Chapter 2: तीन बुद्धिमान
Chapter Summary
तीन बुद्धिमान - Chapter Summary
## कहानी का आरंभ
एक समय की बात है कि एक निर्धन व्यक्ति के तीन बेटे थे। उनके पास न तो रुपया-पैसा था और न ही सोना-चांदी। पिता अपने बेटों को समझाते हुए कहता था कि उन्हें दूसरे प्रकार का धन संचित करना चाहिए - हर वस्तु और स्थिति को पूर्णत: समझने और जानने का प्रयास करना चाहिए।
**पिता की सीख**: "रुपये-पैसे के स्थान पर तुम्हारे पास पैनी दृष्टि होगी और सोने-चांदी के स्थान पर तीव्र बुद्धि होगी। ऐसा धन संचित कर लेने पर तुम्हें कभी किसी प्रकार की कमी न रहेगी।"
## यात्रा की शुरुआत
समय बीतने के साथ पिता का देहांत हो गया। तीनों भाइयों ने आपस में सलाह-मशविरा किया और घूम-फिरकर जगत देखने का निर्णय लिया। वे यह कहते हुए निकले कि आवश्यकता होने पर वे चरवाहों या खेत में श्रमिकों का काम कर लेंगे।
**यात्रा की कठिनाइयां**:
- लगातार चालीस दिनों तक चलते रहे
- भोजन समाप्त हो गया
- पैरों में छाले पड़ गए
- अंत में एक बड़े नगर के पास पहुंचे
## ऊंट की गुमशुदगी
जब तीनों भाई नगर के निकट पहुंचे, तो उन्होंने धरती पर निशानों को देखकर बताया:
- **सबसे बड़ा भाई**: "यहां से एक बहुत बड़ा ऊंट गया है"
- **मझला भाई**: "वह एक आंख से नहीं देख पाता"
- **सबसे छोटा भाई**: "ऊंट पर एक महिला और एक बच्चा सवार थे"
## घुड़सवार से भेंट
तभी एक घुड़सवार मिला जो अपना खोया हुआ ऊंट ढूंढ रहा था। जब भाइयों ने उसके ऊंट के बारे में सही-सही बताया, तो वह शक से भर गया और उन्हें चोर समझने लगा।
**घुड़सवार की शिकायत**:
- ऊंट के साथ उसकी पत्नी और बच्चा भी था
- उसे लगा कि भाइयों ने उसका ऊंट चुराया है
- वह भाइयों को राजा के पास ले गया
## राजा के समक्ष
राजा ने पहले भाइयों को चोर समझा और उन्हें सज़ा देने का विचार किया। लेकिन भाइयों ने विनम्रता से कहा कि उन्होंने ऊंट को देखा तक नहीं है।
**राजा की परीक्षा**:
राजा ने भाइयों की बुद्धि की परीक्षा लेने के लिए एक पेटी मंगवाई। तीनों भाइयों ने बिना देखे ही बताया:
- **सबसे बड़ा भाई**: "पेटी में कोई छोटी-सी गोल वस्तु है"
- **मझला भाई**: "उसमें अनार है"
- **सबसे छोटा भाई**: "वह अनार कच्चा है"
## बुद्धि का प्रमाण
जब राजा ने पेटी खोली तो वास्तव में उसमें कच्चा अनार था। राजा आश्चर्यचकित रह गया।
**भाइयों ने अपनी बुद्धि का रहस्य बताया**:
### ऊंट के बारे में कैसे जाना:
- **बड़ा भाई**: धूल पर पैरों के निशानों से पता चला कि बड़ा ऊंट गया है
- **मझला भाई**: सड़क के दाएं ओर घास चरी थी लेकिन बाएं ओर नहीं, इससे पता चला कि वह एक आंख से नहीं देख पाता
- **छोटा भाई**: घुटने टेकने के निशान, महिला के जूतों के निशान और छोटे पैरों के निशान देखे
### पेटी के बारे में कैसे जाना:
- **बड़ा भाई**: पेटी हल्की थी और उसमें कुछ लुढ़कने की आवाज़ आई
- **मझला भाई**: पेटी उद्यान से आई थी जहां अनार के पेड़ थे
- **छोटा भाई**: उस समय उद्यान में सभी अनार कच्चे थे
## न्याय और सम्मान
राजा को भाइयों की बुद्धि और ईमानदारी का प्रमाण मिल गया। उसने:
- ऊंट के स्वामी को सही दिशा में खोजने भेजा
- भाइयों को निर्दोष घोषित किया
- उनकी असाधारण बुद्धि की प्रशंसा की
- उन्हें अपने दरबार में रख लिया
## कहानी का संदेश
यह लोककथा कई महत्वपूर्ण बातें सिखाती है:
- **अवलोकन की शक्ति**: हर छोटी-बड़ी चीज़ पर ध्यान देना
- **बुद्धि का महत्व**: धन से कहीं अधिक मूल्यवान है बुद्धि
- **सत्य की विजय**: सच्चाई हमेशा जीतती है
- **न्याय**: बिना सही जांच के किसी को दोषी नहीं ठहराना चाहिए
---
## नए शब्दों की सूची
| शब्द | अर्थ |
|------|------|
| निर्धन | Poor, without money |
| संचित | Collected, accumulated |
| पैनी दृष्टि | Sharp observation |
| तीव्र बुद्धि | Sharp intelligence |
| चरवाहा | Shepherd |
| सन्सान | Deserted, lonely |
| वीरान | Desolate |
| घाटी | Valley |
| चूर | Exhausted |
| छाले | Blisters |
| घुड़सवार | Horse rider |
| शंका | Doubt, suspicion |
| आश्चर्य | Wonder, amazement |
| निरीक्षण | Observation |
| दरबार | Royal court |
| अनुमान | Guess, estimation |
| परीक्षा | Test, examination |
| निर्दोष | Innocent |
| असाधारण | Extraordinary |
| प्रशंसा | Praise |
तीन बुद्धिमान
कहानी का आरंभ
एक समय की बात है कि एक निर्धन व्यक्ति के तीन बेटे थे। उनके पास न तो रुपया-पैसा था और न ही सोना-चांदी। पिता अपने बेटों को समझाते हुए कहता था कि उन्हें दूसरे प्रकार का धन संचित करना चाहिए - हर वस्तु और स्थिति को पूर्णत: समझने और जानने का प्रयास करना चाहिए।
पिता की सीख: "रुपये-पैसे के स्थान पर तुम्हारे पास पैनी दृष्टि होगी और सोने-चांदी के स्थान पर तीव्र बुद्धि होगी। ऐसा धन संचित कर लेने पर तुम्हें कभी किसी प्रकार की कमी न रहेगी।"
यात्रा की शुरुआत
समय बीतने के साथ पिता का देहांत हो गया। तीनों भाइयों ने आपस में सलाह-मशविरा किया और घूम-फिरकर जगत देखने का निर्णय लिया। वे यह कहते हुए निकले कि आवश्यकता होने पर वे चरवाहों या खेत में श्रमिकों का काम कर लेंगे।
यात्रा की कठिनाइयां:
- लगातार चालीस दिनों तक चलते रहे
- भोजन समाप्त हो गया
- पैरों में छाले पड़ गए
- अंत में एक बड़े नगर के पास पहुंचे
ऊंट की गुमशुदगी
जब तीनों भाई नगर के निकट पहुंचे, तो उन्होंने धरती पर निशानों को देखकर बताया:
- सबसे बड़ा भाई: "यहां से एक बहुत बड़ा ऊंट गया है"
- मझला भाई: "वह एक आंख से नहीं देख पाता"
- सबसे छोटा भाई: "ऊंट पर एक महिला और एक बच्चा सवार थे"
घुड़सवार से भेंट
तभी एक घुड़सवार मिला जो अपना खोया हुआ ऊंट ढूंढ रहा था। जब भाइयों ने उसके ऊंट के बारे में सही-सही बताया, तो वह शक से भर गया और उन्हें चोर समझने लगा।
घुड़सवार की शिकायत:
- ऊंट के साथ उसकी पत्नी और बच्चा भी था
- उसे लगा कि भाइयों ने उसका ऊंट चुराया है
- वह भाइयों को राजा के पास ले गया
राजा के समक्ष
राजा ने पहले भाइयों को चोर समझा और उन्हें सज़ा देने का विचार किया। लेकिन भाइयों ने विनम्रता से कहा कि उन्होंने ऊंट को देखा तक नहीं है।
राजा की परीक्षा: राजा ने भाइयों की बुद्धि की परीक्षा लेने के लिए एक पेटी मंगवाई। तीनों भाइयों ने बिना देखे ही बताया:
- सबसे बड़ा भाई: "पेटी में कोई छोटी-सी गोल वस्तु है"
- मझला भाई: "उसमें अनार है"
- सबसे छोटा भाई: "वह अनार कच्चा है"
बुद्धि का प्रमाण
जब राजा ने पेटी खोली तो वास्तव में उसमें कच्चा अनार था। राजा आश्चर्यचकित रह गया।
भाइयों ने अपनी बुद्धि का रहस्य बताया:
ऊंट के बारे में कैसे जाना:
- बड़ा भाई: धूल पर पैरों के निशानों से पता चला कि बड़ा ऊंट गया है
- मझला भाई: सड़क के दाएं ओर घास चरी थी लेकिन बाएं ओर नहीं, इससे पता चला कि वह एक आंख से नहीं देख पाता
- छोटा भाई: घुटने टेकने के निशान, महिला के जूतों के निशान और छोटे पैरों के निशान देखे
पेटी के बारे में कैसे जाना:
- बड़ा भाई: पेटी हल्की थी और उसमें कुछ लुढ़कने की आवाज़ आई
- मझला भाई: पेटी उद्यान से आई थी जहां अनार के पेड़ थे
- छोटा भाई: उस समय उद्यान में सभी अनार कच्चे थे
न्याय और सम्मान
राजा को भाइयों की बुद्धि और ईमानदारी का प्रमाण मिल गया। उसने:
- ऊंट के स्वामी को सही दिशा में खोजने भेजा
- भाइयों को निर्दोष घोषित किया
- उनकी असाधारण बुद्धि की प्रशंसा की
- उन्हें अपने दरबार में रख लिया
कहानी का संदेश
यह लोककथा कई महत्वपूर्ण बातें सिखाती है:
- अवलोकन की शक्ति: हर छोटी-बड़ी चीज़ पर ध्यान देना
- बुद्धि का महत्व: धन से कहीं अधिक मूल्यवान है बुद्धि
- सत्य की विजय: सच्चाई हमेशा जीतती है
- न्याय: बिना सही जांच के किसी को दोषी नहीं ठहराना चाहिए
नए शब्दों की सूची
शब्द | अर्थ |
---|---|
निर्धन | Poor, without money |
संचित | Collected, accumulated |
पैनी दृष्टि | Sharp observation |
तीव्र बुद्धि | Sharp intelligence |
चरवाहा | Shepherd |
सन्सान | Deserted, lonely |
वीरान | Desolate |
घाटी | Valley |
चूर | Exhausted |
छाले | Blisters |
घुड़सवार | Horse rider |
शंका | Doubt, suspicion |
आश्चर्य | Wonder, amazement |
निरीक्षण | Observation |
दरबार | Royal court |
अनुमान | Guess, estimation |
परीक्षा | Test, examination |
निर्दोष | Innocent |
असाधारण | Extraordinary |
प्रशंसा | Praise |