वर्णित हैं।
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### 🔴 कठिन (Difficult) – 3 प्रश्न
**6. प्रश्न:** सप्तवरणानां नामानि कीदृशं रसानां सूचयन्ति?
**उत्तर:** मधुर, अम्ल, लवण, कटु, तिक्त, कषाय – एते षड्रसाः।
**स्पष्टीकरण:** पाठ में “षड्रसाः” शब्द के साथ ये छह रस वर्णित हैं।
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**7. प्रश्न:** दश दिशाः नामानि लिखत।
**उत्तर:** पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, ईशान, नैऋत्य, वायव्य, आग्नेय, ऊर्ध्व, अधः
**स्पष्टीकरण:** पाठ में संपूर्ण दिशाओं का वर्णन दिया गया है।
---
**8. प्रश्न:** ‘सङ्ख्यागणना ननु सरलया’ इति शीर्षकस्य अर्थः किम्?
**उत्तर:** संख्याओं की गिनती सचमुच सरल है।
**स्पष्टीकरण:** यह वाक्य विद्यार्थियों को संख्या सीखने के लिए प्रेरित करता है।
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### ⚫ अति कठिन (Very Difficult) – 2 प्रश्न
**9. प्रश्न:** एकविंशतिः शब्दस्य व्युत्पत्तिम् स्पष्टतया वर्णयत।
**उत्तर:** एक + विंशतिः = 1 + 20 = 21
**स्पष्टीकरण:** यह संस्कृत में संख्या बनाने का तरीका है – संयोजन के माध्यम से।
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**10. प्रश्न:** 'करकिले' इत्यस्य अर्थः कमलहस्ते कथं योजनीयः?
**उत्तर:** “करकिले” का अर्थ होता है – हाथों में कमल के समान आकृति।
**स्पष्टीकरण:** यह विशेषण शैली संस्कृत में सौंदर्यवर्णन हेतु प्रयुक्त होती है।
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संख्यागणनया ननु सरलया
अवलोकन (Overview)
इस पाठ में छात्र संस्कृत भाषा में संख्याओं को पढ़ते हैं, उन्हें गाते हैं, उनकी गिनती करना सीखते हैं और उनकी उपयोगिता का अध्ययन करते हैं। पाठ में श्लोक, प्राचीन भारतीय ज्ञान प्रणाली और अभ्यास प्रश्नों के माध्यम से संख्याओं की समझ को गहराई से प्रस्तुत किया गया है।
मुख्य विषयवस्तु (Key Topics Covered)
1. छात्रसंवाद (Student Conversation)
- बातचीत के माध्यम से छात्रों को यह सिखाया गया है कि उन्हें संस्कृत में गिनती नहीं आती और उन्हें इसे सीखना चाहिए।
- एक छात्र संख्याओं का सुंदर गीत गाता है, जिसे बाकी छात्र दोहराते हैं।
2. संख्याश्लोक (Sanskrit Number Verses)
- श्लोकों के माध्यम से संख्याओं का वर्णन:
- सप्त (7): सप्तर्षयः, सप्तवासराः (सप्ताह के दिन), सप्त सुरा इत्यादि
- नव (9): नवग्रहाः
- दश (10): दिशाएँ – पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, ईशान, नैऋत्य, वायव्य, आग्नेय, ऊर्ध्व, अधः
- अन्य श्लोकों में जीवन, सृष्टि और ब्रह्मा का वर्णन संख्याओं के माध्यम से किया गया है।
3. दिशाएँ (Directions)
- संस्कृत में दस दिशाओं का अभ्यास:
- पूर्व (East), पश्चिम (West), उत्तर (North), दक्षिण (South), ईशान (North-East), नैऋत्य (South-West), वायव्य (North-West), आग्नेय (South-East), ऊर्ध्व (Up), अधः (Down)
4. संख्याओं का अभ्यास (Counting in Sanskrit)
- 1 से 50 तक की संख्याएँ संस्कृत में:
- जैसे:
- 1 – एकम्
- 10 – दश
- 21 – एकविंशतिः
- 50 – पञ्चाशत्
- जैसे:
- ये संख्याएँ अभ्यास में बार-बार प्रयुक्त होती हैं।
5. अर्थ तालिका (Meaning Table)
संस्कृत शब्द | हिन्दी अर्थ | English Meaning |
---|---|---|
जीवकुलिः | जीवों का समूह | Group of living beings |
करकिले | कमल जैसे हाथ | Lotus-like hands |
गणना | गिनती | Counting |
सुरसेनानीः | देवताओं के सेनापति | Commander-in-chief of gods |
पातयति | रक्षा करता है | Protects |
उपकृतशीलाः | उपकार करने वाले | Helpful-natured |
अलुबलाः | अत्यन्त बलवान | Extremely strong |
6. अभ्यास प्रश्न (Practice Exercises)
प्रश्न-उत्तर आधारित अभ्यास:
- उदाहरण:
- काः एकाः अतः? – दिशा
- काः सरलाः अतः? – संख्यागणना
संख्याओं से संबंधित अनुच्छेद-निर्माण:
- वाक्य में उचित संख्याएँ भरनी हैं।
क्रम के अनुसार संख्या पहचान:
- नामों के साथ उपस्थित संख्या का मेल बैठाना।
अभ्यास गीत (Counting Song)
छात्रों को संख्याओं के गीत के माध्यम से अभ्यास कराया जाता है:
- एकम् द्वे, एकम् द्वे – पश्य कतिस्य यः हस्ते।
- त्रिणि चत्वारि – हस्ते पातं, पाते वारि।
- पंच षट् – जम्बीररसं योजय।
- सप्त अष्ट – लवणं गुडं च मिलय।
- नव दश – शनैः शनैः नृत्यय॥
नए शब्द और सरल परिभाषाएँ (New Words and Simple Definitions)
शब्द (Sanskrit) | अंग्रेज़ी अर्थ (English) | सरल परिभाषा (Simple Definition) |
---|---|---|
गणना | Counting | किसी चीज़ की संख्या जानना |
दिशाः | Directions | किसी स्थान का ओर या दिशा |
उपकृतशीलाः | Helpful-natured | जो मदद करता है |
अलुबलाः | Very strong | अत्यधिक शक्ति वाला |
सप्तर्षयः | Seven sages | सात महान ऋषि |
नवग्रहाः | Nine planets | नव ग्रह – सूर्य, चंद्र आदि |
यहाँ अभ्यास प्रश्नों के उत्तर और उनका स्पष्टीकरण नीचे प्रस्तुत है:
अभ्यास प्रश्नोत्तर (Practice Questions with Answers and Explanations)
🟢 सरल (Easy) – 3 प्रश्न
1. प्रश्न: काः एकाः अतः? उत्तर: दिशा स्पष्टीकरण: श्लोक में “एकाः सूनृता चन्द्रोऽप्येकाः” के आधार पर, 'दिशा' एक कहलाती है।
2. प्रश्न: सप्त ऋषयाः कथं कह्यन्ते? उत्तर: इति सप्तर्षयः – अत्रिः, वसिष्ठः, अङ्गिराः, पुलस्त्यः, पुलहः, क्रतु, मरीचिः स्पष्टीकरण: श्लोक में सप्त ऋषियों का उल्लेख स्पष्ट रूप से हुआ है।
3. प्रश्न: वयं संस्कृत भाषायाम् कतः पर्यन्तं संख्याः पठामः? उत्तर: पञ्चाशत् पर्यन्तम् (1 से 50 तक) स्पष्टीकरण: पाठ में 1 से 50 तक की गिनती दी गई है।
🟡 मध्यम (Medium) – 2 प्रश्न
4. प्रश्न: 'तद्वचनि' इत्येतत् कथं त्रैणी संख्यया सम्बद्धं अस्ति? उत्तर: ‘तीणि वचनानि’ – एकवचन, द्विवचन, बहुवचन। स्पष्टीकरण: शब्द “त्रिणि” यहाँ वचनसंख्या के लिए प्रयुक्त है।
5. प्रश्न: अत्र नवग्रहाः के के सन्ति? उत्तर: सूर्यः, चन्द्रः, मङ्गलः, बुधः, गुरु, शुक्रः, शनि, राहु, केतु स्पष्टीकरण: पाठ में नवग्रहों के नाम स्पष्ट रूप से वर्णित हैं।
🔴 कठिन (Difficult) – 3 प्रश्न
6. प्रश्न: सप्तवरणानां नामानि कीदृशं रसानां सूचयन्ति? उत्तर: मधुर, अम्ल, लवण, कटु, तिक्त, कषाय – एते षड्रसाः। स्पष्टीकरण: पाठ में “षड्रसाः” शब्द के साथ ये छह रस वर्णित हैं।
7. प्रश्न: दश दिशाः नामानि लिखत। उत्तर: पूर्व, पश्चिम, उत्तर, दक्षिण, ईशान, नैऋत्य, वायव्य, आग्नेय, ऊर्ध्व, अधः स्पष्टीकरण: पाठ में संपूर्ण दिशाओं का वर्णन दिया गया है।
8. प्रश्न: ‘सङ्ख्यागणना ननु सरलया’ इति शीर्षकस्य अर्थः किम्? उत्तर: संख्याओं की गिनती सचमुच सरल है। स्पष्टीकरण: यह वाक्य विद्यार्थियों को संख्या सीखने के लिए प्रेरित करता है।
⚫ अति कठिन (Very Difficult) – 2 प्रश्न
9. प्रश्न: एकविंशतिः शब्दस्य व्युत्पत्तिम् स्पष्टतया वर्णयत। उत्तर: एक + विंशतिः = 1 + 20 = 21 स्पष्टीकरण: यह संस्कृत में संख्या बनाने का तरीका है – संयोजन के माध्यम से।
10. प्रश्न: 'करकिले' इत्यस्य अर्थः कमलहस्ते कथं योजनीयः? उत्तर: “करकिले” का अर्थ होता है – हाथों में कमल के समान आकृति। स्पष्टीकरण: यह विशेषण शैली संस्कृत में सौंदर्यवर्णन हेतु प्रयुक्त होती है।