Chapter 5: नहीं होना बीमार
Chapter Summary
नहीं होना बीमार - Chapter Summary
## कहानी का आरंभ - अस्पताल का दृश्य
कहानी की शुरुआत होती है जब एक बच्चा अपनी नानीजी के साथ अस्पताल जाता है। वे अपने पड़ोसी सुधाकर काका को देखने जाते हैं जो बीमार थे। यह बच्चे के लिए अस्पताल जाने का पहला अवसर था।
अस्पताल का वातावरण बच्चे को बहुत अच्छा लगता है। बड़े वार्ड में एक जैसे पलंग लाइन से लगे हुए थे, सब पर सफेद चादर और लाल कंबल। सफेद दीवारें, ऊंची छत, हरे परदे और चमकता हुआ फर्श। बड़ी-बड़ी खिड़कियों के पास हरे पेड़ झूम रहे थे। न ट्रैफिक का शोरगुल, न धूल, न मच्छर-मक्खी, सिर्फ लोगों की धीमी-धीमी बातचीत की गुनगुन।
## सुधाकर काका की देखभाल
सुधाकर काका अपने बिस्तर पर लेटे हुए थे। उन्हें देखकर खुश हो गए। नानीजी ने उनके सिर पर हाथ फेरा और हालचाल पूछे। एक नर्स आई और काका को दवा दी। नानीजी साबूदाने की खीर बनाकर लाई थीं। नर्स की अनुमति से नानीजी ने चम्मच से धीरे-धीरे काका को खीर खिलाई।
## बच्चे का विचार
बच्चे को लगा कि बीमारों के भी क्या ठाठ हैं! साफ-सुथरे बिस्तर पर लेटे रहो और साबूदाने की खीर खाते रहो। वह सोचता है कि काश सुधाकर काका की जगह मैं होता। उसे लगता है कि वह कब बीमार पड़ेगा।
## झूठी बीमारी का निर्णय
कुछ दिन बाद एक दिन बच्चे का स्कूल जाने का मन नहीं किया। उसने होमवर्क भी नहीं किया था। स्कूल जाने पर सजा मिलती। उसने सोचा कि बीमार पड़ने के लिए आज का दिन बिल्कुल ठीक है।
## बीमारी का नाटक
सुबह जब नानीजी उसे उठाने आईं, तो बच्चे ने कहा कि वह बीमार है। उसने कहा कि सिर में दर्द हो रहा है, पेट भी दुख रहा है और बुखार भी है। नानीजी चली गईं।
## घर की गतिविधियां
बच्चा रजाई में पड़ा-पड़ा घर की गतिविधियों का अनुमान लगाता रहा। छोटे मामा नहाकर निकले, कुसुम मौसी कॉलेज बस पकड़ने भागीं, मन्नू अपना जूता ढूंढ रहा था। सब चले गए और वह अकेला रह गया।
## नानाजी की जांच
नानाजी आए और पूछा कि क्या हुआ। बच्चे ने कहा कि बुखार आ गया। नानाजी ने रजाई हटाकर माथा छुआ, पेट देखा और नब्ज देखी। नानीजी भी आ गईं। नानाजी ने कहा कि बुखार तो नहीं है।
## थर्मामीटर की तलाश
बच्चे ने कहा कि थर्मामीटर लगाकर देखें। घर में थर्मामीटर नहीं मिला। शायद कोई मांगकर ले गया था। नानाजी ने कड़वी पुड़िया दी और काढ़े जैसी चाय पिलाई। उन्होंने कहा कि आज इसे कुछ खाने को मत देना, आराम करने दो।
## भूख और बोरियत
बच्चे को भूख लगी लेकिन वह कुछ नहीं कह सका। उसे पता था कि अगर वह भूख की बात करेगा तो नानाजी कहेंगे कि बीमारी में भूखे रहना सबसे अच्छा उपाय है। वह सोचता है कि यह कितनी मुसीबत है।
## दिन भर का कष्ट
दिन भर लेटे रहने से पीठ दुखने लगी। बच्चे को बहुत इच्छा हुई कि बाहर निकलकर गली की चहल-पहल देखे। लेकिन मजबूरी थी। दोपहर में सबने खाना खाया लेकिन उसे कोई नहीं पूछा।
## मन्नू का आम
बच्चे ने देखा कि मन्नू आम चूस रहा था। उसे जलन और गुस्सा आया। वह सोचता है कि यह कैसे चूस रहा है जैसे आम कभी देखे न हों।
## भोजन की कल्पना
भूख के कारण नींद नहीं आ रही थी। बच्चे को सपने में भी खाने की चीजें दिखाई देतीं - गरमागरम कचौड़ी, मावे की बर्फी, बेसन की चिक्की, गोलगप्पे और साबूदाने की खीर।
## पछतावा
बच्चे को लगा कि यह अच्छी खासी बोरियत हो गई। पूरा दिन कैसे लेटा रहे? शाम को भी नानाजी बाहर जाने देंगे क्या? सारे बच्चे आंगन में खेल रहे होंगे और वह बिस्तर में पड़ा रहेगा।
## गली की खुशबू
खाना बनने की खुशबू आ रही थी। अरहर की दाल में हींग-जीरे का बघार और बारीक कटा हरा धनिया। मन्नू आम चूस रहा था। बच्चे को जलन और गुस्सा आया।
## दिन का अंत
पूरे दिन बच्चे को भूखे पेट रहना पड़ा। उसने सोचा कि सारे विकार निकल गए। वह बहुत परेशान हो गया।
## सबक
इस घटना के बाद स्कूल से छुट्टी मारने के लिए बच्चे ने बीमारी का बहाना कभी नहीं बनाया। उसे एहसास हो गया कि झूठ बोलने के क्या परिणाम होते हैं।
## लेखक परिचय
स्वयं प्रकाश (1947-2019) हिंदी के जाने-माने लेखक थे। उनकी कहानियां बच्चों और बड़ों के दिलों को छू जाती हैं। उनकी कहानियां पढ़ते हुए लगता है मानो वे हमारे ही जीवन की कहानियां हैं। उन्होंने बच्चों के लिए कई मनोरंजक कहानियां लिखीं हैं।
## कहानी का संदेश
यह कहानी बताती है कि झूठ बोलने के परिणाम कितने कष्टकारी हो सकते हैं। बच्चे को लगता था कि बीमार होना आसान है, लेकिन वास्तव में यह बहुत मुश्किल है। कहानी यह भी दिखाती है कि छोटे-छोटे झूठ कैसे बड़ी परेशानी का कारण बन सकते हैं।
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## नए शब्दों की परिभाषा (अंग्रेजी में)
| शब्द | अर्थ (Definition) |
|------|------------------|
| साबूदाना | Small pearl-shaped balls made from tapioca starch |
| वार्ड | A section or division of a hospital |
| नर्स | A person who cares for sick or injured people |
| रजाई | A thick quilt or blanket filled with cotton |
| थर्मामीटर | An instrument for measuring body temperature |
| काढ़ा | A herbal drink made by boiling medicinal herbs |
| ड्राइक्लीनर | A person who cleans delicate clothes without water |
| ताजमहल | A famous monument in Agra, India |
| अरहर | A type of lentil (pigeon pea) |
| गतिविधियां | Activities or movements |
| अनुमान | Guess or estimation |
| मुसीबत | Trouble or difficulty |
| बोरियत | Boredom or tedium |
| पछतावा | Regret or remorse |
| विकार | Disorder or ailment |
| एहसास | Realization or awareness |---
title: "नहीं होना बीमार"
description: "स्वयं प्रकाश द्वारा लिखी गई हास्यप्रधान कहानी ‘नहीं होना बीमार’ का सारांश, जिसमें एक बालक की बीमारी का नाटक और उसके परिणामों को रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।"
keywords: "बीमारी, स्कूल, झूठ, खीर, दवा, भूख, हास्य, नाटक, घर, अस्पताल, sabudana kheer, illness, school, truth, food, hunger, humour"
subject: "hindi"
slug: "nahi-hona-beemar"
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# नहीं होना बीमार
## कहानी का सारांश
यह कहानी एक बालक के अनुभव पर आधारित है जो एक दिन स्कूल का होमवर्क न करने के कारण बीमार होने का बहाना बनाता है। शुरुआत में वह अपनी नानी के साथ अस्पताल जाता है जहाँ एक बीमार व्यक्ति (सुधाकर काका) को देखता है। वहाँ की सफाई, शांति और स्वादिष्ट साबूदाने की खीर उसे इतनी अच्छी लगती है कि वह खुद बीमार होने की कल्पना करने लगता है।
कुछ दिन बाद जब उसका स्कूल जाने का मन नहीं होता और होमवर्क भी अधूरा होता है, तब वह बीमार होने का नाटक करता है। वह बुखार, पेट दर्द और सिर दर्द का बहाना बनाता है। नानाजी उसकी नब्ज देखते हैं, लेकिन थर्मामीटर नहीं मिल पाता। उसे कड़वी पुड़िया और काढ़ा पीना पड़ता है, खाना नहीं मिलता और उसे रजाई में पड़े रहना होता है।
धीरे-धीरे उसे घर की गतिविधियों से ऊब होने लगती है। भूख लगती है लेकिन कोई उसे पूछता नहीं। वह कल्पना करता है कि क्या पक रहा होगा, मन में जलन, क्रोध और पछतावा भी होता है। उसे लगता है कि स्कूल जाकर होमवर्क की सज़ा मिल जाती तो भी अच्छा था। अंततः वह यह निश्चय करता है कि आगे से कभी बीमारी का बहाना नहीं बनाएगा।
## मुख्य विषय
- **बीमारी की वास्तविकता बनाम कल्पना**
- **भोजन की इच्छा और लालसा**
- **झूठ बोलने के परिणाम**
- **घर का परिवेश और दिनचर्या का वर्णन**
- **पछतावा और आत्मबोध**
## लेखक परिचय
स्वयं प्रकाश हिंदी के प्रसिद्ध लेखक थे। उन्होंने बच्चों और बड़ों दोनों के लिए कहानियाँ लिखीं जो पाठकों को अपने जीवन की झलक देती हैं। उनकी कहानियाँ सहज भाषा, हास्य और जीवन के यथार्थ को प्रस्तुत करने के लिए जानी जाती हैं।
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## नए शब्द और सरल अर्थ
| शब्द | सरल अर्थ |
|------------------|-----------|
| साबूदाना | एक प्रकार का खाद्य पदार्थ जो उपवास में खाया जाता है |
| वार्ड (वॉर्ड) | अस्पताल का एक हिस्सा जहाँ कई मरीज रहते हैं |
| नर्स | रोगियों की देखभाल करने वाली महिला |
| रजाई | सर्दी में ओढ़ने वाली गर्म ओढ़नी |
| थर्मामीटर | बुखार नापने का यंत्र |
| काढ़ा | औषधीय जड़ी-बूटियों से बना गरम पेय |
| ड्रायक्लीनर | कपड़े साफ करने वाला व्यक्ति |
| ताजमहल | एक प्रसिद्ध सफेद संगमरमर की इमारत |
| अरहर | एक प्रकार की दाल |
| विकार | शरीर के भीतर की अशुद्धियाँ या बीमारी |
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## रचनात्मक अभ्यास और भाषा-विन्यास
### पंक्तियों पर विचार
1. **"मैंने सोचा बीमार पड़ने के लिए आज का दिन बिल्कुल ठीक रहेगा। चलो बीमार पड़ जाते हैं।"**
→ यह पंक्ति बालक की मासूम और कल्पनात्मक सोच को दर्शाती है। वह सोचता है कि बीमार होने से आराम मिलेगा।
2. **"देखो! उन्होंने एक बार भी आकर नहीं पूछा कि तू क्या खाएगा?..."**
→ यह पंक्ति बच्चे की उपेक्षा, असंतोष और जलन के भाव को प्रकट करती है।
### लेखन की विशेषताएँ
- **चित्रात्मक भाषा**: लेखक ने अस्पताल और घर के दृश्य इतने सुंदर शब्दों में प्रस्तुत किए हैं कि पाठक उन्हें अपनी आँखों से देख सकता है।
- **हास्य और व्यंग्य**: बालक की सोच, भूख से संबंधित कल्पनाएँ, और उसके पछतावे को हँसी के साथ प्रस्तुत किया गया है।
- **वास्तविक अनुभवों का चित्रण**: कहानी में बच्चा खुद से बातें करता है, सोचता है और व्यवहारिक अनुभव से सीखता है।
## सोच-विचार और कल्पना
- अगर नानीजी को बच्चा झूठ बोलता जान जाएँ और फिर भी उससे सच उगलवाना हो, तो वह उसे प्यार से विश्वास दिलाकर या कोई चुटीली योजना बनाकर पूछ सकती हैं।
- यदि आप उस बच्चे की जगह होते, तो ऊब से बचने के लिए किताब पढ़ते, खिड़की से बाहर का दृश्य देखते या डायरी लिखते।
## व्याकरण और भाषा कौशल
### विराम चिह्न अभ्यास
| चिह्न | प्रयोग उदाहरण |
|--------|----------------|
| । | वाक्य समाप्त करने के लिए |
| , | वाक्य में रुकावट दिखाने के लिए |
| “ ” | किसी के कथन को दर्शाने के लिए |
| ? | प्रश्न पूछने के लिए |
| ! | आश्चर्य या जोर दिखाने के लिए |
### रोचक वाक्य प्रयोग
| सामान्य वाक्य | कहानी का रूप |
|------------------|----------------|
| मैं दरवाजे तक गया | दबे पाँव दरवाजे तक गया और चुपके से झाँका |
| बाहर पेड़ हिल रहे थे | हरे पेड़ झूम रहे थे |
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## Keywords (शब्द-सूचक)
**Hindi**: बीमार, बहाना, भूख, साबूदाना, अस्पताल, नानी, नानाजी, अकेलापन, खीर, झूठ
**English**: illness, excuse, hunger, sabudana, hospital, grandmother, grandfather, loneliness, kheer, lie
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## खाना-पीना आधारित पहेलियाँ (उत्तर सहित)
1. पराठा
2. इडली
3. वड़ा पाव
4. ढोकला
5. पानीपुरी / गोलगप्पा
6. मक्के की रोटी
7. बाटी
8. रसगुल्ला
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## अभ्यास प्रश्न
### आसान (Easy)
1. बच्चा स्कूल क्यों नहीं गया?
- क्योंकि उसने होमवर्क नहीं किया था।
2. नानीजी अस्पताल में काका को क्या खिलाने लाई थीं?
- साबूदाने की खीर।
3. बच्चे को सबसे ज्यादा किस खाने की इच्छा हो रही थी?
- साबूदाने की खीर।
### मध्यम (Medium)
4. बच्चे ने थर्मामीटर से ताप क्यों नहीं नापा?
- क्योंकि थर्मामीटर घर में नहीं मिला।
5. कहानी का अंत क्या सिखाता है?
- झूठ बोलने से परेशानी होती है, और स्कूल जाना बेहतर होता है।
### कठिन (Difficult)
6. बच्चा किन चीजों की कल्पना कर रहा था जब वह रजाई में पड़ा था?
- बाहर की गली, दुकानों की चहल-पहल, खाने की चीजें, आम चूसते हुए मनुन्नू।
7. नानी-नानाजी का व्यवहार बच्चे के प्रति कैसा था?
- वे चिंतित, अनुशासित और उसकी भलाई के लिए सख्त थे।
8. बच्चा बीमारी का बहाना क्यों बनाना छोड़ देता है?
- क्योंकि उसे दिन भर अकेले रहना, भूखा रहना और ऊब सहनी पड़ी।
### बहुत कठिन (Very Difficult)
9. अस्पताल में बच्चा क्या सोचकर बीमार होना चाहता था?
- उसे लगा कि बीमारों को आराम मिलता है, स्वादिष्ट खीर मिलती है और स्कूल नहीं जाना पड़ता।
10. कहानी में हास्य का प्रयोग कैसे किया गया है?
- बच्चे की मासूम कल्पनाओं और उसके झूठ के नाटकीय परिणामों के माध्यम से हास्य उत्पन्न होता है।
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नहीं होना बीमार
कहानी का आरंभ - अस्पताल का दृश्य
कहानी की शुरुआत होती है जब एक बच्चा अपनी नानीजी के साथ अस्पताल जाता है। वे अपने पड़ोसी सुधाकर काका को देखने जाते हैं जो बीमार थे। यह बच्चे के लिए अस्पताल जाने का पहला अवसर था।
अस्पताल का वातावरण बच्चे को बहुत अच्छा लगता है। बड़े वार्ड में एक जैसे पलंग लाइन से लगे हुए थे, सब पर सफेद चादर और लाल कंबल। सफेद दीवारें, ऊंची छत, हरे परदे और चमकता हुआ फर्श। बड़ी-बड़ी खिड़कियों के पास हरे पेड़ झूम रहे थे। न ट्रैफिक का शोरगुल, न धूल, न मच्छर-मक्खी, सिर्फ लोगों की धीमी-धीमी बातचीत की गुनगुन।
सुधाकर काका की देखभाल
सुधाकर काका अपने बिस्तर पर लेटे हुए थे। उन्हें देखकर खुश हो गए। नानीजी ने उनके सिर पर हाथ फेरा और हालचाल पूछे। एक नर्स आई और काका को दवा दी। नानीजी साबूदाने की खीर बनाकर लाई थीं। नर्स की अनुमति से नानीजी ने चम्मच से धीरे-धीरे काका को खीर खिलाई।
बच्चे का विचार
बच्चे को लगा कि बीमारों के भी क्या ठाठ हैं! साफ-सुथरे बिस्तर पर लेटे रहो और साबूदाने की खीर खाते रहो। वह सोचता है कि काश सुधाकर काका की जगह मैं होता। उसे लगता है कि वह कब बीमार पड़ेगा।
झूठी बीमारी का निर्णय
कुछ दिन बाद एक दिन बच्चे का स्कूल जाने का मन नहीं किया। उसने होमवर्क भी नहीं किया था। स्कूल जाने पर सजा मिलती। उसने सोचा कि बीमार पड़ने के लिए आज का दिन बिल्कुल ठीक है।
बीमारी का नाटक
सुबह जब नानीजी उसे उठाने आईं, तो बच्चे ने कहा कि वह बीमार है। उसने कहा कि सिर में दर्द हो रहा है, पेट भी दुख रहा है और बुखार भी है। नानीजी चली गईं।
घर की गतिविधियां
बच्चा रजाई में पड़ा-पड़ा घर की गतिविधियों का अनुमान लगाता रहा। छोटे मामा नहाकर निकले, कुसुम मौसी कॉलेज बस पकड़ने भागीं, मन्नू अपना जूता ढूंढ रहा था। सब चले गए और वह अकेला रह गया।
नानाजी की जांच
नानाजी आए और पूछा कि क्या हुआ। बच्चे ने कहा कि बुखार आ गया। नानाजी ने रजाई हटाकर माथा छुआ, पेट देखा और नब्ज देखी। नानीजी भी आ गईं। नानाजी ने कहा कि बुखार तो नहीं है।
थर्मामीटर की तलाश
बच्चे ने कहा कि थर्मामीटर लगाकर देखें। घर में थर्मामीटर नहीं मिला। शायद कोई मांगकर ले गया था। नानाजी ने कड़वी पुड़िया दी और काढ़े जैसी चाय पिलाई। उन्होंने कहा कि आज इसे कुछ खाने को मत देना, आराम करने दो।
भूख और बोरियत
बच्चे को भूख लगी लेकिन वह कुछ नहीं कह सका। उसे पता था कि अगर वह भूख की बात करेगा तो नानाजी कहेंगे कि बीमारी में भूखे रहना सबसे अच्छा उपाय है। वह सोचता है कि यह कितनी मुसीबत है।
दिन भर का कष्ट
दिन भर लेटे रहने से पीठ दुखने लगी। बच्चे को बहुत इच्छा हुई कि बाहर निकलकर गली की चहल-पहल देखे। लेकिन मजबूरी थी। दोपहर में सबने खाना खाया लेकिन उसे कोई नहीं पूछा।
मन्नू का आम
बच्चे ने देखा कि मन्नू आम चूस रहा था। उसे जलन और गुस्सा आया। वह सोचता है कि यह कैसे चूस रहा है जैसे आम कभी देखे न हों।
भोजन की कल्पना
भूख के कारण नींद नहीं आ रही थी। बच्चे को सपने में भी खाने की चीजें दिखाई देतीं - गरमागरम कचौड़ी, मावे की बर्फी, बेसन की चिक्की, गोलगप्पे और साबूदाने की खीर।
पछतावा
बच्चे को लगा कि यह अच्छी खासी बोरियत हो गई। पूरा दिन कैसे लेटा रहे? शाम को भी नानाजी बाहर जाने देंगे क्या? सारे बच्चे आंगन में खेल रहे होंगे और वह बिस्तर में पड़ा रहेगा।
गली की खुशबू
खाना बनने की खुशबू आ रही थी। अरहर की दाल में हींग-जीरे का बघार और बारीक कटा हरा धनिया। मन्नू आम चूस रहा था। बच्चे को जलन और गुस्सा आया।
दिन का अंत
पूरे दिन बच्चे को भूखे पेट रहना पड़ा। उसने सोचा कि सारे विकार निकल गए। वह बहुत परेशान हो गया।
सबक
इस घटना के बाद स्कूल से छुट्टी मारने के लिए बच्चे ने बीमारी का बहाना कभी नहीं बनाया। उसे एहसास हो गया कि झूठ बोलने के क्या परिणाम होते हैं।
लेखक परिचय
स्वयं प्रकाश (1947-2019) हिंदी के जाने-माने लेखक थे। उनकी कहानियां बच्चों और बड़ों के दिलों को छू जाती हैं। उनकी कहानियां पढ़ते हुए लगता है मानो वे हमारे ही जीवन की कहानियां हैं। उन्होंने बच्चों के लिए कई मनोरंजक कहानियां लिखीं हैं।
कहानी का संदेश
यह कहानी बताती है कि झूठ बोलने के परिणाम कितने कष्टकारी हो सकते हैं। बच्चे को लगता था कि बीमार होना आसान है, लेकिन वास्तव में यह बहुत मुश्किल है। कहानी यह भी दिखाती है कि छोटे-छोटे झूठ कैसे बड़ी परेशानी का कारण बन सकते हैं।
नए शब्दों की परिभाषा (अंग्रेजी में)
शब्द | अर्थ (Definition) |
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साबूदाना | Small pearl-shaped balls made from tapioca starch |
वार्ड | A section or division of a hospital |
नर्स | A person who cares for sick or injured people |
रजाई | A thick quilt or blanket filled with cotton |
थर्मामीटर | An instrument for measuring body temperature |
काढ़ा | A herbal drink made by boiling medicinal herbs |
ड्राइक्लीनर | A person who cleans delicate clothes without water |
ताजमहल | A famous monument in Agra, India |
अरहर | A type of lentil (pigeon pea) |
गतिविधियां | Activities or movements |
अनुमान | Guess or estimation |
मुसीबत | Trouble or difficulty |
बोरियत | Boredom or tedium |
पछतावा | Regret or remorse |
विकार | Disorder or ailment |
एहसास | Realization or awareness |
title: "नहीं होना बीमार" | |
description: "स्वयं प्रकाश द्वारा लिखी गई हास्यप्रधान कहानी ‘नहीं होना बीमार’ का सारांश, जिसमें एक बालक की बीमारी का नाटक और उसके परिणामों को रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया है।" | |
keywords: "बीमारी, स्कूल, झूठ, खीर, दवा, भूख, हास्य, नाटक, घर, अस्पताल, sabudana kheer, illness, school, truth, food, hunger, humour" | |
subject: "hindi" | |
slug: "nahi-hona-beemar" |
नहीं होना बीमार
कहानी का सारांश
यह कहानी एक बालक के अनुभव पर आधारित है जो एक दिन स्कूल का होमवर्क न करने के कारण बीमार होने का बहाना बनाता है। शुरुआत में वह अपनी नानी के साथ अस्पताल जाता है जहाँ एक बीमार व्यक्ति (सुधाकर काका) को देखता है। वहाँ की सफाई, शांति और स्वादिष्ट साबूदाने की खीर उसे इतनी अच्छी लगती है कि वह खुद बीमार होने की कल्पना करने लगता है।
कुछ दिन बाद जब उसका स्कूल जाने का मन नहीं होता और होमवर्क भी अधूरा होता है, तब वह बीमार होने का नाटक करता है। वह बुखार, पेट दर्द और सिर दर्द का बहाना बनाता है। नानाजी उसकी नब्ज देखते हैं, लेकिन थर्मामीटर नहीं मिल पाता। उसे कड़वी पुड़िया और काढ़ा पीना पड़ता है, खाना नहीं मिलता और उसे रजाई में पड़े रहना होता है।
धीरे-धीरे उसे घर की गतिविधियों से ऊब होने लगती है। भूख लगती है लेकिन कोई उसे पूछता नहीं। वह कल्पना करता है कि क्या पक रहा होगा, मन में जलन, क्रोध और पछतावा भी होता है। उसे लगता है कि स्कूल जाकर होमवर्क की सज़ा मिल जाती तो भी अच्छा था। अंततः वह यह निश्चय करता है कि आगे से कभी बीमारी का बहाना नहीं बनाएगा।
मुख्य विषय
- बीमारी की वास्तविकता बनाम कल्पना
- भोजन की इच्छा और लालसा
- झूठ बोलने के परिणाम
- घर का परिवेश और दिनचर्या का वर्णन
- पछतावा और आत्मबोध
लेखक परिचय
स्वयं प्रकाश हिंदी के प्रसिद्ध लेखक थे। उन्होंने बच्चों और बड़ों दोनों के लिए कहानियाँ लिखीं जो पाठकों को अपने जीवन की झलक देती हैं। उनकी कहानियाँ सहज भाषा, हास्य और जीवन के यथार्थ को प्रस्तुत करने के लिए जानी जाती हैं।
नए शब्द और सरल अर्थ
शब्द | सरल अर्थ |
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साबूदाना | एक प्रकार का खाद्य पदार्थ जो उपवास में खाया जाता है |
वार्ड (वॉर्ड) | अस्पताल का एक हिस्सा जहाँ कई मरीज रहते हैं |
नर्स | रोगियों की देखभाल करने वाली महिला |
रजाई | सर्दी में ओढ़ने वाली गर्म ओढ़नी |
थर्मामीटर | बुखार नापने का यंत्र |
काढ़ा | औषधीय जड़ी-बूटियों से बना गरम पेय |
ड्रायक्लीनर | कपड़े साफ करने वाला व्यक्ति |
ताजमहल | एक प्रसिद्ध सफेद संगमरमर की इमारत |
अरहर | एक प्रकार की दाल |
विकार | शरीर के भीतर की अशुद्धियाँ या बीमारी |
रचनात्मक अभ्यास और भाषा-विन्यास
पंक्तियों पर विचार
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"मैंने सोचा बीमार पड़ने के लिए आज का दिन बिल्कुल ठीक रहेगा। चलो बीमार पड़ जाते हैं।"
→ यह पंक्ति बालक की मासूम और कल्पनात्मक सोच को दर्शाती है। वह सोचता है कि बीमार होने से आराम मिलेगा। -
"देखो! उन्होंने एक बार भी आकर नहीं पूछा कि तू क्या खाएगा?..."
→ यह पंक्ति बच्चे की उपेक्षा, असंतोष और जलन के भाव को प्रकट करती है।
लेखन की विशेषताएँ
- चित्रात्मक भाषा: लेखक ने अस्पताल और घर के दृश्य इतने सुंदर शब्दों में प्रस्तुत किए हैं कि पाठक उन्हें अपनी आँखों से देख सकता है।
- हास्य और व्यंग्य: बालक की सोच, भूख से संबंधित कल्पनाएँ, और उसके पछतावे को हँसी के साथ प्रस्तुत किया गया है।
- वास्तविक अनुभवों का चित्रण: कहानी में बच्चा खुद से बातें करता है, सोचता है और व्यवहारिक अनुभव से सीखता है।
सोच-विचार और कल्पना
- अगर नानीजी को बच्चा झूठ बोलता जान जाएँ और फिर भी उससे सच उगलवाना हो, तो वह उसे प्यार से विश्वास दिलाकर या कोई चुटीली योजना बनाकर पूछ सकती हैं।
- यदि आप उस बच्चे की जगह होते, तो ऊब से बचने के लिए किताब पढ़ते, खिड़की से बाहर का दृश्य देखते या डायरी लिखते।
व्याकरण और भाषा कौशल
विराम चिह्न अभ्यास
चिह्न | प्रयोग उदाहरण |
---|---|
। | वाक्य समाप्त करने के लिए |
, | वाक्य में रुकावट दिखाने के लिए |
“ ” | किसी के कथन को दर्शाने के लिए |
? | प्रश्न पूछने के लिए |
! | आश्चर्य या जोर दिखाने के लिए |
रोचक वाक्य प्रयोग
सामान्य वाक्य | कहानी का रूप |
---|---|
मैं दरवाजे तक गया | दबे पाँव दरवाजे तक गया और चुपके से झाँका |
बाहर पेड़ हिल रहे थे | हरे पेड़ झूम रहे थे |
Keywords (शब्द-सूचक)
Hindi: बीमार, बहाना, भूख, साबूदाना, अस्पताल, नानी, नानाजी, अकेलापन, खीर, झूठ
English: illness, excuse, hunger, sabudana, hospital, grandmother, grandfather, loneliness, kheer, lie
खाना-पीना आधारित पहेलियाँ (उत्तर सहित)
- पराठा
- इडली
- वड़ा पाव
- ढोकला
- पानीपुरी / गोलगप्पा
- मक्के की रोटी
- बाटी
- रसगुल्ला
अभ्यास प्रश्न
आसान (Easy)
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बच्चा स्कूल क्यों नहीं गया?
- क्योंकि उसने होमवर्क नहीं किया था।
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नानीजी अस्पताल में काका को क्या खिलाने लाई थीं?
- साबूदाने की खीर।
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बच्चे को सबसे ज्यादा किस खाने की इच्छा हो रही थी?
- साबूदाने की खीर।
मध्यम (Medium)
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बच्चे ने थर्मामीटर से ताप क्यों नहीं नापा?
- क्योंकि थर्मामीटर घर में नहीं मिला।
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कहानी का अंत क्या सिखाता है?
- झूठ बोलने से परेशानी होती है, और स्कूल जाना बेहतर होता है।
कठिन (Difficult)
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बच्चा किन चीजों की कल्पना कर रहा था जब वह रजाई में पड़ा था?
- बाहर की गली, दुकानों की चहल-पहल, खाने की चीजें, आम चूसते हुए मनुन्नू।
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नानी-नानाजी का व्यवहार बच्चे के प्रति कैसा था?
- वे चिंतित, अनुशासित और उसकी भलाई के लिए सख्त थे।
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बच्चा बीमारी का बहाना क्यों बनाना छोड़ देता है?
- क्योंकि उसे दिन भर अकेले रहना, भूखा रहना और ऊब सहनी पड़ी।
बहुत कठिन (Very Difficult)
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अस्पताल में बच्चा क्या सोचकर बीमार होना चाहता था?
- उसे लगा कि बीमारों को आराम मिलता है, स्वादिष्ट खीर मिलती है और स्कूल नहीं जाना पड़ता।
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कहानी में हास्य का प्रयोग कैसे किया गया है?
- बच्चे की मासूम कल्पनाओं और उसके झूठ के नाटकीय परिणामों के माध्यम से हास्य उत्पन्न होता है।