Chapter 7: वर्षा-बहार
Chapter Summary
वर्षा-बहार - Chapter Summary
## कविता का परिचय
"वर्षा-बहार" मुकुटधर पाण्डेय जी द्वारा रचित एक सुंदर कविता है जो वर्षा ऋतु की प्राकृतिक सुंदरता और जीवन में आने वाले आनंद का चित्रण करती है।
## कवि परिचय
मुकुटधर पाण्डेय का जन्म छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हुआ था। प्रकृति-सौंदर्य की विभिन्न छवियां उनकी रचनाओं में देखने को मिलती हैं। किशोरावस्था में ही उन्होंने कविता और लेख आदि लिखना शुरू कर दिया था। उस समय की पत्रिकाओं - सरस्वती और माधुरी में उनकी रचनाएं प्रमुखता से प्रकाशित होती थीं। हिंदी साहित्य में मुकुटधर पाण्डेय के योगदान को देखते हुए भारत सरकार द्वारा इन्हें 'पद्मश्री' सम्मान दिया गया था।
## मुख्य कविता का सारांश
### प्रथम अंश
कविता की शुरुआत में कवि बताते हैं कि वर्षा-बहार सब के मन को लुभा रही है। आकाश में अनूठी छटा और घनघोर बादल छाए हुए हैं। बिजली चमक रही है और बादल गरज रहे हैं। पानी बरस रहा है और झरने भी बह रहे हैं।
### द्वितीय अंश
ठंडी हवा चल रही है और सभी डालियां हिल रही हैं। बागों में सुंदर गीत गा रही हैं मालिनें। तालाबों में जलचर जीव अत्यंत प्रसन्न हैं। लाखों पपीहे फिर रहे हैं और गर्मी के ताप से राहत पा रहे हैं।
### तृतीय अंश
मोर वन में नृत्य कर रहे हैं। मेंढक प्रसन्न होकर सुंदर गीत गा रहे हैं। गुलाब कैसा खिला हुआ है और सुगंध उड़ा रहा है। बागों में खूब खुशी से आमोद छा रहा है।
### चतुर्थ अंश
हंस कहीं पर सुंदर कतार बांधे चल रहे हैं। किसान मनमोहक गीत गा रहे हैं। इस प्रकार यह अनोखी वर्षा बहार भूमि पर है। सारे जगत की शोभा इसी पर निर्भर है।
## मुख्य विषय और संदेश
### प्रकृति का आनंद
कविता में वर्षा ऋतु को प्रकृति के आनंद और खुशी के रूप में चित्रित किया गया है। सभी जीव-जंतु इस समय प्रसन्न हैं।
### जीवन का स्रोत
वर्षा को पृथ्वी पर हरियाली और जीवन का मुख्य स्रोत बताया गया है। कविता में यह दिखाया गया है कि सारे जगत की शोभा वर्षा पर निर्भर है।
### प्राकृतिक संगीत
कविता में विभिन्न प्राकृतिक आवाजों को संगीत के रूप में दर्शाया गया है - मेंढकों का गीत, पक्षियों का गान, बादलों का गर्जन।
### सामूहिक खुशी
वर्षा के आने पर सभी - पशु-पक्षी, किसान, प्रकृति - सब मिलकर खुशी मनाते हैं।
## काव्य की विशेषताएं
### भाषा की सुंदरता
कवि ने सरल और मधुर भाषा का प्रयोग किया है। संस्कृत के तत्सम शब्दों का सुंदर प्रयोग है।
### छंद और लय
कविता में सुंदर छंद और लय है जो पढ़ने में आनंद देती है।
### अलंकार
कविता में विभिन्न अलंकारों का सुंदर प्रयोग है जैसे रूपक, उपमा, मानवीकरण आदि।
### प्रकृति चित्रण
कवि ने वर्षा ऋतु का बहुत ही सुंदर और जीवंत चित्रण किया है।
## अतिरिक्त गतिविधियां
### समझ की जांच
पाठ में विभिन्न बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं जो कविता की समझ को जांचने के लिए हैं।
### पंक्तियों का मिलान
कविता की पंक्तियों को उनके भावार्थ से मिलाने की गतिविधि है।
### विशेषण और विशेष्य
कविता में आए विशेषण और विशेष्य शब्दों की पहचान करने का अभ्यास है।
### ऋतु और शब्द
विभिन्न ऋतुओं से संबंधित शब्दों को जोड़ने की गतिविधि है।
## नए शब्द और पद्य सृजन
पाठ में वर्षा से जुड़े नए शब्दों की खोज और स्वयं की कविता रचना के लिए प्रेरणा दी गई है।
## निष्कर्ष
"वर्षा-बहार" एक सुंदर कविता है जो वर्षा ऋतु की प्राकृतिक सुंदरता और जीवन में आने वाली खुशी को दर्शाती है। यह कविता प्रकृति के साथ हमारे गहरे संबंध और प्रकृति के आनंद में भागीदारी का संदेश देती है।
---
## शब्दावली
| शब्द | अर्थ (English) |
|------|---------------|
| वर्षा-बहार | Rainy season spring |
| लुभाना | To attract, enchant |
| नभ | Sky |
| छटा | Splendor, beauty |
| अनूठी | Unique |
| घनघोर | Dense, thick |
| जलचर | Aquatic animals |
| पपीहा | Cuckoo bird |
| ग्रीष्म ताप | Summer heat |
| नृत्य | Dance |
| मालिन | Gardener (female) |
| सौरभ | Fragrance |
| आमोद | Joy, happiness |
| कतार | Row, queue |
| मनहर | Enchanting |
| निर्भर | Dependent |
| प्रसन्न | Happy |
| सुगंध | Fragrance |
| तालाब | Pond |
| डालियां | Branches |
| झरने | Waterfalls |
| गर्जना | Thundering |
| चमकना | To shine |
| बरसना | To rain |
| हिलना | To sway |
वर्षा-बहार - संपूर्ण सारांश
कविता का परिचय
"वर्षा-बहार" मुकुटधर पाण्डेय जी द्वारा रचित एक सुंदर कविता है जो वर्षा ऋतु की प्राकृतिक सुंदरता और जीवन में आने वाले आनंद का चित्रण करती है।
कवि परिचय
मुकुटधर पाण्डेय का जन्म छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में हुआ था। प्रकृति-सौंदर्य की विभिन्न छवियां उनकी रचनाओं में देखने को मिलती हैं। किशोरावस्था में ही उन्होंने कविता और लेख आदि लिखना शुरू कर दिया था। उस समय की पत्रिकाओं - सरस्वती और माधुरी में उनकी रचनाएं प्रमुखता से प्रकाशित होती थीं। हिंदी साहित्य में मुकुटधर पाण्डेय के योगदान को देखते हुए भारत सरकार द्वारा इन्हें 'पद्मश्री' सम्मान दिया गया था।
मुख्य कविता का सारांश
प्रथम अंश
कविता की शुरुआत में कवि बताते हैं कि वर्षा-बहार सब के मन को लुभा रही है। आकाश में अनूठी छटा और घनघोर बादल छाए हुए हैं। बिजली चमक रही है और बादल गरज रहे हैं। पानी बरस रहा है और झरने भी बह रहे हैं।
द्वितीय अंश
ठंडी हवा चल रही है और सभी डालियां हिल रही हैं। बागों में सुंदर गीत गा रही हैं मालिनें। तालाबों में जलचर जीव अत्यंत प्रसन्न हैं। लाखों पपीहे फिर रहे हैं और गर्मी के ताप से राहत पा रहे हैं।
तृतीय अंश
मोर वन में नृत्य कर रहे हैं। मेंढक प्रसन्न होकर सुंदर गीत गा रहे हैं। गुलाब कैसा खिला हुआ है और सुगंध उड़ा रहा है। बागों में खूब खुशी से आमोद छा रहा है।
चतुर्थ अंश
हंस कहीं पर सुंदर कतार बांधे चल रहे हैं। किसान मनमोहक गीत गा रहे हैं। इस प्रकार यह अनोखी वर्षा बहार भूमि पर है। सारे जगत की शोभा इसी पर निर्भर है।
मुख्य विषय और संदेश
प्रकृति का आनंद
कविता में वर्षा ऋतु को प्रकृति के आनंद और खुशी के रूप में चित्रित किया गया है। सभी जीव-जंतु इस समय प्रसन्न हैं।
जीवन का स्रोत
वर्षा को पृथ्वी पर हरियाली और जीवन का मुख्य स्रोत बताया गया है। कविता में यह दिखाया गया है कि सारे जगत की शोभा वर्षा पर निर्भर है।
प्राकृतिक संगीत
कविता में विभिन्न प्राकृतिक आवाजों को संगीत के रूप में दर्शाया गया है - मेंढकों का गीत, पक्षियों का गान, बादलों का गर्जन।
सामूहिक खुशी
वर्षा के आने पर सभी - पशु-पक्षी, किसान, प्रकृति - सब मिलकर खुशी मनाते हैं।
काव्य की विशेषताएं
भाषा की सुंदरता
कवि ने सरल और मधुर भाषा का प्रयोग किया है। संस्कृत के तत्सम शब्दों का सुंदर प्रयोग है।
छंद और लय
कविता में सुंदर छंद और लय है जो पढ़ने में आनंद देती है।
अलंकार
कविता में विभिन्न अलंकारों का सुंदर प्रयोग है जैसे रूपक, उपमा, मानवीकरण आदि।
प्रकृति चित्रण
कवि ने वर्षा ऋतु का बहुत ही सुंदर और जीवंत चित्रण किया है।
अतिरिक्त गतिविधियां
समझ की जांच
पाठ में विभिन्न बहुविकल्पीय प्रश्न दिए गए हैं जो कविता की समझ को जांचने के लिए हैं।
पंक्तियों का मिलान
कविता की पंक्तियों को उनके भावार्थ से मिलाने की गतिविधि है।
विशेषण और विशेष्य
कविता में आए विशेषण और विशेष्य शब्दों की पहचान करने का अभ्यास है।
ऋतु और शब्द
विभिन्न ऋतुओं से संबंधित शब्दों को जोड़ने की गतिविधि है।
नए शब्द और पद्य सृजन
पाठ में वर्षा से जुड़े नए शब्दों की खोज और स्वयं की कविता रचना के लिए प्रेरणा दी गई है।
निष्कर्ष
"वर्षा-बहार" एक सुंदर कविता है जो वर्षा ऋतु की प्राकृतिक सुंदरता और जीवन में आने वाली खुशी को दर्शाती है। यह कविता प्रकृति के साथ हमारे गहरे संबंध और प्रकृति के आनंद में भागीदारी का संदेश देती है।
शब्दावली
शब्द | अर्थ (English) |
---|---|
वर्षा-बहार | Rainy season spring |
लुभाना | To attract, enchant |
नभ | Sky |
छटा | Splendor, beauty |
अनूठी | Unique |
घनघोर | Dense, thick |
जलचर | Aquatic animals |
पपीहा | Cuckoo bird |
ग्रीष्म ताप | Summer heat |
नृत्य | Dance |
मालिन | Gardener (female) |
सौरभ | Fragrance |
आमोद | Joy, happiness |
कतार | Row, queue |
मनहर | Enchanting |
निर्भर | Dependent |
प्रसन्न | Happy |
सुगंध | Fragrance |
तालाब | Pond |
डालियां | Branches |
झरने | Waterfalls |
गर्जना | Thundering |
चमकना | To shine |
बरसना | To rain |
हिलना | To sway |