Chapter 9: अतिथिदेवो भव
Chapter Summary
अतिथिदेवो भव - Chapter Summary
## Overview
इस पाठ में 'अतिथिदेवो भव' — "अतिथि भगवान के समान है" — की भावना को रोचक कथा के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। माजाभरी नामक एक दादी अपने घर आने वाले अतिथियों (बिल्ली के बच्चों) का आत्मीय स्वागत करती है। यह पाठ भारतीय संस्कृति में अतिथि-सत्कार के महत्व को उजागर करता है।
## Key Topics Covered
### 1. कथावस्तु (Story Summary)
- एक दिन रात्रि के समय माजाभरी के घर में कुछ अतिथि आते हैं — चार बिल्ली के बच्चे (तन्वी, मृदु, शबल, भीम)।
- ये सब नये और सुंदर हैं — तन्वी सुंदर, मृदु कोमल, शबल चित्ताकर्षक और भीम भारी-भरकम।
- माजाभरी उन्हें पहचान लेती है, उन्हें दूध देती है, उनके साथ स्नेहपूर्वक व्यवहार करती है।
- रात में जब वे बच्चे लौटते हैं तो माजाभरी कहती है — "अतिथिदेवो भव।"
- वह सभी बच्चों को यह सिखाती है कि अतिथियों का सत्कार करना चाहिए।
### 2. सांस्कृतिक महत्व
- उपनिषदों में कहा गया है — "अतिथिदेवो भव"।
- अतिथि सेवा को ‘पञ्चमहायज्ञ’ में शामिल किया गया है।
- यह भारतीय समाज में अतिथि को देवता मानने की परंपरा को दर्शाता है।
### 3. शब्दार्थ (New Words and Their Meanings)
| संस्कृत शब्द | हिन्दी अर्थ | English Meaning |
|--------------|-------------|-----------------|
| अतिथि | मेहमान | Guest |
| मृदु | कोमल | Soft |
| शबल | चित्ताकर्षक | Attractive |
| तन्वी | पतली-सुंदर | Slender-Beautiful |
| भीम | विशालकाय | Huge |
| गृहम् | घर | House |
| छदाः | छत | Roof |
| मनदं मनदम् | धीरे-धीरे | Slowly |
| पकृष्ठतः | पीछे से | From behind |
| शावकाः | बच्चे (बिल्ली के) | Kittens |
### 4. व्याकरणिक अंश (Grammar Focus)
#### अव्यय शब्द 'अत्र'
- 'अत्र' जैसे अव्यय शब्दों का प्रयोग वाक्य में समान रूप में होता है।
- इनका रूप वचन, लिंग, कारक आदि के अनुसार नहीं बदलता।
- उदाहरण:
- अत्र बालकः अस्ति।
- अत्र बालिकाः सन्ति।
#### अभ्यास – अव्ययपदानि (Exercise on Indeclinables)
- पाठ में प्रयोग किए गए अव्यय शब्द: अतः, अत्र, उपरि, अनतः, बहिः, समीपे
### 5. अभ्यास प्रश्नावली (Practice Exercises)
#### सरल प्रश्न (Easy)
1. रात्री समय माजाभरी क्या करती है?
**उत्तर:** वह अतिथि रूप में आये शावकों को दूध देती है।
2. 'अतिथिदेवो भव' का क्या अर्थ है?
**उत्तर:** अतिथि देवता के समान होता है।
3. माजाभरी ने बिल्ली के बच्चों को क्या नाम दिए?
**उत्तर:** तन्वी, मृदु, शबल, भीम।
#### मध्यम प्रश्न (Medium)
4. माजाभरी अतिथियों के स्वागत में क्या विशेष करती है?
**उत्तर:** वह उन्हें पहचानती है, उन्हें दूध देती है और स्नेहपूर्वक व्यवहार करती है।
5. 'अतिथिदेवो भव' उपनिषदों में क्यों कहा गया है?
**उत्तर:** यह दिखाने के लिए कि अतिथि का सम्मान करना भारतीय संस्कृति का एक आवश्यक हिस्सा है।
#### कठिन प्रश्न (Difficult)
6. माजाभरी की कहानी से हमें कौन-कौन से संस्कार सीखने को मिलते हैं?
**उत्तर:** अतिथि-सत्कार, संवेदनशीलता, सेवा-भावना, विनम्रता।
7. पाठ में आये शावकों के गुणों का वर्णन करें।
**उत्तर:** तन्वी सुंदर थी, मृदु कोमल थी, शबल चित्ताकर्षक था और भीम विशालकाय था।
8. माजाभरी का व्यवहार पाठ में क्या दर्शाता है?
**उत्तर:** उसका व्यवहार स्नेह, सेवा और अतिथि-सत्कार की भावना को दर्शाता है।
#### अत्यंत कठिन प्रश्न (Very Difficult)
9. 'अतिथिदेवो भव' की अवधारणा का वर्तमान जीवन में क्या महत्व है?
**उत्तर:** आज के व्यस्त जीवन में भी यदि हम अतिथियों का स्वागत सम्मानपूर्वक करें, तो सामाजिक संबंध सुदृढ़ होते हैं और यह हमारी सांस्कृतिक जड़ों को मजबूत करता है।
10. माजाभरी का रात में जागकर अतिथियों का ध्यान रखना पाठ की कौन-सी भावना को उजागर करता है?
**उत्तर:** यह समर्पण, संवेदनशीलता और सेवा भावना को दर्शाता है।
---
## सरल शब्दावली (Glossary)
| शब्द (Sanskrit) | अर्थ (English Meaning) |
|------------------|------------------------|
| अतिथिः | Guest |
| शावकः | Kitten |
| रातिः | Night |
| पकृष्ठतः | From behind |
| छदाः | Roof |
| स्नेहः | Affection |
| आदरः | Respect |
| सत्कारः | Hospitality |
---
अतिथिदेवो भव
Overview
इस पाठ में 'अतिथिदेवो भव' — "अतिथि भगवान के समान है" — की भावना को रोचक कथा के माध्यम से प्रस्तुत किया गया है। माजाभरी नामक एक दादी अपने घर आने वाले अतिथियों (बिल्ली के बच्चों) का आत्मीय स्वागत करती है। यह पाठ भारतीय संस्कृति में अतिथि-सत्कार के महत्व को उजागर करता है।
Key Topics Covered
1. कथावस्तु (Story Summary)
- एक दिन रात्रि के समय माजाभरी के घर में कुछ अतिथि आते हैं — चार बिल्ली के बच्चे (तन्वी, मृदु, शबल, भीम)।
- ये सब नये और सुंदर हैं — तन्वी सुंदर, मृदु कोमल, शबल चित्ताकर्षक और भीम भारी-भरकम।
- माजाभरी उन्हें पहचान लेती है, उन्हें दूध देती है, उनके साथ स्नेहपूर्वक व्यवहार करती है।
- रात में जब वे बच्चे लौटते हैं तो माजाभरी कहती है — "अतिथिदेवो भव।"
- वह सभी बच्चों को यह सिखाती है कि अतिथियों का सत्कार करना चाहिए।
2. सांस्कृतिक महत्व
- उपनिषदों में कहा गया है — "अतिथिदेवो भव"।
- अतिथि सेवा को ‘पञ्चमहायज्ञ’ में शामिल किया गया है।
- यह भारतीय समाज में अतिथि को देवता मानने की परंपरा को दर्शाता है।
3. शब्दार्थ (New Words and Their Meanings)
संस्कृत शब्द | हिन्दी अर्थ | English Meaning |
---|---|---|
अतिथि | मेहमान | Guest |
मृदु | कोमल | Soft |
शबल | चित्ताकर्षक | Attractive |
तन्वी | पतली-सुंदर | Slender-Beautiful |
भीम | विशालकाय | Huge |
गृहम् | घर | House |
छदाः | छत | Roof |
मनदं मनदम् | धीरे-धीरे | Slowly |
पकृष्ठतः | पीछे से | From behind |
शावकाः | बच्चे (बिल्ली के) | Kittens |
4. व्याकरणिक अंश (Grammar Focus)
अव्यय शब्द 'अत्र'
- 'अत्र' जैसे अव्यय शब्दों का प्रयोग वाक्य में समान रूप में होता है।
- इनका रूप वचन, लिंग, कारक आदि के अनुसार नहीं बदलता।
- उदाहरण:
- अत्र बालकः अस्ति।
- अत्र बालिकाः सन्ति।
अभ्यास – अव्ययपदानि (Exercise on Indeclinables)
- पाठ में प्रयोग किए गए अव्यय शब्द: अतः, अत्र, उपरि, अनतः, बहिः, समीपे
5. अभ्यास प्रश्नावली (Practice Exercises)
सरल प्रश्न (Easy)
-
रात्री समय माजाभरी क्या करती है?
उत्तर: वह अतिथि रूप में आये शावकों को दूध देती है। -
'अतिथिदेवो भव' का क्या अर्थ है?
उत्तर: अतिथि देवता के समान होता है। -
माजाभरी ने बिल्ली के बच्चों को क्या नाम दिए?
उत्तर: तन्वी, मृदु, शबल, भीम।
मध्यम प्रश्न (Medium)
-
माजाभरी अतिथियों के स्वागत में क्या विशेष करती है?
उत्तर: वह उन्हें पहचानती है, उन्हें दूध देती है और स्नेहपूर्वक व्यवहार करती है। -
'अतिथिदेवो भव' उपनिषदों में क्यों कहा गया है?
उत्तर: यह दिखाने के लिए कि अतिथि का सम्मान करना भारतीय संस्कृति का एक आवश्यक हिस्सा है।
कठिन प्रश्न (Difficult)
-
माजाभरी की कहानी से हमें कौन-कौन से संस्कार सीखने को मिलते हैं?
उत्तर: अतिथि-सत्कार, संवेदनशीलता, सेवा-भावना, विनम्रता। -
पाठ में आये शावकों के गुणों का वर्णन करें।
उत्तर: तन्वी सुंदर थी, मृदु कोमल थी, शबल चित्ताकर्षक था और भीम विशालकाय था। -
माजाभरी का व्यवहार पाठ में क्या दर्शाता है?
उत्तर: उसका व्यवहार स्नेह, सेवा और अतिथि-सत्कार की भावना को दर्शाता है।
अत्यंत कठिन प्रश्न (Very Difficult)
-
'अतिथिदेवो भव' की अवधारणा का वर्तमान जीवन में क्या महत्व है?
उत्तर: आज के व्यस्त जीवन में भी यदि हम अतिथियों का स्वागत सम्मानपूर्वक करें, तो सामाजिक संबंध सुदृढ़ होते हैं और यह हमारी सांस्कृतिक जड़ों को मजबूत करता है। -
माजाभरी का रात में जागकर अतिथियों का ध्यान रखना पाठ की कौन-सी भावना को उजागर करता है?
उत्तर: यह समर्पण, संवेदनशीलता और सेवा भावना को दर्शाता है।
सरल शब्दावली (Glossary)
शब्द (Sanskrit) | अर्थ (English Meaning) |
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अतिथिः | Guest |
शावकः | Kitten |
रातिः | Night |
पकृष्ठतः | From behind |
छदाः | Roof |
स्नेहः | Affection |
आदरः | Respect |
सत्कारः | Hospitality |